झारखंड टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित होगाः रघुवर दास

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झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास
  • अरविंद लिमिटेड टैक्सटाइल टू रिटेल ग्रुप ऑफ कंपनी रांची में व्यापक पैमाने पर टैक्सटाइल के क्षेत्र में वस्त्र निर्माण का कार्य प्रारंभ किया
  • अरविन्द टेक्सटाइल अगले 4-5 साल झारखण्ड, गुजरात और आंध्र प्रदेश में 500 करोड़ का निवेश करेगी
  • फेज 2 के पूरा होने पर हर साल 16 मिलीयन वस्त्र का उत्पादन -7500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार, जिसमें 80% महिलाएं

रांची। झारखंड के लिए आज महत्वपूर्ण दिन है। झारखंड के लिए रोजगार के नये रास्ते खुल रहे हैं। हम झारखंड को टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी कड़ी में आज अरविंद स्मार्ट टेक्सटाइल की पहली यूनिट के उदघाटन और फेज 2 का भूमि पूजन किया गया है। आनेवाले समय में और टेक्सटाइल कंपनियां झारखंड में अपना उत्पादन शुरू करेंगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहीं। वे रामपुर अरविंद स्मार्ट टेक्सटाइल की पहली यूनिट के उदघाटन और फेज 2 का भूमि पूजन के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने विश्वस्तरीय गुणवत्ता के वस्त्र निर्माण के कार्य की सराहना की और कहा कि आने वाले समय में झारखंड देश का टैक्सटाइल हब बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अरविंद टैक्सटाइल के 300 करोड़ के फेज 2 के निर्माण पूरा होने पर प्रत्येक वर्ष 16 मिलीयन वस्त्र का उत्पादन होगा। इसके द्वारा 7500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जिसमें 80% महिलाएं होंगी। बड़ी भारी संख्या में अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि टेक्सटाइल उद्योग में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर हैं। इसे बढ़ावा देने के लिए सरकार ने देशभर में सबसे बेहतरीन टेक्सटाइल नीति बनायी है, जिसका असर दिख रहा है। महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए इस नीति में विशेष प्रावधान किया गया है। नीति के तहत महिलाओं को रोजगार देने पर कंपनी को अतिरिक्त 1000 रपये की सब्सिडी दी जा रही है। प्रति पुरुष रोजगार पर 5000 रुपये तथा प्रति महिला रोजगार पर 6000 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। जल्द ही टेक्सटाइल नीति में कुछ संशोधन कर टेक्सटाइल पार्क बनाने को प्रोत्साहित किया जायेगा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें कौशल विकास के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है। कौशल विकास पर सरकार के प्रयास का असर भी अब सामने है। लोगों को अपनी घर में रोजगार मिल रहा है। पहले हमारी बच्चियों को 7-8 हजार रुपये के रोजगार के लिए दूसरे राज्य जाना पड़ता था। यहां उनका हर तरह का शोषण होता था। अब उन्हें न केवल नरक की जिंदगी से छुटकारा मिलेगा, उन्हें अपने घर में 12-13 हजार रुपये का रोजगार भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में 3700 मैट्रिक टन तसर का उत्पादन होता है, इसमें लगभग 2600 मैट्रिक टन का उत्पादन केवल झारखंड में ही होता है। यहां के तसर का निर्यात मुख्यत अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी व स्विटजरलैंड को निर्यात किया जाता है। सरकार का प्रयास है कि झारखंड में ही इसका वैल्यू एडेड प्लांट लगाया जाये। इससे न केवल लोगों को रोजगार मिलेगा, सरकार को भी राजस्व मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि मोमेंटम झारखंड के बाद राज्य में अब तक वस्त्र उद्योग से संबंधित 30 कंपनियों का शिलान्यास किया जा चुका है। इसमें से चार कंपनियां ओरिएंट क्राफ्ट, किशोर एक्सपोर्ट, सिद्दिटेक व अरविंद मिल्स ने उत्पादन भी शुरू कर दिया है। आज से शुरू हुए अरविंद स्मार्ट टेक्सटाइल से ही 2000 लोगों को रोजगार मिला है। दूसरे फेज में 7500 और लोगों को सीधा रोजगार मिलेगा। इनके अलावा 26 कंपनियां द्वारा 1367 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। इससे 26000 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा विभिन्न राज्यों के आठ कंपनियों के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अच्छी नीति, नियत, पारदर्शी शासन और बेहतरीन कानून-व्यवस्था के कारण निवेशक की पसंद झारखंड बनता जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रम शक्ति को मजबूत करने के लिए झारखंड सरकार काम कर रही है। स्किल डेवलपमेंट के जरिये इस शक्ति को हम हुनरमंद बना रहे हैं मानव संसाधन सबसे बड़ी पूंजी है। सिर्फ पूंजी हो और मानव संसाधन ना हो तो पूंजी बढ़ती नहीं है। हमारे यहां महिला शक्ति भी है। किसी भी क्षेत्र में देखें महिलाओं के बिना काम नहीं हो पाता। हमारी सरकार इसीलिए महिला सशक्तिकरण की दिशा में लगातार काम कर रही है।

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अरविंद मिल्स के कार्यकारी निदेशक श्री कुनील लालभाई ने कहा कि वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में झारखण्ड में वह क्षमता है कि यह जल्द ही इस क्षेत्र के अग्रणी बांग्लादेश को पीछे छोड़ देगा। उन्होंने कहा कि अरविंद मिल्स ने अरविंद टैक्सटाइल ने वस्त्र और फैशन उद्योग में भारत और विश्व स्तर पर बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए अगले चार-पांच साल में प्रत्येक वर्ष 500 करोड़ रुपए का निवेश करने जा रही है। देश के 3 बृहद गारमेंट क्लस्टर के विकास के तहत झारखंड, गुजरात और आंध्रप्रदेश में ये निवेश होगा। इससे 10000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा जिसमें 80% महिलाएं होंगी। बड़ी भारी संख्या में अप्रत्यक्ष रोजगार का भी सृजन होगा।

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