प्रशिक्षण के बाद युवाओं ने खुद बनाया AC-DC कनवर्टर,  LED बल्ब

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प्रशिक्षण के बाद खुद AC-DC कनवर्टर और  LED बल्ब बना कर युवा काफी खुश दिखे। यह सब अर्जुन फाउंडेशन द्वारा प्रशिक्षण के दौरान युवाओं ने सीखा।
प्रशिक्षण के बाद खुद AC-DC कनवर्टर और  LED बल्ब बना कर युवा काफी खुश दिखे। यह सब अर्जुन फाउंडेशन द्वारा प्रशिक्षण के दौरान युवाओं ने सीखा।
  • अर्जुन फाउंडेशन में 7 दिनी ट्रेनिंग कैंप का समापन
  • इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग-असेंबलिंग की हुई ट्रेनिंग
  • ट्रेनिंग के बाद अपना रोजगार कर सकेंगे युवा उद्यमी
  • उद्यमी बनाने के लिए सीवान में खुला पहला कलस्टर
  • कई तरह के इलेक्ट्रानिक उपकरण बनाने की मिली ट्रेनिंग
  • कच्चा माल यहीं मिलेगा और तैयार माल भी यहीं बिकेगा

बड़हरिया (सीवान)। प्रशिक्षण के बाद खुद AC-DC कनवर्टर और  LED बल्ब बना कर युवा काफी खुश दिखे। यह सब अर्जुन फाउंडेशन द्वारा प्रशिक्षण के दौरान युवाओं ने सीखा। बिहार के पहले इलेक्ट्रानिक कलस्टर की स्थापना के क्रम में सात दिनों की ट्रेनिंग बुधवार को समाप्त हुई। इस दौरान प्रशिक्षण ले चुके छात्र-छात्राओं के चेहरे पर गजब की चमक दिखी। सीवान जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं में भी उद्यमी बनने की ललक दिखी। प्रशिक्षण लेने के बाद प्रशिक्षणार्थियों ने कहा कि अब वे अपना खुद का उद्यम स्थापित करेंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि अब बाजार की चिंता भी नहीं है।

अर्जुन फाउंडेशन से ही कच्चा माल मिल जाएगा। उद्यमियों द्वारा तैयार माल भी स्थानीय स्तर पर अर्जुन फाउंडेशन ने बेचने की ब्यवस्था की है। इसके लिए कई कंपनियों के ऑर्डर भी आ चुके हैं। इंस्टूमेंट के निदेशक सह वैज्ञानिक पीयूष झा ने बताया कि  ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग, एसंबलिंग, टेस्टिंग,एवं कंट्रोल एवं विषय पर सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चला। इस दौरान प्रशिक्षणार्थियों को एलईडी ड्राइवर, एलईडी बल्ब, इनवर्टर एलईडी बल्ब एवं सर्ज प्रोटेक्शन डिवाइस बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। न सिर्फ प्रशिक्षण दिया गया, बल्कि प्रशिक्षण ले रहे छात्र-छात्राओं से ये सामान बनवाए भी गए। जब बच्चों ने पहली बार प्रशिक्षण लेकर एलईडी बल्ब बनाया तो उनके चेहरे पर बल्ब के प्रकाश से भी ज्यादा चमक दिखी।

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अर्जुन फाउंडेशन के निदेशक अर्जुन कुमार साह ने बताया कि प्रशिक्षण लेने के बाद उद्यमी बनने की राह पर कदम बढ़ा चुके युवाओं ने कहा कि अब गांव की सरकार गांव में ही रोजगार उपलब्ध करा रही है तो बाहर जाने की क्या जरूरत है। यहीं से कच्चा माल लो और तैयार करके मुनाफे के साथ बेच दो। अगर यह सब गांव में हो रहा है तो निश्चित रूप से आनेवाले समय में बिहार  का पहला इलेक्ट्रोनिक कलस्टर सीवान जिले की कई पंचायतों के लोगों को रोजगार दे सकता है। अब आगे भी यह प्रशिक्षण अलग-अलग प्रखंडों और पंचायतों में चलाया जाएगा। अर्जुन फाउंडेशन का उद्देश्य उद्यमी तैयार करना है, ताकि उन्हें रोजगार के लिए कहीं बाहर जाने की जरूरत न पड़े।

कोरोना काल ने बड़ा सबक दिया है और यही कारण है कि गांव की सरकार गांव में ही रोजगार की व्यवस्था कर रही है। अब प्रशिक्षण ले चुके इन प्रशिक्षणार्थियों को उनकी रुचि के अनुसार तरह-तरह की एलईडी लाइट्स, इनवर्टर, कन्वर्टर आदि बनाने का काम दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण के माध्यम से भारत सरकार के वोकल फॉर लोकल एवं मेक इन इंडिया मिशन को बल मिलेगा।

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