उज्ज्वला योजना की पहली किस्त नहीं तो अगली से वंचित होंगे

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आरक्षण विरोधी कांग्रेस से दोस्ती करने वालों ने कर्पूरी ठाकुर के आदर्श मिट्टी में मिला दिये। सांसद सुशील कुमार मोदी ने यह आरोप लगाया है।
आरक्षण विरोधी कांग्रेस से दोस्ती करने वालों ने कर्पूरी ठाकुर के आदर्श मिट्टी में मिला दिये। सांसद सुशील कुमार मोदी ने यह आरोप लगाया है।

पटना। उज्ज्वला योजना की पहली किस्त का उपयोग करें, वर्ना नहीं मिलेगी अगली किस्त। यह चेतावनी उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दी है। उपमुख्यमंत्री मोदी ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत बिहार की 85 लाख गरीब महिलाओं के खाते में पहले 14.2 किग्रा. के मुफ्त गैस सिलेंडर के लिए प्रति लाभुक 830 रुपये भेज दिए गए हैं, मगर इनमें से अब तक मात्र 31.10 लाख ने ही सिलेंडर बुक कराया है। उन्होंने कहा कि पहला सिलेंडर नहीं लेने वाले लाभार्थी दूसरी व तीसरी किस्त की राशि 1660 रपये से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने होम डिलेवरी के प्रावधान के बावजूद एजेंसी पर भीड़ लगाने वाले वितरकों को भी चेतावनी दी।

लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना की लाभुक महिलाएं अपने खातों से राशि की निकासी कर मोबाइल से सिलेंडर बुक कराएं। जिन उपभोक्ताओं को पंजीकृत मोबाइल नम्बर या बैंक खातों में किसी प्रकार का बदलाव कराना है, वे अपने वितरक को आवेदन देकर अपेक्षित सुधार करवा सकते हैं। केन्द्र सरकार की ओर से प्रति महीने 5 किग्रा. के 3 सिलेंडर के लिए 310-310 रुपये व 14.2 किग्रा. के एक सिलेंडर के लिए 830 रुपये दिये जा रहे हैं। कोरोना संकट के दौरान केन्द्र सरकार ने देश भर के उज्ज्वला लाभुकों को तीन महीने तक 3 मु्फ्त गैस सिलेंडर देने के लिए 13 हजार करोड़ का प्रावधान किया है।

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उन्होंने कहा कि गैस सिलेंडर की होम डिलेवरी में कोताही के कारण गैस वितरकों के गोदाम व एजेंसी पर भीड़ लग रही है। ऐसे वितरकों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे होम डिलेवरी सुनिश्चित कर सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन कराएं।

उन्होंने कहा कि लाकडाउन के नियम तोड़ने के लिए जो भी जिम्मेवार हैं, उनके खिलाफ तत्परता से कार्रवाई की जा रही है। जहानाबाद के एसडपीओ को निलंबित किया जा चुका है। कई लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किये गए हैं। एनडीए सरकार में न किसी को फंसाया जाता है, न जाति-धर्म- परिवार देखकर किसी को बचाया जाता है। राजद को एक-दो मामलों पर ताबड़तोड़ बयान देने से पहले लालू-राबड़ी राज की  सोच से बाहर आना चाहिए।

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उन्होंने राजद को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सीवान के व्यवयायी के तीन बेटों की नृशंस हत्या करने के दोषी राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन और नाबालिग से बलात्कार के गुनहगार पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव को बचाने की कोशिश राजद ने की। पार्टी की सत्ता के समय लालू परिवार के करीबियों पर कोई कानून लागू नहीं होता था। गाड़ियां शो-रूम से उठवा लेने वालों का ठिकाना मुख्यमंत्री आवास होता था। यह सब भूल कर वे आज कानून-व्यवस्था के कुछ चुनिंदा मामलों पर क्यों बोल रहे हैं?

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उन्होंने कहा कि लाकडाउन के नियम तोड़ कर तबलीगी जमात के लोगों को छिपाने के लिए जब कुछ धार्मिक स्थानों का दुरुपयोग हुआ और जब कोरोना जांच के दौरान इन लोगों ने डाक्टरों से बदसुलूकी की, तब राजद के धर्मराजों ने चुप्पी क्यों साध ली थी? छात्रा से बलात्कार के मामले में अभियुक्त विधायक  अरुण यादव लंबे समय से फरार हैं। उनको कौन बचा रहा है? राजद और कांग्रेस के दुराग्रही बयानों को कोई गंभीरता से नहीं लेता।

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