आरा के वीसी मगध यूनिवर्सिटी का भी प्रभार संभालेंगे

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विश्वविद्यालयों की समीक्षा करते राज्यपाल श्री लाल जी टंडन
विश्वविद्यालयों की समीक्षा करते राज्यपाल श्री लाल जी टंडन

पटना। आरा के वीसी मगध यूनिवर्सिटी का भी प्रभार संभालेंगे। वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के वीसी अतिरिक्त रूप से मगध विश्वविद्यालय के वीसी के दायित्व भी संभालेंगे। राजभवन में मगध विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा के दौरान यह निर्णय लिया गया। राज्यपाल-सह-कुलाधिपति श्री लाल जी टंडन की अध्यक्षता में आज मगध विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा की गई, जिसमें विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति प्रो॰ कार्यानन्द पासवान, राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री विवेक कुमार सिंह, संयुक्त सचिव श्री विजय कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी (न्यायिक) श्री फूलचंद चैधरी, विशेष कार्य पदाधिकारी (विश्वविद्यालय) श्री अहमद महमूद एवं मगध विश्वविद्यालय के सभी प्रमुख प्रशासनिक अधिकारीगण उपस्थित थे। ज्ञातव्य है कि राज्यपाल-सह-कुलाधिपति ने कुलपतियों की बैठक में राज्य के विश्वविद्यालयों की समेकित समीक्षा के अतिरिक्त अब एक-एक विश्वविद्यालय की गतिविधियों की अलग-अलग समीक्षा भी प्रारंभ कर दी है। इसी क्रम में मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर एवं बाबासाहेब भीमराव आम्बेदकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के बाद आज मगध विश्वविद्यालय के क्रियाकलापों की समीक्षा हुई।

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समीक्षा के दौरान मगध विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं प्रशासनिक गतिविधियों में अत्यन्त असंतोषजनक स्थिति उभरकर सामने आई। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि ‘नैक प्रत्ययन’ के क्रम में मगध विश्वविद्यालय के अधीन संचालित 19 अंगीभूत विश्वविद्यालयों में 8 कालेजों ने अब तक आई॰आई॰क्यू॰ए॰ ही दाखिल नहीं किया है। राज्यपाल ने नैक-प्रत्ययन के प्रति विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता एवं महाविद्यालयों की शिथिलता पर अपनी अप्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि जो प्राचार्य अपने अंगीभूत महाविद्यालय के लिए नैक-ग्रेडेशन इस वर्ष हासिल करने में विफल रहेंगे, उनके विरूद्ध सख्त अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी।

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समीक्षा के दौरान यह तथ्य भी उभरकर सामने आया कि यू॰एम॰आई॰एस॰ का कार्यान्वयन भी ठीक रूप से मगध विश्वविद्यालय में नहीं हो पाया है। यू॰एम॰आई॰एस॰ के पूरे पैकेज के अन्तर्गत ‘स्टूडेंट साइकिल’ के तहत एडमिशन से लेकर डिग्री-वितरण तक की प्रक्रिया पूरी की जानी है। समीक्षा के दौरान पाया गया कि एडमिशन-गेट-वे, टेबलेशन, पेमेंट-गेट-वे आदि की व्यवस्थाएँ समुचित रूप से संचालित नहीं हो पायी हैं, जिसकी वजह इस बार एडमिशन की प्रक्रिया प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। राज्यपाल ने ऐसी स्थिति के लिए दोषी पदाधिकारियों को चिह्नित कर तुरंत आवश्यक कार्रवाई करने का निदेश दिया।

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‘एकेडमिक एवं परीक्षा कैलेण्डर’ के अनुपालन में भी विश्वविद्यालय की तैयारी काफी लचर पायी गई। समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि कई यू॰जी॰ एवं पी॰जी॰ की परीक्षाएँ समय पर आयोजित नहीं हो पाई हैं। फलतः विद्यार्थियों का भविष्य प्रभावित होने की स्थिति बन रही है। राज्यपाल-सह-कुलाधिपति ने सभी लंबित परीक्षाओं को यथाशीघ्र आयोजित कराते हुए उनका परीक्षाफल घोषित करने का निदेश दिया। राज्यपाल ने कहा कि एकेडमिक कैलेण्डर के अनुपालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने लंबित परीक्षाओं के लिए ‘परीक्षा-कैलेण्डर’ तैयार कर शीघ्र परीक्षाएँ आयोजित कराने का निदेश दिया।

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राज्यपाल ने मगध विश्वविद्यालय की समीक्षा के क्रम में संबंधित विद्यार्थियों के आवेदनों के आलोक में अब भी 1187 प्रमाण-पत्रों का वितरण नहीं हो पाने को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की तथा कहा कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करनेवाले विश्वविद्यालय-प्रशासन के अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि सभी लंबित प्रमाण-पत्रों का यथाशीघ्र वितरण करते हुए मगध विश्वविद्यालय में भी 1 जून, 2019 से प्रमाण-पत्रों हेतु आनलाइन अभ्यावेदन की व्यवस्था हर हालत में बहाल होनी चाहिए।

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समीक्षा के दौरान यह भी पाया गया कि विश्वविद्यालय में कई शोधार्थियों द्वारा प्रस्तुत शोध-प्रबंधों का अबतक परीक्षकों से मूल्यांकन नहीं कराया जा सका है। कुलाधिपति ने कार्यकारी कुलपति को निदेशित किया कि परीक्षकों द्वारा निर्धारित समयावधि में शोध-प्रबंधों पर अपना प्रतिवेदन नहीं भेजने की स्थिति में प्रावधानों के आलोक में नये परीक्षकों की नियुक्ति करते हुए शोध-प्रबंधों की जाँच करायी जानी चाहिए। राज्यपाल ने इस बात पर अप्रसन्नता व्यक्त की कि समय पर शोध-प्रबंध प्रस्तुत कर दिये जाने के बावजूद विश्वविद्यालय-प्रशासन की शिथिलता के कारण डिग्री अवार्ड होने में विलंब होता है।

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इस समीक्षा-बैठक के दौरान यह बात भी सामने आई कि राज्यपाल सचिवालय के बारम्बार निदेश के बावजूद कुल 448 स्वीकृत पदों के विरूद्ध एक भी गेस्ट फेकेल्टी की नियुक्ति विश्वविद्यालय प्रशासन नहीं कर पाया है, परिणामतः विश्वविद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था में गिरावट आयी है।

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मगध विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि कई शिक्षण-संस्थानों में बायोमैट्रिक उपकरणों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है, फलतः संबंधित शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को उपस्थिति दर्ज करा पाने में कठिनाई हो रही है। राज्यपाल के प्रधान सचिव ने एतदविषयक प्राथमिकी दर्ज कराते हुए शीघ्र प्रतिवेदन भेजने का निदेश दिया। ज्ञातव्य है कि मगध विश्वविद्यालय की ‘बायोमैट्रिक उपस्थिति विवरणी’ की सूक्ष्म समीक्षा के क्रम में राज्यपाल सचिवालय ने पिछले दिनों यह पाया था कि 138 शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों ने नवंबर 2018 से जनवरी 2019 की अवधि में एक दिन भी हाजिरी बायोमैट्रिक उपकरण के जरिये दर्ज नहीं करायी थी। 57 शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों ने तो इस प्रणाली के तहत अपना नाम भी दर्ज नहीं कराया था। कुलपति को इस समीक्षा के आलोक में पिछले दिनों आवश्यक अनुशासनिक कार्रवाई का निदेश दिया गया था, परन्तु इस विन्दु पर भी विश्वविद्यालय प्रशासन आज की समीक्षा बैठक में संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया।

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बैठक को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राज्य में सिर्फ मगध विश्वविद्यालय ही एक ऐसा विश्वविद्यालय बचा है, जो अब तक इस वर्ष ‘दीक्षांत समारोह’ आयोजित करा पाने में विफल है और इस दिशा में उसकी कोई तत्परता भी नहीं दिखती। राज्यपाल ने मगध विश्वविद्यालय के शैक्षणिक एवं प्रशासनिक क्रियाकलापों को अत्यन्त असंतोषजनक पाते हुए इस पर अपनी अप्रसन्नता व्यक्त की एवं संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई का आदेश दिया।

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राज्यपाल ने आज की बैठक के पश्चात कार्यकारी कुलपति-सह-प्रतिकुलपति श्री कार्या नन्द पासवान तथा विश्वविद्यालय के समन्वयक महाविद्यालय विकास परिषद् (सी॰सी॰डी॰सी॰) श्री नलिनीकांत शास्त्री के त्यागपत्र को भी स्वीकृति प्रदान कर दी। उन्होंने प्राप्त प्रस्ताव के आलोक में मगध विश्वविद्यालय के लिए नये परीक्षा नियंत्रक के रूप में प्रो॰ विनोद कुमार सिंह (हिन्दी विभाग, गया कालेज), नये सी॰सी॰डी॰सी॰ के रूप में डा॰ संजय तिवारी, नये महाविद्यालय निरीक्षक (कला एवं वाणिज्य) के रूप में प्रो॰ एहतेशाम खान (स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग) तथा नये महाविद्यालय निरीक्षक (विज्ञान) के रूप में डा॰ अशोक कुमार सिन्हा को भी नियुक्त करने पर अपना अनुमोदन प्रदान कर दिया। कुलाधिपति ने मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के दायित्वों के अतिरिक्त रूप से निर्वहन के लिए वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के वर्तमान कुलपति प्रो॰ डी॰पी॰ तिवारी को भी तात्कालिक प्रभाव से प्राधिकृत करने विषयक प्रस्ताव को आज अनुमोदित कर दिया है।

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