आकर्षक नैन नक्श के साथ मधुर आवाज की मल्लिका हैं शशिता राय

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आकर्षक नैन नक्श के साथ ही इनकी छवि सामने वाले को मोहित कर लेती है। जितनी खूबसूरत नजर आती हैं, उतनी ही मधुर आवाज है। यह हैं गायिका व अभिनेत्री शशिता राय।
आकर्षक नैन नक्श के साथ ही इनकी छवि सामने वाले को मोहित कर लेती है। जितनी खूबसूरत नजर आती हैं, उतनी ही मधुर आवाज है। यह हैं गायिका व अभिनेत्री शशिता राय।

पटना। आकर्षक नैन नक्श के साथ ही इनकी छवि सामने वाले को मोहित कर लेती है। जितनी खूबसूरत नजर आती हैं, उतनी ही मधुर आवाज है। यह हैं गायिका व अभिनेत्री शशिता राय। भोजपुरी फिल्म जगत में नाम कमाने वाली और अपनी एक्टिंग से दर्शकों पर छाप छोड़ने वाली शशिता राय ने अपनी कई फिल्मों के बारे में जिक्र किया। साथ ही उन्होंने बताया कि वह थिएटर से भी जुड़ी हुई हैं। मगही भाषा में “दरोगा भाभी” सीरियल की शूटिंग पूरी कर लौटीं हैं। शशिता राय का कहना है कि यह सीरियल दर्शकों को काफी पसंद आएगा।

आकर्शषक छवि वाली शशिता गायकी के क्षेत्र में भी काफी शोहरत हासिल कर चुकी हैं। इनके गाए भजन लोगों में काफी पसंद किये जाते हैं। इनकी इच्छा है कि वह हिंदी फिल्म इण्डस्ट्री में भी अपनी एक्टिंग के दम पर एक अलग पहचान बनाने में कामयाब हों और वह इस कोशिश में लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि अपनी मेहनत के बल पर मैं यह मुकाम हासिल जरूर करेंगी।

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शशिता राय अपने बारे में बताती हैं कि वह दरभंगा बिहार से हैं और वह वेस्ट बंगाल में रहती हैं। ऐक्ट्रेस सिंगर दोनों हैं। वह लोगों के लिए आकर्षक इसलिए हैं कि उन्हें हिन्दी, बंगला, पंजाबी, भोजपुरी, मैथिली, बंज्जिका, मगही भाषाएं बोलनी आती है। बचपन से ही कुछ बनना चाहती थीं। फैमिली सपोर्ट नहीं मिला। कम उम्र में शादी कर दी गई। शादी के बाद पति का पूरा सपोर्ट मिला और एक्टिंग के साथ-साथ गायन का सिलसिला शुरू हो गया। 12 साल पहले एक शिव मंदिर में भगवान शिव के भजन के गाने से उनके जीवन में एक नई शुरुआत हुई।

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लोगों ने उनका उत्साह बढ़ाया। अब क्या था, उनके सपनों ने उड़ान भरने शुरू कर दिये। वह कहती हैं- मेरे मन में विश्वास पैदा हुआ कि मैं इस क्षेत्र में आगे जा सकती हूं। एक सपना जगा। मुझे साहस मिला। फिर मुझे एक प्ले में एक्टिंग का चान्स मिला। मैथिली प्ले शेष नै नाम था उस प्ले का। उसमें मैंने दिन-रात मेहनत की। पूरे घर-परिवार को सम्भालते हुए उस प्ले में अपनी कला दिखाई। फिर हर साल हमें उसमें हिस्सा लेने का मौका मिलता रहा।

आकर्षक छवि वाली शशि 6 साल तक प्ले करती रही। संगीत भी गाती रही। फिर मुझे एक सीरियल में चान्स मिला। सशक्त नाम था।  फिर उसके बाद पुरस्कार भी मिलने लगे। पटना कालीदास रंगालय में हमें सम्मानित किया गया। वेस्ट ऐक्ट्रेस का अवार्ड मिला। मैथिली फिल्म “लव यू दुलहिन” में डविंग का चान्स मिला। “छोटकी ठकुराइन”,”कर्जा माई माटी के”,”माँ की ममता” में काम किया। शशिता राय कहती हैं कि जब मेरा जन्म हुआ तो लोग बड़े ताने देते थे कि बेटी हो, बोझ हो। मैंने ठान लिया की बेटी भी नाम रौशन कर सकती हैं और बिटिया कभी बोझ नहीं होती। हम भी बहुत कुछ कर सकते हैं और आज हमने वो हर मुकाम हासिल किया है, जिसका मैंने सपना देखा था। आज लोगों के स्नेह और प्यार से हर मजिंल मिली है मुझे और सपनों को साकार किया है मैंने।  इनकी रिलीज होने वाली भोजपुरी फिल्में छोटकी ठकुराइन, मां की ममता हैं।

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