ममता बनर्जी अपनी पुरानी सीट भवानीपुर से ही उपचुनाव लड़ेंगी

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ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी से कहा है- मैं आपके पांव पकड़ लूंगी, लेकिन बंगाल को बख्श दीजिए। केंद्र सरकार उनके साथ बदले की कार्रवाई कर रही है।
ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी से कहा है- मैं आपके पांव पकड़ लूंगी, लेकिन बंगाल को बख्श दीजिए। केंद्र सरकार उनके साथ बदले की कार्रवाई कर रही है।
  • डी. कृष्ण राव

कोलकाता। ममता बनर्जी अपनी पुरानी सीट भवानीपुर से उपचुनाव लड़ कर विधानसभा का सदस्य बनने की तैयारी में जुट गयी हैं। नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी हार गयी थीं। हारने के बाद उनके लिए किसी सीट से चुनाव लड़ना आवश्यक हो गया है। उनकी राह आसान करने के लिए भवानीपुर से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर जीते शोभन चटर्जी ने इस्तीफा दे दिया है। यानी अब यह तय हो गया है कि ममता बनर्जी यहीं से चुनाव लड़ेंगी। इस्तीफे के बावजूद शोभन चटर्जी अपने मंत्रालय का काम संभालते रहेंगे। तृणमूल के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी के मुताबिक शोभन चटर्जी के खड़दह सीट से उपचुनाव लड़ने की संभावना है, ताकि वह भी विधानसभा का सदस्य बन सकें और मंत्रालय संभालते रहें।

इस बीच तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर भाजपा ज्वाइन करने वाले कई नेता फिर से वापसी के प्रयास में जुट गये हैं। इनमें सबसे चर्चित नाम सोनाली गुहा का है। सोनाली गुहा चार बार विधायक रह चुकी हैं। इस बार तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो भाजपा खेमे में चली गयीं। अब उन्होंने अपनी भूल स्वीकार करते हुए ममता बनर्जी को काफी मार्मिक चिट्टी लिखी है। उन्होंने लिखा है- दीदी, मैं आपके बिना नहीं रह सकती। जिस तरह जल बिना मछली जिंदा नहीं रह सकती, उसी तरह मेरी स्थिति है। मैं लौटना चाहती हूं। भाजपा में जाना मेरी बड़ी भूल थी। उधर कूचबिहार के भाजपा नेता भूषण सिंह भी तृणमूल कांग्रेस में लौटने की तैयारी में हैं। उन्होंने नारदा कांड में नेताओं की गिरफ्तारी पर नाराजगी जताई है। इससे संकेत मिलता है कि वे भी अपनी पुरानी पार्टी में लौटना चाहते हैं।

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नारदा कांड में तृणमूल के 4 नेताओं की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के बाद बंगाल में बड़ा तबका नाराज है। वह इसे बीजेपी की बदले की कार्रवाई मान रहा है। लोगों को कहना है कि सीबीआई ने एक ही मामले में बीजेपी के दो नेताओं- मुकुल राय और शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ चुप्पी साध ली और टीएमसी के दो मंत्रियों और दो अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि सीबीआई ने डैमेज कंट्रोल के तहत यह तर्क दिया है कि नारदा कांड में जिन नेताओं के नाम थे, उनमें बाकी सांसद हैं। सांसदों की गिरफ्तारी के लिए लोकसभा के स्पीकर की मंजूरी आवश्यक है। इसके लिए वह लगातार प्रयास कर रही है। दो दिन पहले भी सीबीआई ने लोकसभा स्पीकर को अनुरोध पत्र भेजा है।

सीबीआई ने भाजपा के तत्कालीन दो सांसदों- मुकुल राय और शुभेंदु अधिकारी के बारे में तर्क दिया है कि ये दोनों अब विधानसभा के सदस्य हैं। मुकुल राय पर सीधे रिश्वत लेने का आरोप नहीं है। रही बात शुभेंदु अधिकारी की तो अब वे नेता प्रतिपक्ष हैं। इसलिए उनकी गिरफ्तारी भी आसान नहीं है।

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