महात्मा गांधी के बाद दलित-महादलित को किसी ने सम्मान दिया है तो उसका नाम है नीतीश कुमार
बेगूसराय। महात्मा गांधी के बाद अगर दलित, महादलित व अति पिछड़ा समुदाय की जातियों के लिए अगर किसी नेता ने चिंता की है, तो उसका एकमात्र नाम है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का। उन्होंने दलित, महादलित समुदाय की जातियों को आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक रूप से सबल बनाने के लिए बिहार की सत्ता 2005 में संभालने के बाद दिन-रात काम किया और अब भी कर रहे हैं। ये बातें बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व जदयू के वरिष्ठ नेता अशोक कुमार चौधरी ने बुधवार को दिनकर कला भवन में दलित-महादलित जदयू के जिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के हाथों को मजबूत करें।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का बिहार बनाने के लिए आप लोग नीतीश कुमार के हाथों को मजबूत करें। अगर कोई दूसरे दल का नेता आपके घर पहुंच कर आपको बरगलाने का काम करता है तो आप उनसे तुरंत पूछिए कि महादलित समुदाय के उत्थान के लिए आपने क्या काम किया है। नीतीश कुमार की सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50% आरक्षण देकर दलित परिवार के बेटी को जिला परिषद के चेयरमैन, प्रखंड के प्रमुख, पंचायत के मुखिया, सरपंच, गाँव में वार्ड और पंच बनाने का काम किया है। उन्होंने इस मौके पर दलित-महादलित समाज के लोगों को सचेत करते हुए आह्वान किया कि 21वीं सदी का बिहार अगर आप लोग बनाना चाहते हैं तो नीतीश कुमार के हाथों को मजबूत करें।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने दलित, महादलित जाति के उत्थान के लिए लड़ाई लड़ी थी, आज नीतीश कुमार उनके उत्थान के लिए लड़ाई बिहार में लड़ रहे हैं। पहले बिहार में दलित-महादलित के विकास के लिए मात्र 48 करोड़ का बजट बनता था, इसे नीतीश कुमार ने 50 लाख करोड़ का कर दिया, ताकि दलित-महादलित समुदाय का उत्थान हो सके।
जदयू के राष्ट्रीय सचिव रविंद्र सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद दलित-महादलित के लिए जो काम किया है, उस काम को जन-जन तक पहुंचाया जाए। सामाजिक उत्थान, राजनीतिक उत्थान को सशक्त बनाने का सवाल उन्होंने दलित-महादलित समुदाय के लोगों के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच रखा। अब नीतीश कुमार ने 15 अगस्त और 26 जनवरी को होने वाले दोनों राष्ट्रीय पर्व पर महादलित टोला में जाकर झंडोत्तोलन करने का प्रत्येक जिला के डीएम-एसपी को निर्देश दिया है। जिला प्रशासन के अधिकारी महादलित समुदाय के लोगों के बीच जाकर सरकार की विकास योजनाओं की जानकारी उन तक पहुंचाने का काम करेंगे। यह काम नीतीश कुमार ने दलित-महादलित के लिए किया है।
पार्टी के जिला अध्यक्ष भूमि पाल राय ने कहा कि वर्ष 1990 में बिहार कैसा था, यह आप सभी जानते हैं। उस समय दलित और महादलित पर किस तरह से अत्याचार होता था। वह आप लोगों से छुपा हुआ नहीं है। नीतीश कुमार दलित-महादलित और अति पिछड़ी जाति को मजबूत बनाने के साथ ही उनको मुख्यधारा से जोड़ने का काम पिछले 13 वर्षों से कर रहे हैं। उन्होंने इस मौके पर दलित, महादलित व अति पिछड़ा समुदाय के लोगों से आह्वान किया कि नीतीश कुमार की सरकार के लिए जरूरत पड़ने पर हम लोग उनके लिए कलम से भी लड़ेंगे और जरूरत पड़ी तो हम लाठी से भी लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। उन्होंने दलित-महादलित जिला सम्मेलन के कार्यकर्ताओं की ओर से प्रदेश के नेताओं के समक्ष आने वाले लोकसभा चुनाव में अपने दल से बेगूसराय के बेटे को टिकट देकर चुनाव लड़ाने की बात रखी।
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