कोरोना का Epicenter बने निजामुद्दीन मरकज के मौलाना

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कोरोना वायरस के पिछले 24 घंटों में 1637 केस सामने आए हैं। इनमें 386 मामले जांच में पाजिटिव पाये गए हैं। इतनी तेज बढ़त निजामुद्दीन मरकज की वजह से है।
कोरोना वायरस के पिछले 24 घंटों में 1637 केस सामने आए हैं। इनमें 386 मामले जांच में पाजिटिव पाये गए हैं। इतनी तेज बढ़त निजामुद्दीन मरकज की वजह से है।

DELHI/ RANCHI/ PATNA : कोरोना का Epicenter निजामुद्दीन के मरकज में मौलवियों का महाजुटान बन गया है। मरकज में तकरीबन 2000 लोग देश-विदेश से जुटे थे। 15 मार्च को इनमें शामिल ज्यादातर विदेशी दूसरे राज्यों में चले गये। वहां इन लोगों ने मसजिदों में पनाह ली। देश से जुटे लोग भी अपने सूबे को लौटे।

जब बिहार से मरकज में शामिल विदेशी मुसलमानों के पकड़े जाने की सूचना फैली तो दूसरे ने भी चौकसी बढ़ायी। उसके बाद रांची की दो मसजिदों से तकरीबन दो दर्जन विदेशी मौलवी पकड़े गये। उसके बाद मेरठ और दूसरे राज्यों के शहरों में भी इनकी तलाश शुरू हुई। मेरठ में विदेशी मौलवी मसजिदों में मिले। बिहार से मरकज में शामिल होने के लिए 87 लोग गए थे, जिनमें अकेले पटना के 17 लोग हैं। सूटचना के मुताबिक ये सभी लापता हैं।

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झारखंड से भी मरकज में 68 लोग शामिल हुए थे। इनमें संथाल परगना और धनबाद कोयलांचल के 16 तथा कोल्हान के 8 लोग बताए जाते हैं। रांची से भी 46 लोग शामिल हुए थे। अकेले धनबाद से मरकज में 9 लोग गये थे। पुलिस की विशेष शाखा ने इनकी पहचान भी कर ली है। इनमें जियाउर रहमान, इम्तियाज उल हक, मोहम्मद आफताब, मो. असलम, मोहम्मद साबिर, मोहम्मद हाशिम शामिल हैं। रांची में इसमें शामिल एक विदेशी महिला में कोरोना संक्रमण के लक्षण मिलने के बाद जांच की गयी तो रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। यह झारखंड में कोरोना पाजिटिव का पहला माला है। रिपोर्ट आने के बाद इनकी तलाश में चौकसी बढ़ा दी गई है। आलम यह है कि मुहल्लों के लोग अब अपने मुहल्लों में आवाजाही रोकने के लिए बैरिकेड बना रहे हैं।

इस बीच निजामुद्दीन मरकज आज तड़के 4 बजे पूरी तरह खाली करा लिया गया। 2100 लोगों को वहां से निकाला गया। मरकज के कारण देशभर में लगभग एक सौ लोगों के संक्रमित होने का मामला सामने आ रहा है। सोमवार से ही मरकज को काली कराने की प्रकिया शुरू कर दी गयी थी। हालांकि मरकज से ताल्लुक रखने वाले लोगों का दावा है कि निजामुद्दीन मरकज में अंदर महज 1000 लोग ही थे।

मरकज से लौटे तेलंगाना के 6 लोगों की मौत के बाद निजामुद्दीन मरकज से लोगों को निकालने की कार्रवाई प्रशासन ने शुरू कर दी थी। मरकज प्रशासन के खिलाफ ने पुलिस ने प्राथमिकी भी दर्ज कर ली है। इसकी जांच पुलिस की अपराध शाखा करेगी। बताया जा रहा है जमात में शिरकत करने के लिए मार्च तक अलग-अलग राज्यों से और विदेशों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। उस वक्त मरकज के आसपास तकरीबन 500 अन्य लोग भी थे। मरकज में 200 से ज्यादा विदेशी लोगों के शामिल होने की सूचना है। मरकज से अपने राज्यों को लौटे लोगों की तलाश में पुलिस सक्रिय हो गई है। उत्तर प्रदेश समेत दूसरे राज्यों की पुलिस इनकी तलाश में जुटी है। ऐसा करना इसलिए जरूरी है कि इनके संक्रमण से दूसरे लोगों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है।

उत्तर प्रदेश प्रशासन का दावा है कि मरकज में शामिल राज्य के 95% लोगों की पहचान कर ली गई है। 300 से अधिक लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया है। बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश के 19 जिलों से लोग मरकज में शामिल होने गए थे। मरकज से लौटने वाले कई विदेशी दूसरे राज्यों की मस्जिदों में पनाह लिए हुए थे। रांची में जिस विदेशी महिला की पहचान हुई है, वह मलेशिया की रहने वाली है। वह भी मस्जिद में ही ठहरी हुई थी। पिछले 15 दिनों के अंदर पटना, रांची, मेरठ और अन्य शहरों की मस्जिदों में 3 दर्जन से ज्यादा विदेशी लोग पकड़े गए। उनके पास वैध पासपोर्ट और वीजा तो थे, लेकिन वे अलग-अलग देशों से यहां की मस्जिदों में कैसे पहुंचे, यह सबसे बड़ा सवाल है।

उत्तर प्रदेश से मिली सूचना के मुताबिक मरकज से लौटे 50 लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया है। इनमें 14 बांग्लादेशी और उनके तीन गाइड भी हैं। उसी तरह आगरा में 89 लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया है। 28 मसजिदों में ये पनाह लिए हुए थे। और मध्य प्रदेश के 13 13 लोग शामिल हैं बाकी की संख्या आगरा के लोगों की है, जो शामिल होने गए थे। एक मस्जिद में 9 मौलाना पनाह लिए हुए थे। इनमें सात इंडोनेशिया के, एक केरल और एक बंगाल के थे। इनके संपर्क में आए 37 लोगों के साथ कुल 46 लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया है। यूपी में कोरोना से गोरखपुर में ताजा मौत हुई है।

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इस बीच रांची जिला प्रशासन ने ऐसे लोगों की तलाश शुरू कर दी है, जो 15 मार्च को राजधानी एक्सप्रेस से रांची पहुंचे थे। रांची में कोरोना संक्रमण का जो पहला मामला सामने आया है, उसने राजधानी एक्सप्रेस के B-1 बोगी में सफर किया था। उस बोगी में सफर करने वाले तमाम मुसाफिरों की सूची रेलवे ने प्रशासन को उपलब्ध करा दी है। टीटीई, अटेंडेंट और खाना परोसने वाले लोगों की सूची भी प्रशासन को मिली है। जिला प्रशासन ने आग्रह किया है ऐसे लोग स्वतः जांच के लिए आ जाएं, वर्ना उनके पते पर पहुंच कर जांट की कार्रवाई की जाएगी।

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निजामुद्दीन में जमात के मरकज में मौलवियों का महाजुटान कोरोना महामारी फैलाने का सबसे बड़ा कारण बन गया है। बिहार से मरकज में शामिल होने के लिए 87 लोग आए थे, जिनमें अकेले पटना के 17 लोग हैं। सूचना के मुताबिक ये सभी लापता हैं। झारखंड से भी मरकज में 68 लोग शामिल हुए थे। इनमें रांची के 46, संथाल परगना और धनबाद कोयलांचल के 16 तथा कोल्हान के 8 लोग बताए जाते हैं। अकेले धनबाद से 9 लोग हैं। विशेष शाखा ने इनकी पहचान भी कर ली है।

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