राजीव बनर्जी और ममता बनर्जी एक दूसरे की कलई खोल रहे हैं

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राजीव बनर्जी और ममता बनर्जी एक दूसरे की कलई खोल रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ी है। राजीव बनर्जी ममता का साथ छोड़ अब बीजेपी में हैं।
राजीव बनर्जी और ममता बनर्जी एक दूसरे की कलई खोल रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ी है। राजीव बनर्जी ममता का साथ छोड़ अब बीजेपी में हैं।
  • डी. कृष्ण राव

कोलकाता। राजीव बनर्जी और ममता बनर्जी एक दूसरे की कलई खोल रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ी है। राजीव बनर्जी ममता का साथ छोड़ अब बीजेपी में हैं। ममता बनर्जी इससे चिढ़ी हुई हैं। उन्होंने राजीव बनर्जी पर मंत्री रहते नियुक्ति में घोटाले के आरोप लगाये हैं। राजीव ने पलटवार किया है। इस जुबानी जंग से ममता बनर्जी की सरकार के कारनामों की पोल खुल रही है। खासकर विभिन्न दफ्तरों में हुई नियुक्ति में धांधली की जानकारी बाहर आ रही है।

इस जुबानी जंग की शुरुआत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के द्वारा  अलीपुरद्वार की जनसभा से हुई। ममता बनर्जी ने इस सभा में राजीव बनर्जी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारों में ही कहा कि हाल में हुई वन सहायक पद की नियुक्ति में राजीव बनर्जी ने काफी गड़बड़ी की। यहीं तक बात सीमित न रखते हुए उन्होंने इसकी जांच कराने की भी बात कर डाली।

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इस आरोप से राजीव बनर्जी भड़क उठे। हुगली की एक जनसभा में ममता बनर्जी का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में राज्य में हुई नियुक्तियों में गड़बड़ी हुई है और इसकी जिम्मेवार ममता बनर्जी खुद हैं। उन्होंने ममता बनर्जी को चैलेंज करते हुए कहा कि अगर क्षमता है तो वन सहायक पद पर हुई नियुक्ति का पैनल रद्द कर दें, दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने बताया कि वीरभूम समेत राज्य के कई हिस्सों से तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का उन पर दबाव आया कि उनके लोगों की इस पद पर भर्ती की जाए।

ममता बनर्जी को 8 अक्टूबर की सुबह 10:00 बजे इस मसले पर जब फोन किया तो ममता ने खुद इन पदों का कोटा तृणमूल नेताओं में बांटने की सलाह दी। उन्होंने इसका रिकॉर्ड होने का भी दावा किया। कहा- बातचीत रिकार्डेड है, उसे जाहिर कर देंगे तो ममता की बोलती बंद हो जाएगी। उनका यह भी दावा है कि इस धांधली से बचने के लिए उन्होंने एक आयोग बना दिया, जिसने नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की।

इसके अलावा कई संगीन आरोप और भी उन्होंने ममता पर लगाए। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में  जितनी भी कैजुअल नियुक्ति हुई है, सभी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के कहने पर उन्हीं के लोगों की भर्ती की गयी। आम शिक्षित युवाओं को नौकरी नहीं मिली। इसकी भी जांच कराने की उन्होंने मांग की। राजीव बनर्जी के इस आरोप से बंगाल के राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मची हुई है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इससे युवाओं में सरकार के प्रति गुस्सा पैदा होगा।

राजीव बनर्जी के इस आरोप के बाद भाजपा की ओर से चैलेंज देकर कहा गया कि ममता अपनी ओर से राजीव बनर्जी पर लगाये आरोपों की जांच करा लें, लेकिन तृणमूल की ओर से किसी भी तरह की प्रतिक्रिया अभी तक नहीं मिली है। भाजपा को इस छीछालेदर से फायदा होने की उम्मीद है।

किसने क्या कहा था

ममता ने कहा था- पार्टी छोड़ने वालों लोभी और भोगी हैं। चुनाव बाद सबको करवाऊंगी लालबाजार में बन्द। इस पर राजीव बनर्जी ने जवाब दिया- हम भ्रष्टाचारी तो सारे नेताओं को पीछे लगा कर मुझे रोकने की कोशिश क्यों की? कहा- कालीघाट सहित सबकी बातें मोबाइल में रिकार्ड हैं। जाहिर कर दें तो सबकी कलई खुल जाएगी।

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