कोलकाता (डी. कृष्ण राव)। भाजपा पश्चिम बंगाल में अपने पैर जमाने और पसारने की जुगत में है। उसका इरादा न सिर्फ पश्चिम बंगाल, बल्कि उत्तर पूर्व के राज्यों में विरोधियों के सफाये का है। यही वजह है कि भाजपा ने बंगाल में रथयात्रा की तैयारी की है। अमित शाह रथ यात्रा की शुरुआत करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान चार-पांच सभाएं करेंगे। बंगाल के आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा देश के पूर्वोत्तर के राज्यों में ज्यादा जोर देना चाहती है खासकर पश्चिम बंगाल से इस बार उसे कुछ ज्यादा ही उम्मीद है। इस उम्मीद पर खरा उतरने के लिए आगामी दो महीनों में रथयात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चार बार राज्य के विभिन्न हिस्सों में सभा करेंगे। यह जानकारी राज्य भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने दी है। दिलीप घोष का कहना है कि प्रधानमंत्री के दफ्तर से ही राज्य भाजपा को मोदी की सभा की सूचना दी गयी है। प्रस्तावित रथयात्रा के बाद फ़रवरी में ब्रिगेड पैरेड ग्राउंड में राज्य भाजपा के ओर से आयोजित एक विशाल रैली को प्रधानमंत्री संबोधित करेंगे। दिलीप घोष की इस घोषणा के बाद से ही राज्य की राजनीति में हलचल मच गया है।
तृणमूल नेता व कोलकाता के मेयर फ़िरहाद हकीम का कहना है कि प्रधानमंत्री यहां चार क्या चार हजार सभाएं भी कर लें, कोई फर्क नहीं पडेगा। आम आदमी ममता बरर्जी के साथ था, है और रहेगा। हालांकि खुद ममता बनर्जी इस बार भाजपा को कमतर नहीं आंक रही हैं। इसलिए कि बंगाल को लेकर अब तक हुए न्यूज चैनलों के सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है कि तृणमूल को इस बार 42 में से 42 सीटें नहीं मिलने जा रही हैं। सर्वेक्षणों के मुताबिक भाजपा को कम से कम 9 सीटें मिलने कि उम्मीद है। इससे ममता बनर्जी तिलमिला गई हैं।
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सोमवार को झाड़ग्राम में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कन्याश्री प्रापक बालिकाओं से अनुरोध करते हुए ममता ने कहा कि लड़कियां अपने माता-पिता को समझाएं कि वे भाजपा के साथ न जाएं। उन्होंने यह भी लोगों से अनुरोध किया कि वे भाजपा के रुपये के आगे बिकें नहीं।
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इधर 5 दिसंबर से शुरू होने जा रही भाजपा के रथयात्रा अभियान की अनुमति अभी तक राज्य सरकार ने नहीं दी है। इससे भाजपा में काफ़ी नाराजगी है। सोमवार को भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल इस विषय को लेकर राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मिला और उन्हें एक पत्र भी दिया।
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