सासाराम में सवर्णों का फूटा गुस्सा, मनोज तिवारी को दिखाये काले झंडे

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पटना। पिछले तीन-चार दिनों के अंदर सवर्णों के भीतर सुलग रहे गुस्से का इजहार हुआ है। सबसे पहले तीन दिन पहले भागलपुर के नौगछिया में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को सवर्णों के गुस्से का कोपभाजन बनना पड़ा। सुरक्षा घेरा चौकस नहीं रहता तो किसी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता था। अभी इसकी फुसफसाहट चल ही रही थी कि सासाराम में भाजपा सांसद व दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी को सवर्ण सेना के काले झंडों का सामना करना पड़ा। राज्य के और कुछ जगहों पर सवर्ण नेताओं का झलकने लगा है। आश्चर्य की बात यह कि सबका गुस्सा भाजपा के नेताओं पर ही है। वह चाहे राज्य का हो या केंद्र का।

सासाराम के बाल विकास मैदान में युवा रविवार को संकल्प सम्मेलन में पहुंचे दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष सह सांसद मनोज तिवारी का सवर्ण सेना के लोगों ने विरोध काला झंडा दिखा कर किया। उनके वाहन को रोक दिया गया था। पुलिस कर्मियों द्वारा किसी तरह सांसद मनोज तिवारी को कार्यक्रम स्थल पर पहुंचाया गया।

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कार्यक्रम में भी स्वर्ण सेना के लोगों ने आरक्षण के विरोध में काला झंडा दिखाकर मनोज तिवारी वापस जाओ, नितिन नवीन वापस जाओ का नारा लगाया। विरोध के कारण कार्यक्रम में अफरातफरी की स्थिति बनी रही। कुछ देर बाद पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए सवर्ण सेना के लोगों पर लाठियां भी चलाईं। सवर्ण सेना के लोग मनोज तिवारी को अपनी आवाज केंद्र तक पहुंचाने का आग्रह कर रहे थे।

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मनोज तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि काला झंडा दिखाने वाले लोग खानदानी चोर हैं और चोर के इशारे पर आए हैं। राहुल गांधी के इशारे पर आए हुए हैं या एक बड़ी साजिश है। इससे कुछ बिगड़ने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि काला झंडा इसलिए दिखाया जा रहा है कि मनोज तिवारी की किसी पर नजर न लग जाए।

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