RJD के स्थापना दिवस में तेज का प्रकट हुआ प्रताप

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पटना। राजद का स्लाथापना दिवस 5 जुलाई को संपन्न हुआ। बैठक में लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप प्रभावी ढंग से छाये रहे। बैठक का सटीक विश्लेषण वरिष्ठ पत्रकार प्रणीण बागी ने पेश किया है। उनके फेसबुक वाल से साभारः

परिवार में सत्ता संघर्ष जारी है। पटना में RJD के स्थापना दिवस समारोह में इशारों ही इशारों में तेजप्रताप यादव ने बहुत कुछ कह दिया। समझदार के लिए इशारा ही काफी होता है, इसलिये इशारे को समझ कर छोटे भाई तेजस्वी समेत सभी बड़े नेता खामोश रहे। तेजप्रताप ने खुद को पार्टी का मास्टर घोषित कर दिया। उनके कहने का भाव यह था कि वे जो चाहेंगे, पार्टी में वही होगा। तेजस्वी को मुकुट पहना कर मुख्यमंत्री होने का आशीर्वाद तो दिया लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में खुद के नाम का नारा लगवाकर अपनी ताकत का एहसास भी करा दिया। उनकी युवा ब्रिगेड लगातार उनका हौसला बढ़ाती रही। जितनी तालियां तेज प्रताप के भाषण में बजी उतनी किसी अन्य के भाषण में नहीं बजी। भाषण के दौरान तेजस्वी के पसीना पोछने पर चुटकी लेते हुए तेज प्रताप ने कहा कि पंखा के नीचे बैठे हो तब भी पसीना आ रहा है। जाओ लालटेन माथा पर लेकर घूमो तब न सीएम बनोगे।
खुद को लालू का असल उत्तराधिकारी दिखाने के लिए लालू के हाव -भाव की खूब नकल की। लगे हाथ यह भी कह दिया कि असामाजिक तत्व उनके पीछे लगे हैं, उन्हें बदनाम किया जा रहा है। इसके लिए मीडिया पर तोहमत लगाने से भी बाज नहीं आये। पार्टी के सभी बड़े नेताओं के सामने उनका व्यवहार पार्टी के सर्वोच्च नेता की तरह था। प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे को उन्होंने निर्देश दिया कि अगली बार से ज्यादा कुर्सियों की व्यवस्था करें, ताकि किसी कार्यकर्ता को खड़ा न रहना पड़े। सभी नेता भक्ति भाव से तेज प्रताप का भाषण सुनते रहे। ठीक वैसे ही जैसे कांग्रेस में राहुल गांधी को सुना जाता है और भक्ति दिखाई जाती है। दोनों दलों में गठबंधन यूं ही नहीं है।

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  • प्रणीण बागी
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