कैंसर के इलाज के लिए मुजफ्फरपुर में 100 बेड का अस्पताल बनेगा  

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कैंसर के इलाज के लिए मुजफ्फरपुर में 100 बेड का अस्पताल बनेगा। केंद्र सरकार ने अस्पताल बनाने की  मंजूरी जमीन मिलने पर पहले ही दे दी है।
कैंसर के इलाज के लिए मुजफ्फरपुर में 100 बेड का अस्पताल बनेगा। केंद्र सरकार ने अस्पताल बनाने की  मंजूरी जमीन मिलने पर पहले ही दे दी है।

दिल्ली। कैंसर के इलाज के लिए मुजफ्फरपुर में 100 बेड का अस्पताल बनेगा। केंद्र सरकार ने अस्पताल बनाने की  मंजूरी जमीन मिलने पर पहले ही दे दी है। अस्पताल के लिए राज्य सरकार ने एसकेएम कालेज परिसर में निःशुल्क 15 एकड़ जमीन दी है। कोविड के कारण कैंसर अस्पताल का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी के सवाल पर सरकार के जवाब में यह जानकारी दी गयी।

राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी के सवाल के जवाब में कार्मिक, लोकशिकायत और पेंशन तथा पीएमओ के राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह ने बताया कि परमाणु ऊर्जा विभाग की ओर से मुजफ्फरपुर में 198.15 करोड़ की लागत से 100 बेड के कैंसर अस्पताल के निर्माण की मंजूरी दी गई है। उन्होंने स्वीकार किया कि राज्य सरकार ने इस कैंसर अस्पताल के लिए दो वर्ष पूर्व ही श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज के परिसर में निःशुल्क 15 एकड़ जमीन उपलब्ध करा दी है।

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मंत्री ने बताया कि वर्ष 2020-21 के बजट में प्रारंभिक परियोजना से संबंधित गतिविधियां शुरू करने के लिए 7 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। विगत वर्ष से जारी वैश्विक महामारी कोविड के कारण अभी निर्माण कार्य आरंभ नहीं किया जा सका है। ज्ञातव्य है कि परमाणु ऊर्जा विभाग से राशि मिलने में विलंब के कारण आईआईटी चेन्नई के सीएसआर फंड के 2 करोड़ की लागत से अस्थायी मोड्यूलर अस्पताल की व्यवस्था की गई है, जहां प्रारंभिक जांच-पड़ताल, मरीजों की कीमोथैरेपी और बगल के ट्रामा सेंटर में सप्ताह में 3 मरीजों की सर्जरी आदि की जाती है।

लालू की तरह राजद के राजकुमार चाहते हैं जातीय हिंसा कराना 

सुशली कुमार मोदी ने ट्वीट में कहा है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की परवरिश राजतंत्र की ऐसी मानसिकता के साथ हुई, जैसे वे केवल शासन करने के लिए जन्मे हैं, विपक्ष में रहने के लिए नहीं। कांग्रेस और राजद के ये राजकुमार अपने दल की चुनावी पराजय और सत्ता से बाहर किये जाने के जनादेश का सच स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए अनाप-शनाप बयान देते हैं। वे विधानसभा में जातीय गुंडों को बुलाकर पिटवाने का आरोप मुख्यमंत्री पर लगाकर बिहार में लालू प्रसाद की तरह जातीय हिंसा भड़काना चाहते हैं।

बिहार विधानसभा में पुलिस बिल के विरोध में बहस करने के बजाय, जिन लोगों ने अभूतपूर्व उत्पात किया, स्पीकर को उनके कक्ष में बंद किया, टेबल पर चढ़े और सदन की मर्यादाएं तोड़ीं, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए? सदन को सुचारु रूप से चलाना सरकार और स्पीकर के साथ विपक्ष की भी जिम्मेवारी है, जबकि राजद केवल एकतरफा आरोप लगा रहा है।

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