लिट्टीपाड़ा में पेयजलापूर्ति योजना पर 217 करोड़ खर्च होंगे

0
110

रघुवर दास ने लगायी चौपाल, कहा- पाकुड़ से 7 महिला किसान जाएंगी इजरायल

पाकुड़/ लिट्टीपाड़ा। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने चार साल के काम का ब्योरा दिया। उन्होंने कहा कि आप से यह जानने आया हूं कि 2019-20 के बजट में पाकुड़ और लिट्टीपाड़ा का बजट कैसा हो। आप बतायें क्षेत्र के किसान, युवाओं, महिलाओं, आधारभूत संरचनाओं के विकास हेतु कैसी योजनाएं बनाई जाएं। इस बजट को आपके सहयोग से बनाया जाएगा। क्योंकि हमारी सरकार जनता के प्रति जवाबदेह सरकार है और जनतंत्र में जनता ही स्वामी है। मैं मुख्यमंत्री बना हूं इस पद को सुशोभित करने हेतु नहीं, बल्कि अलग राज्य की जनता के अधूरे सपने को पूरा करने, आपकी सेवा, आपकी समृद्धि हेतु मुख्यमंत्री बना हूं। आपने एक मजबूत व स्थिर सरकार का निर्माण किया। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बताया कि लिट्टीपाड़ा में पेयजलापूर्ति योजना पर 217 करोड़ सरकार खर्च कर रही है। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहीं। मुख्यमंत्री रविवार को पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में लिट्टीपाड़ा पंचायत के रणबहियार गांव में आयोजित जन चौपाल में बोल रहे थे।

श्री दास ने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं, यह आप से जानूंगा। आप अपने अधिकार के प्रति भी जागरूक बनें और योजनाओं का लाभ लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज़ादी के बाद से राज्य में निवास करने वाले 67 हजार आदिम जनजाति के परिवारों की चिंता किसी ने नहीं की, लेकिन हमारी सरकार ने इन परिवारों की सुध ली है। अगले 4 माह के अंदर उनके गांव मूलभूत सुविधाओं से आच्छादित हो जाएंगे। गांव में पानी का टंकी, सोलर लाइट, पाइपलाइन से जलापूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। पाकुड़ में निवास करने वाले आदिम जनजाति के लिए बिरसा आवास योजना तहत 625 घरों का निर्माण किया जाएगा।

- Advertisement -

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019-20 के बजट में राज्य सरकार सभी आदिवासी गांवों को अलग से 25 लाख रुपये का आवंटन कर रही है। आप सुझाव दें या नहीं, मैं उन गांवों का विकास करूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की महिलाओं को धुंआ से मुक्ति प्रदान करने के उद्देश्य से केंद सरकार ने उज्ज्वला योजना का शुभारंभ किया और मुफ्त गैस सिलेंडर प्रदान कर रही है। वहीं झारखंड देश का इकलौता राज्य है, जो 300 करोड़ के अतिरिक्त बजट से राज्य की महिलाओं को सिलेंडर के साथ निःशुल्क चूल्हा प्रदान कर रहा है। 38, 459 गरीब परिवारों को सिलेंडर और चूल्हा देने का लक्ष्य तय किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कंचनगढ़ पहाड़िया गांव का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। साथ ही धरती पहाड़, प्रकृति विहार पार्क के सौंदर्यीकरण हेतु बजट में प्रावधान किया जाएगा। पाकुड़ के ऐतिहासिक स्थल को सरकार अक्षुण्ण रखेगी। जन चौपाल में मुख्यमंत्री से फूलबना गांव के साहबराम टुडू ने कहा कि गांव के पारा टीचर को नियुक्त कर दिया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हुई नियुक्ति को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है जबकि छत्तीसगढ़ में पंचायती राज व्यवस्था नियमावली के तहत विज्ञापन निकाल कर नियुक्त किया गया है। वर्तमान सरकार ने 20% पारा शिक्षक का तनख्वाह बढ़ा है, टेट पास की अवधि 5 साल से 7 कर दिया गया, सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष, उनके कल्याण कोष मद 10 करोड़ की राशि दी गई है। लेकिन वे सीधी नियुक्ति चाहते हैं यह नहीं हो सकता है। सीधी नियुक्ति कोई सरकार नहीं कर सकती। पारा शिक्षक काम पर लौटे अन्यथा टेट पास को पढ़ाई की जिम्मेवारी सौंपी जाएगी।

जन चौपाल में मुख्यमंत्री से आजीविका कृषि मित्र ने बताया कि क्षेत्र में किसानों को जैविक खेती हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिससे उनकी उत्पादकता क्षमता बढ़ी है और आमदनी भी हो रही है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जैविक खेती की ओर किसान बढ़े। सरकार उनको मदद करने को तैयार है, क्योंकि रसायनिक खाद को उपयोग करने से मिट्टी की उत्पादक क्षमता प्रभावित होती है। पिछले माह रांची में आयोजित वैश्विक कृषि और फूड समिट के दौरान विदेशों से आये कृषि वैज्ञानिकों ने जैविक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया था। प्रति बूँद सिंचाई यानी बूंद-बूंद सिंचाई पर भी किसानों को ध्यान देना है। सभी जिलों में सरकार इस विधि के प्रशिक्षण हेतु विशेषज्ञ को भेजेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकुड़ की 7 महिला किसान इजरायल जाएंगी।

यह भी पढ़ेंः झारखंड में 12 जनवरी तक 1 लाख युवाओं को रोजगार

मुख्यमंत्री से जन चौपाल में पामुली सोरेन ने कहा कि उनके घर तक बिजली पहुंच गई है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 67 साल की आजादी के बाद भी राज्य में केवल 38 ग्रिड का निर्माण हुआ था, जबकि राज्य को 114 ग्रिड की जरूरत थी। इसलिए बिजली की व्यवस्था ठीक नहीं थी। मुख्यमंत्री बनते ही मैंने विभाग की समीक्षा की और 80 ग्रिड एवं 257 सब स्टेशन का निर्माण कार्य प्रारंभ कराया। जब तक कार्य पूर्ण नहीं हो जाता, बिजली आती जाती रहेगी। 2019 अगस्त तक 24 घंटे बिजली उपलब्ध करायी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए अलग फीडर की व्यवस्था सरकार कर रही है, जिससे किसानों को दिन में खेती के समय खेतों पर 6 घंटे निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। हमारा संकल्प है कि अर्थव्यवस्था की धुरी कृषि को संथाल में उद्योग का दर्जा देना है।

यह भी पढ़ेंः कोल्हान में घर-घर पेयजल के लिए पाइप लाइन पर 400 करोड़ खर्च

- Advertisement -