पुण्यतिथि पर विशेष
नवीन शर्मा
गजल गायकी में मेहदी हसन का वही स्थान है जो हीरों में कोहिनूर का। मेहदी हसन खानदानी कलाकार हैं। वे कलावंत संगीत घराने की 15 पीढ़ी में जन्मे थे।
विरासत में मिली गायकी की प्रतिभा को मेहदी ने निरंतर रियाज से साधा था। संगीत की आरंभिक शिक्षा उन्होंने पिता उस्ताद अजीम खान और चाचा उस्ताद ईस्माइल खान से ली। ये दोनों ही घु्रपद के अच्छे जानकार थे। भारत-पाक बंटवारे के बाद उनका परिवार पाकिस्तान चला गया। वहां उन्होंने कुछ दिनों तक एक साइकिल दुकान में काम की और बाद में मोटर मेकैनिक का भी काम उन्होंने किया। लेकिन संगीत को लेकर जो जुनून उनके मन में था, वह कम नहीं हुआ।
मैं कॉलेज के दिनों में जगजीत सिंह की ही गजलें ज्यादा पसंद करता था। उन्हीं दिनों मैंने द लिजेंड नाम से मेहदी हसन की गजलों की एलबम सुनी थी। वो दौर कैसेट का था। इसके बाद तो मैं उनकी गायकी का कायल हो गया।
इस एलबम में एक से बढ़ कर एक बेहतरीन गजलें है। इसमें आपको प्रेम के कई रंग मिलेंगे
1 मैं होश में था तो उस पर मर गया कैसे
2 उसने जब मेरी तरफ प्यार से देखा होगा
3 आप की आंखों ने दिवाना बनाया है मुझे
4 कहां गई वो वफा आज तो चले आओ
5 हर दर्द को ऐ जान मैं सीने से लगा लूं
द लिजेंड सुनने के बाद मेहदी हसन साहब की अन्य गजलें सुनीं। उनकी कई गजलें लाजवाब हैं जिन्हें आप बार-बार सुनने को मजबूर होंगे। अगर प्रेम की पराकाष्ठा देखनी हो तो उनकी ये गजल सुन सकते हैं।
जिंदगी में तो सभी प्यार किया करते हैं मैं तो मर कर भी मेरी जान तुझे चाहूंगा।
मेहदी हसन की गजलों में उनकी आवाज का कमाल तो होता ही है। इसके अलावा उनकी खासियत ये है कि उन्होंने गाने के लिए जो गजलें चुनी हैं वे भी बेहतरीन हैं।
1 रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आओ
2 मुझे तुम नजर से गिरा तो रहे हो, मुझे तुम कभी भी भूला ना सकोगे
3 मुहब्बत करने वाले कम ना होंगे
4 रफ्ता-रफ्ता वो मेरे दिल के मेहमां हो गए
इस तरह की दर्जनों ऐसी गजलें हैं जो सदाबहार हैं। उन्हें पीढ़ी दर पीढ़ी लोग सुनते आ रहे हैं। मेहदी हसन साहब हिंदुस्तानी संगीत के सबसे बेहतरीन कलाकारों में शुमार हैं। उनकी बेमिसाल आवाज हमेशा सुनी और पंसद की जाएगी। उनको पुण्यतिथि पर नमन।
![](https://www.sarthaksamay.com/wp-content/uploads/2018/10/jyotish-ad-desktop.jpeg)