संथाल को विकास से दूर करने वालों का 500 करोड़ की ज़मीन पर है कब्जा- रघुवर

0
166

मयूरजुटी गांव में जन चौपाल का आयोजन

बरहेट (साहेबगंज): मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बरहेट विधानसभा क्षेत्र स्थित मयूरजुटी गांव में आयोजित जन चौपाल में कहा कि, संथाल को विकास से दूर कर गुमराह करने वालों ने आदिवासी जमीन गलत ढंग से खरीदी है। इस दौरान दास ने अपने विरोधियों पर जमकर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि, संथालवासियों के बीच यह दुष्प्रचार किया गया कि वर्तमान सरकार आपकी जमीन छीन लेगी। लेकिन सरकार के शासनकाल का पांचवा साल है। क्या किसी की जमीन छीनी गई। नहीं यह सिर्फ दुष्प्रचार है। ताकि संथालवासियों को विकास से अछूता रखा जा सके। ऐसे लोगों की पहचान करें। यह राष्ट्र विरोधी शक्ति है। ये आपका और आपके क्षेत्र का विकास नहीं चाहते। ये नहीं चाहते कि आपके बच्चों के सपने पूरे हों।

- Advertisement -

ज़मीन के मामले में सभी को सजग होने की जरूरत

दास ने कहा, इस प्रकार का दुष्प्रचार प्रचार करने वालों ने ही संथालपरगना के पाकुड़, पाकुड़िया व धनबाद, रांची समेत अन्य जगहों पर सीएनटी-एसपीटी एक्ट जो आदिवासियों की ज़मीन को सुरक्षित करती है, का उल्लंघन कर 500 करोड़ की जमीन अपने नाम कर ली। अब आपको इस मामले में सजग होने की जरूरत है।

2022 तक सभी को घर देने का लक्ष्य

जन चौपाल में उपस्थित शांति देवी ने मुख्यमंत्री से कहा कि उसे प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभ दिलाने की बात कही। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 2022 तक पूरे देश में कोई बेघर ना रहे यह लक्ष्य निर्धारित कर कार्य किया जा रहा है। झारखंड में भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लाभुकों को लगातार मिल रहा है। घर के साथ एलपीजी, बिजली, और शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के प्रति केंद्र व राज्य सरकार गंभीर है। यह सब गरीब, आदिम जनजाति के जीवन में बदलाव लाने के लिए किया जा रहा है। आप सभी को भी आवास अवश्य मिलेगा। इसमें थोड़ा धैर्य की भी जरूरत है।

संथाल परगना को बचाना है तो बिचैलियों को भगाना होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि संथाल परगना को बचाना है तो बिचौलियों को भगाना होगा। बिचैलिया विकास की राह में दीमक की तरह है। कोई भी आपसे सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अगर किसी प्रकार की राशि की मांग करता है तो उसकी जानकारी दे I संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई कर जेल भेजा जायेगा। भ्रष्टाचार मुक्त झारखंड बनाने में अपना सहयोग दें।

संथाली भाषा और लिपि को पहचान मिल रही

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार संथाल परगना क्षेत्र के सभी छह जिला दुमका, देवघर, पाकुड़, गोड्डा, जामताड़ा एवं साहिबगंज तथा कोल्हान क्षेत्र के पूर्वी सिंहभूम जिला में संथाल जनजाति समुदाय की बड़ी जनसंख्या को देखते हुए इन जिलों में स्थित सभी सरकारी कार्यालयों व विद्यालयों के नाम संथाली भाषा की लिपि ओलचिकी में भी लिखे गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न केवल संथाली भाषा-भाषी जनता को सुगमता से सूचना ग्राह्य होगी बल्कि, उनमें अपनी भाषा के प्रति गौरव का भी बोध होगा।

- Advertisement -