शिशिर अधिकारी समेत 2 MP और 5 MLA शनिवार को TMC छोड़ेंगे!

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बंगाल के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का नारा था 'जय हिन्द'। ममता ने उसे छोटा कर 'जॉय बांग्ला' बना दिया। मायने कि 'आमरा बंगाली बनाम बहिरागत।' इससे बढ़कर मूर्खता क्या होगी?
बंगाल के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का नारा था 'जय हिन्द'। ममता ने उसे छोटा कर 'जॉय बांग्ला' बना दिया। मायने कि 'आमरा बंगाली बनाम बहिरागत।' इससे बढ़कर मूर्खता क्या होगी?
  • डी. कृष्ण राव

कोलकाता। शिशिर अधिकारी समेत टीएमसी के 2 सांसद और 5 विधायक शनिवार को ममता बनर्जी का साथ छोड़ देंगे। शिशिर कहीं के राज्यपाल बनाये जा सकते हैं। उनके बेटे शुभेंदु अधिकारी ने तो आज ही विधायकी से इस्तीफा दे दिया। पहले उन्होंने मंत्री का पद छोड़ा था। काफी दिनों से शुभेंदु ने अपनी नाराजगी का इजहार करना शुरू कर दिया था। उन्होंने लगातार जनसभाएं कीं, लेकिन उसमें तृणमूल का जिक्र तक नहीं होता था। तभी से यह अनुमान लगाया जाने लगा था कि वे टीएमसी को अलविदा कह सकते हैं। उन्होंने अपनी सरकारी सुरक्षा भी लौटा दी थी। मंत्री पद के अलावा दूसरे कई सरकारी पदों से इस्तीफा दे दिया था।

केंद्र सरकार ने शुभेंदु अधिकारी की सुरक्षा के लिए Z श्रेणी की सुरक्षा देने की घोषणा की है। उन्हें बुलेट प्रूफ कार भी दी जाएगी। बंगाल में बीजेपी नेताओं के साथ शुभेंदु अधिकारी को भी विशेष केंद्रीय सुरक्षा पाने वाले नेताओं की फेहरिश्त में रखा गया है। बताया जाता है कि शुभेंदु अधिकारी के प्रभाव क्षेत्र वाले तकरीबन दो दर्जन विधानसभा इलाके हैं। बीजेपी के साथ उनका जाना ममता बनर्जी के लिए खतरे की घंटी है।

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इन दिनों ममता बनर्जी की पार्टी तृण मूल कांग्रेस (टीएमसी) लगातार टूट रही है। शिशिर अधिकारी के बेटे शुभेंदु अधिकारी ने आज ही विधायकी से इस्तीफा दे दिया। बैरकपुर समेत कई जगहों को विधायक नाराज चल रहे हैं। आसनसोल में विधायक जीतेंद्र तिवारी ने भी ममता के खिलाफ मोरचा खोल दिया है।

माना जा रहा है कि बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह की बंगाल यात्रा के दौरान टीएमसी के कद्दावर नेता बीजेपी ज्वाइन करेंगे और उनकी बंगाल यात्रा को सार्थक बनाएंगे। इस बीच पश्चिम बंगाल में नाराज नेताओं को मनाने का ममता बनर्जी की टीम लगातार प्रयास कर रही है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इसमें खासा भूमिका अदा कर रहे हैं। लेकिन सूत्र बताते हैं कि तृणमूल कांग्रेस में सबसे ज्यादा नाराजगी प्रशांत किशोर की सक्रियता और भूमिका को लेकर है। पुराने नेता प्रशांत किशोर को बाहरी मान कर उनसे किनारे होना चाहते हैं।

टिकट बंटवारे के लिए ममता बनर्जी ने अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी और प्रशांत किशोर को महत्वपूर्ण जिम्मेवारी दे रखी है। प्रशांत किशोर उर्फ पीके अपने वैज्ञानिक तरीके से उम्मीदवारों का चयन करना चाहते हैं। बंगाल के लोगों को पीके बाहरी लगते हैं। उनका मानना है कि बंगाल की राजनीति में बाहरी दखल दे रहा है।

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