नहीं रहे कुलदीप नैयर, 95 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

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नयी दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का निधन हो गया। कुलदीप नैयर का निधन दिल्ली में देर रात हो गया। सुबह-सुबह उदास कर देने वाली सूचना- प्रख्यात पत्रकार कुलदीप नैयर नहीं रहे। पत्रकारिता, मानवाधिकार, धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए अपने जीवन के अंतिम क्षण तक सक्रिय वह रहे। अंतिम दिन तक उनके कलम की धार नहीं रुकी। एक तरह से वे 95 वर्ष के युवा पत्रकार थे।  उनका अंतिम संस्कार आज दिन के 1:00 में होगा।

वरिष्ठ और बुजुर्ग पत्रकार कुलदीप नैयर के निधन के बाद भारतीय पत्रकारिता का एक और मजबूत स्तंभ, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पहरुआ आज ढह गया। उम्र के 95 साल पूरा करनेवाले नैयर साहब अंतिम वक्त तक पूरी तरह से सक्रिय और जीवंत थे। देश और समाज, राजनीति और पत्रकारिता से जुड़े सवालों पर उनकी बातचीत में उभरे उनके विचार लोग सदैव याद रखेंगे।

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अफसोस यही कि उम्र का शतक लगाने की उम्मीद पालने वालों को उन्होंने नाराज किया। यह विधाता के वश की बात है, जो कोई टाल नहीं सकता है। भारतीय पत्रकारिता के शलाका पुरुष, जन समस्याओं-सरोकारों तथा संघर्षों के साथी प्रवक्ता रहे नैयर साहब को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि।

उम्र के आखिरी पड़ाव तक लगातार कलम चलाने वाले कुलदीप साहब के पाठकों को उनके निधन से घोर निराशा हुई है। उनकी किसी भी विषय पर बेबाक टिप्पणी पाठकों को उनका मुरीद बना देती थी। सोशल मीडिया पर उनके निधन पर शोक जताने वालों का तांता लगा हुआ है।

वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्त ने अपने फेसबुक वाल पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है- पत्रकारिता में आने के पहले जो तीन-चार नाम अपने लेखन, श्रेष्ठ मूल्यबोध और जनांदोलनों से जुड़ाव की वजह से हम जैसे लोगों को आकर्षित करते थे, उनमे नैयर जी भी रहे हैं। पटना में एक बार उनका इंटरव्यू करने का मौका मिला था। कुलदीप नैयर जी को नमन। कठिन दौर में भी न्याय और लोकतन्त्र के पक्ष में खड़ा रहने का आपका साहस हम सबको राह दिखाता रहेगा।

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