भूमि संबंधी विवाद कम से कम हों, इसके लिये काम करेंः नीतीश

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पटना। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कहा है कि भूमि संबंधी विवाद कम से कम हों, इसके लिये काम करने की जरूरत है। उनके समक्ष बुधवार को राजस्व पर्षद द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया। इसी क्रम में उन्होंने यह सुझाव दिया।

राजस्व पर्षद के अध्यक्ष सह सदस्य श्री सुनील कुमार सिंह एवं अपर सदस्य श्री के.के. पाठक ने राजस्व पर्षद में कई प्रकार के लिए गए इनिशिएटिव के बारे में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। बताया गया कि वर्ष में दो बार विभागीय परीक्षाओं का आयोजन कम्प्यूटर के माध्यम से कराया जा रहा है और उसी दिन उसका परिणाम भी घोषित कर दिया जाता है। विभागीय परीक्षाओं के सिलेबस को भी आधुनिक किया  गया  है  और  आर.टी.आई.,  आर.टी.पी.एस.,  मद्य निषेध  इत्यादि  विषयों  को  जोड़ा गया है। बोर्ड ऑफ रेवन्यू का रिकॉर्ड रुम बनाया गया है, जिसमें पुराने कागजात को धरोहर के रूप में सुरक्षित रखा गया है।

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उन्होंने बताया कि पुराने केस रिकार्ड को कम्प्यूटराइज्ड भी किया जा रहा है। प्रस्तुतीकरण में राजस्व पर्षद को और बेहतर तथा कार्यशील बनाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि संबंधी विवाद कम से कम हों, इसके लिये काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महीने में एक बार मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रधान सचिव (गृह) तथा प्रधान सचिव (राजस्व) एवं भूमि सुधार बैठक कर मामले की समीक्षा करें।

उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के स्तर पर हर 15 दिन पर इसकी समीक्षा की जाये। अंचलाधिकारी एवं थानेदार भी सप्ताह में एक दिन बैठक करें, ताकि भूमि संबंधी विवादों का समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि प्रमण्डलीय आयुक्त, जिलाधिकारी नियमित रूप से कोर्ट करें और राजस्व पर्षद उसका अनुश्रवण करे।

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बैठक में मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, राजस्व पर्षद के अध्यक्ष सह सदस्य श्री सुनील कुमार सिंह, प्रधान सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, अपर सदस्य राजस्व पर्षद श्री के0के0 पाठक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह एवं राजस्व पर्षद के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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