ऐक्शन में दिखे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, लिये कई फैसले

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ऐक्शन में दिखे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन। मंगलवार को धनबाद नगर निगम के कुछ अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।
ऐक्शन में दिखे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन। मंगलवार को धनबाद नगर निगम के कुछ अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।

ऐक्शन- 1ः  कई अधिकारियों पर प्राथमिकी के दिये आदेश

रांची। ऐक्शन में दिखे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन। मंगलवार को धनबाद नगर निगम के कुछ अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने धनबाद नगर निगम में ई-गवर्नेंस कार्यों हेतु कंप्यूटर सामग्रियों और अन्य उपकरणों की आपूर्ति में बरती गई अनियमितता को लेकर तत्कालीन नगर आय़ुक्त मनोज कुमार, तत्कालीन उप नगर आय़ुक्त प्रदीप कुमार प्रसाद और अनिल कुमार यादव के खिलाफ अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है। इन तीनों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने का भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया। इसके साथ नगर निगम के तत्कालीन अरबन रिफॉर्म स्पेशलिस्ट मनीष कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश उन्होंने दिया है। वहीं कनीय पर्यवेक्षक-सह-भंडारपाल हरिश्चंद्र पांडेय एवं लेखापाल अनिल कुमार मंडल को निलंबित कर दिया गया है।

ऐक्शन-2ः  निरंजन कुमार का मामला एसीबी जांचेगा

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ही दूसरे ऐक्शन में निरंजन कुमार (इंडियन पोस्ट एंड टीसी एकाउंट्स एंड फाइनांस सर्विस) के खिलाफ गंभीर आरोपों की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से कराने का आदेश दिया। उनके खिलाफ अपने पुराने परिचयों   का दुरुपयोग कर जेयूएसएनएल तथा जरेडा का निदेशक बनने, उस पद हेतु  कोई भी तकनीकी अहर्ता पूरी नहीं करने, 27 जनवरी 2019 को प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो जाने के उपरांत  इनकी प्रतिनियुक्ति अवधि का विस्तार केंद्र सरकार अथवा डीओपीटी में अभी तक प्राप्त नहीं होने की शिकायत मिली है।

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निरंजन कुमार के खिलाफ इस अवधि में अपने वेतन की निकासी अवैध रूप से करने एवं सरकार के विभिन्न खातों से लगभग 170 करोड़ का भुगतान करने एवं सपरिवार  विदेश भ्रमण करने, अपनी संपत्ति विवरण में अपनी पत्नी के नाम से अर्जित संपत्ति का कोई विवरण नहीं देने तथा निविदा में मनमानी तरीके से किसी कंपनी विशेष को फायदा पहुंचाने तथा विभिन्न निविदा में बगैर बोर्ड की सहमति के निविदा की शर्तें बदलने का आरोप है।

ऐक्शन-3ः  आत्महत्या करने वाले कैदी के परिजन को मिलेंगे 3 लाख

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ही रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में संसीमित कैदी सागर मुंडा द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में उनके परिजन को अनुशंसित तीन लाख रुपए देने को स्वीकृति दे दी है। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में कैदी सागर मुंडा की आत्महत्या से संबंधित मामला पहुंचा था। आयोग ने जांच में कारा प्रशासन की लापरवाही मानते हुए कैदी सागर मुंडा के परिजन को तीन लाख रुपए देने की अनुशंसा की थी।

ऐक्शन-4ः जिला क्रीड़ा पदाधिकारी के 24 पदों पर नियुक्ति की स्वीकृति 

मुख्यमंत्री ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा जिला क्रीड़ा पदाधिकारी के 24 पदों पर नियुक्ति के लिए की गई अनुशंसा को स्वीक़ृति दे दी है, लेकिन झारखंड समेत पूरे देश में जारी लॉक डाउन की वजह से आवागमन के साधन उपलब्ध नहीं हैं। ऐसी स्थिति में लॉक डाउन समाप्ति के उपरांत ही नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

सभी जिला क्रीड़ा पदाधिकारियों को नियुक्ति के उपरांत  स्कीपा में आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था के संबंध में प्रशिक्षण की अवधि  एवं  विषयवस्तु पर स्कीपा से संपर्क कर निर्णय लिया जाएगा। प्रशिक्षण के उपरांत सभी  नव नियुक्त पदाधिकारियों को सभी 24 जिलों में पदस्थापित किया जाएगा। ज्ञात हो कि जेपीएससी द्वारा अनुशंसा किए गए जिला क्रीड़ा पदाधिकारियों में 12 सामान्य श्रेणी में, 6 अनुसूचित जनजाति श्रेणी में, 3 अनुसूचित जाति श्रेणी में, 2 बीसी वन श्रेणी में और 1 बीसी टू श्रेणी से आते हैं।

ऐक्शन-5ः स्थानीय संवेदक करेंगे 25 करोड़ तक की योजनाओं का काम  

झारखंड में स्थानीय लोगों को रोजगार देने की दिशा में सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। रोजगार के लिए ऐसा हो रहा है। शीघ्र ही सरकार मंत्रिपरिषद की बैठक में एक प्रस्ताव लाएगी, जिसके तहत स्थानीय निवासियों की भागीदारी सुनिश्चित करने तथा उनको रोजगार का अवसर प्रदान करने की दिशा क्रांतिकारी बदलाव आएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस संबंध अपनी सहमति प्रदान कर दी है। राज्य सरकार द्वारा निकाली जाने वाली 25 करोड़ रूपये तक की विकास योजनाएं अब ऐसे संवदेकों को दी जा सकेंगी, जो झारखंड में निबंधित हों।

राज्य की आधारभूत संरचना के विकास हेतु लोक निर्माण विभाग के कार्यों के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा अवसर प्रदान किया जाता है, परंतु उल्लिखित कार्यों हेतु प्रकाशित निविदाओं में बाहरी निविदादाताओं से प्रतिस्पर्धा के कारण राज्य के स्थानीय निविदादाताओं अथवा संवदेकों की उचित भागीदारी नहीं हो पाती है। मुख्यमंत्री का प्रयास है कि राज्य में रोजगार सृजन की दिशा में कुछ कठोर कदम उठाए जाएं, ताकि प्रवासी मजदूरों को भी राज्य में ही रोजगार मिल सके। भवन निर्माण विभाग, झारखंड से प्रकाशित 25 करोड़ रुपये तक की निविदा में केवल झारखंड के स्थानीय निवासी ही निविदा में भाग ले सकेंगे।

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