जन-जन के नेता थे अटल बिहारी वाजपेयी, हर क्षेत्र में लोहा मनवाया

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पटना। पूर्व प्रधानमन्त्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को जन-जन का नेता बताते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सह पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कहा कि अटल जी आजाद भारत के उन गिने-चुने नेताओं में से एक थे, जिनका जुड़ाव सीधे लोगों के दिलों से था। विराट व्यक्तित्व के धनी अटल जी की इसी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें भारतीय राजनीति का अजातशत्रु भी कहा जाता है।

काव्य, राजनीति, साहित्य तथा पत्रकारिता जैसे क्षेत्रों में अपना लोहा मनवा चुके अटल जी मानवीय गुणों से ओतप्रोत एक ऐसे राजनेता थे, जिनका पूरा जीवन देश सेवा को समर्पित रहा। अपने जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण देश, संगठन व विचारधारा को पूर्णतः समर्पित कर देना इतना आसान नहीं होता, लेकिन अटल जी ने अपने अथक परिश्रम व लगन से देश और पार्टी को नयी उंचाइयों पर पहुंचाया। यह उनकी दूरदर्शिता ही थी कि उनके कार्यकाल में भारत की छवि एक मजबूत राष्ट्र की बनी।

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देश को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने के बाद लगे आर्थिक प्रतिबंधों का जिस तरह उन्होंने डट कर सामना किया, वह अपने आप में एक मिसाल है। वहीं उनकी नीतियों पर चलते हुए भाजपा 2 सीटों से आगे बढ़ आज दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल बन चुका है। अपने कार्यों से अटल जी की छवि इस देश के एक ऐसे जनप्रिय राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरी, जिसने सत्ता को सेवा का माध्यम माना और राष्ट्रहितों समझौता किए बगैर बेदाग राजनीतिक जीवन जिया. और यही वजह रही कि देश की जनता ने अपनी सामाजिक और राजनीतिक सीमाओं से बाहर जा कर उन्हें प्यार और सम्मान दिया।

अटल जी को अपने प्रखर व्यक्तित्व के साथ साथ शब्दों का जादूगर माना जाता था। चाहे नेता हो या जनता, उनकी पार्टी के हो या फिर विपक्ष सभी उनकी वाकपटुता के क़ायल थे। जब वो भाषण दिया करते थे तो हर कोई उनकी वाणी और तर्कों में खो जाते। यही वजह रही कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अटल जी के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर उनके भविष्य में देश का प्रधानमन्त्री बनने की भविष्यवाणी की थी। वे मन, कर्म और वचन से सच्चे राष्ट्रवादी थे, जिनकी जिव्हा पर साक्षात सरस्वती का वास था। वे जनता के मन की की बात समझते और बोलते थे।

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