नयी अनाज खरीद नीति से किसानों की आय बढ़ेगी : राजीव रंजन

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पटना। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए केंद्र सरकार को प्रतिबद्ध बताते हुए, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक श्री राजीव रंजन ने  कैबिनेट द्वारा नई अनाज खरीद नीति PM-AASHA को मंजूरी देने के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार हर पल किसानों की उन्नति के लिए कार्य कर रही है। 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार ने नई अनाज खरीद नीति को मंजूरी दी है।

केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए ‘प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान’ (PM-AASHA) के तहत राज्यों को एक से ज्यादा स्कीमों का विकल्प दिया जाएगा। इस नयी नीति के तहत अगर बाजार की कीमतें समर्थन मूल्य से नीचे जाती हैं तो सरकार एमएसपी को सुनिश्चित करेगी और किसानों के नुकसान की भरपाई भी करेगी। यह स्कीम राज्यों में तिलहन उत्पादन के 25% हिस्से पर लागू होगी। इसके अलावा सरकार ने किसानों की डबल इनकम के लिए कृषि की उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही ऐसे कई और उपाय किए हैं, जिनसे उनकी अतिरिक्त आय हो सके।

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उन्होंने कहा कि सरकार के कदमों में सबसे नया है एमएसपी को लागत का डेढ़ गुना किया जाना। कुछ फसलों के मामलों में तो इसे लागत के दोगुने तक भी किया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि किसानों को डेढ़ गुना मूल्य देने के लिए बाजार मूल्य और एमएसपी में अंतर की रकम सरकार वहन करेगी।  सरकार का पूरा प्रयास है कि खेत से उपभोक्ता तक सामान की जो कीमत बढ़ती है, उसका लाभ किसानों को मिले।

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श्री रंजन ने आगे कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के जरिए खेत से लेकर बाजार तक पूरी सप्लाई चेन को मजबूत कर रही है, जिसका उद्देश्य कृषि उत्पादों की कमियों को पूरा करना, खाद्य प्रसंस्करण का आधुनिकीकरण करना है। 6,000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना से वर्ष 2019-20 तक करीब 334 लाख मीट्रिक टन कृषि उत्पादों का संचय किया जा सकेगा। इससे देश के 20 लाख किसानों को लाभ होगा और बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी निकलेंगे।

इसके अलावा केंद्र सरकार ने देश में कार्यरत फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में 100 प्रतिशत FDI करने का भी निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले से इस क्षेत्र में एक नयी क्रांति आने की बात कही जा रही है। सरकार का पूरा प्रयास है कि खेत से उपभोक्ता तक सामान की जो कीमत बढ़ती है तो उसका लाभ किसानों को मिले।

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