माछ-भात के भोज पर सीटें फरिया रहा महागठबंधन

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पटना। बिहार की भोज पलिटिक्स की शुरुआत खरमास में माछ-भात से हो रही है। अबल तक मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा के भोज की राजनीति होती थी। महागठबंधन के नेताओं का जुटान नये नवेले आये मुकेश सहनी कर रहे हैं। आज महागठबंधन के नेता माछ-भात के भोज के बहाने सीटों के बंटवारे पर बतकही करेंगे। आज के भोज में सीटों के बंटवारे का आरंभिक खाका पेश किया जायेगा। कुछ नाक-भौं सिकोड़ेंगे तो कुछ दलीलों से दलों को मनाने-समझाने का प्रयास करेंगे कि आपकी औकात इतने से ज्यादा की नहीं है। संख्या का जो प्राथमिक स्वरूप तय हुआ है, उसके बारे में सूत्र बताते हैं कि राजद ने अपने लिए 22 सीटें रखी हैं। कुशवाहा को 4 सीचें देने की बात है, भोज के आयोजनकर्ता मुकेश सहनी 2 सीटों से ज्यादा नहीं पायेंगे। बीएसपी को भी 2 सीटें देने की योजना है। माझी, माले और भाकपा को एक-एक सीट से संतोष करना पड़ेगा। अलबत्ता कांग्रेस के लिए सात सीटें देने की योजना है।

यह तय माना जा रहा है कि सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन की इस बैठक में कोई नतीजा नहीं निकलने वाला, लेकिन शुरुआत तो हुई। कांग्रेस कम से कम 12 सीटें चाहती है। उसके अपने दावे और तर्क हैं। तीन राज्यों के चुनाव परिणामों ने उसका उत्साह बढ़ाया है। देश भर में उसकी हवा बनी है। बिहार में उसकी टीम अच्छी बन गयी है। सवर्णों की सहानुभूति की असली दावेदार वह खुद को समझती है। इसलिए कम से कम 12 सीटें उसे चाहिए।

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बारगेन के अंदाज में ही राजद ने 22 सीटों पर दावा ठोंका है। किचकिच के बाद अंतिम निर्णय होने तक संभव है कि राजद 20 सीटों पर सिमॉ जाये और कांग्रेस 10 पर मान जाये। बाकी दल भी शुरू में नाक-भौं सिकोड़ेंगे, लेकिन आखिरकार वह मिली सीटों पर सहमत हो जायें। यानी अंतिम बैठक के पहले तक मोल-तोल की गुंजाइश बनी हुई है।

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