रघुवर की घोषणा- 28 लाख किसानों को सरकार देगी फ्री मोबाइल फ़ोन

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झारखंड में ग्लोबल एग्रीकल्चर फूड समिट का शुभारंभ

  • 50 फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट की आधारशिला रखी गई
  • समिट के साझेदार देश चीन, ट्यूनीशिया, मंगोलिया, इजरायल और फिलीपींस के प्रतिनिधि, 16 राज्यों के 10 हजार किसान, 50 से अधिक वक्ताओं का झारखंड की धरती पर हुआ आगमन
  • 271 करोड़ का निवेश, 6000 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार
  • 2019 मई तक किसानों के लिए बिजली का अलग फीडर होगा

रांची। झारखंड सरकार 28 लाख किसानों को मुफ्नत में मोबाइल फोन देगी। राज्य के किसानों की मेहनत, उनकी उद्यमशीलता और संकल्पशक्ति का प्रतिफल है कि झारखण्ड, जिसकी कृषि विकास दर 4 वर्ष पूर्व -4.5 थी, वह आज बढ़ कर +14 % हो गई है। आपके सहयोग से हम लंबी छलांग लगाने में सफल हुए। हमें यहीं नहीं रुकना है। कृषि विकास दर में और वृद्धि दर्ज करने, आपको उन्नतशील किसान के रूप में तब्दील करने, आपकी उत्पादकता को सही मूल्य प्रदान करने के साथ अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप वस्तुओं का उत्पादन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फ़ूड समिट का आयोजन हो रहा है। उपरोक्त बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहीं। श्री दास गुरुवार को खेलगांव में आयोजित वैश्विक कृषि शिखर सम्मेलन में बोल रहें थे।

श्री रघुवर दास ने कहा कि इस सम्मेलन के जरिए राज्य के किसान अन्य राज्यों और देशों में अपनाई गई सफल तकनीक की जानकारी प्राप्त करेंगे। बाजार की मांग के अनुसार अपने उत्पाद तैयार करने के हुनर से परिचय कराने और अन्य किसानों को भी उन्नति का वाहक बनाना, यही इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है। साथ ही खेती हमारी संस्कृति और परंपरा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के इस ठोस आधार को हमें इस सम्मेलन के माध्यम से और सशक्त करना है।

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श्री रघुवर दास ने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से राज्य में 50 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का शिलान्यास हुआ। इस कार्य हेतु सभी निवेशकों को धन्यवाद। आपके निवेश के किसानों को उनके उत्पाद का सही दाम और नौजवानों को काम मिलेगा। अन्य निवेशकों का भी झारखण्ड में अभिनन्दन है। आप आएं और निवेश करें। यहां की नीति अच्छी है और कार्यों में पारदर्शिता भी है जो आपको हर कार्य मे सहयोग प्रदान करेगा।

28 लाख किसानों को मुफ्त मोबाइल, 2019 तक फीडर से बिजली

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों को बिचौलियों से मुक्ति प्रदान करने, बाजार के पल-पल बदलते चीजों के भाव से अवगत कराने और समय के अनुरूप अपनी फसल की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य के 28 लाख किसानों को सरकार निःशुल्क मोबाइल फोन प्रदान करेगी, ताकि हमारे किसान भी बाजार के बदलते परिवेश के अनुसार खुद को ढाल सकें। साथ ही कृषि कार्य हेतु 2019 मई तक किसानों के लिए अलग फीडर की व्यवस्था सरकार करेगी, जहां से 6 घटें निर्बाध बिजली की आपूर्ति कृषि कार्य हेतु होगी। सरकार की मंशा किसानों के लिए अलग फीडर, उद्योग के लिए अलग फीडर और आम जनता के लिए अलग फीडर लगाने की है, जिस पर कार्य हो रहा है। 2018 दिसंबर तक सुदूरवर्ती गांव तक बिजली पहुंचा दी जाएगी।

राज्य के किसान खुद की और राज्य सरकार की तिजोरी भरने का कार्य करें

श्री दास ने कहा कि किसान सिर्फ सब्जी उत्पादन में ही केंद्रित न रहें। कृषि कार्य के साथ बागवानी, पशुपालन और सोलर फार्मिंग में भी ध्यान दें। सरकार इन कार्यों में आपको सहयोग प्रदान करेगी। सोलर फार्मिंग करने वाले किसानों की बिजली को 3 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीद लिया जाएगा। अगर किसान खेती के साथ अन्य को भी साथ लेकर कार्य करते हैं तो 2022 तक किसानों की आय दोगुनी नहीं, चार गुनी हो सकती है। नौजवान किसान डेयरी उद्योग की ओर ध्यान दें। आपको 50 % अनुदान पर गाय उपलब्ध करायी जाएगी। सरकार ने 25 हजार BPL महिलाओं को 90% अनुदान पर 2 गाय उपलब्ध कराया है। इसके अलावा अगर कोई किसान कृषि लोन का भुगतान अगर 1 वर्ष के अंदर कर देता है तो उस किसान को ब्याज देने की जरूरत नहीं, उस ब्याज का भुगतान राज्य सरकार करेगी।

मछली उत्पादन में झारखंड ने दक्षिण के राज्यों को पछाड़ाः राधामोहन

इस अवसर पर केंद्रीय कृषि और कृषि कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि झारखण्ड को पहली बार कोई ऐसा मुख्यमंत्री मिला है, जो पूरी प्रतिबद्धता से गांव के विकास, गरीबों का सशक्तीकरण, किसानों की उन्नति के बारे सोचता है और उस निमित कार्य को अंजाम देता है। यह राज्य मछली उत्पादन में दक्षिण के राज्यों को पीछे छोड़कर आज मत्स्य उत्पादन में अग्रणी राज्य के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। वर्ष 2013-14 में जहां मछली उत्पादन 1 लाख टन हुआ था, वहीं 2018- 19 में 2 लाख टन मछली का उत्पादन हुआ। मत्स्य बीज उत्पादन में तो झारखण्ड 181% की वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष 2013 – 14 में 100 करोड़ मत्स्य बीज का उत्पादन हुआ, जबकि 2018-19 में 1060 करोड़ बीज का उत्पादन किया गया।

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केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार गठन के बाद किसानों को सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य आपदा कोष में वृद्धि की गई। 4 वर्ष पूर्व यह कोष  33 करोड़ का था, जिसे बढ़ा कर 61 करोड़ कर दिया गया। 21 करोड़ की राशि का वितरण इस मद में राज्य सरकार कर चुकी है। आज धान की लागत कम और फायदा ज्यादा है, क्योंकि सरकार ने 2013-14 में लागू 961 रुपये को बढ़ा कर 2018-19  में 1750 रुपये कर दिया। जैविक खेती हेतु झारखण्ड में 250 क्लस्टर का निर्माण हुआ है। कृषि यांत्रिकीकरण के लिए राज्य को 2014 से पहले कुछ नहीं मिलता था, लेकिन 4 साल में 12 करोड़ 37 लाख की राशि दी गई, ताकि छोटे किसानों को सस्ते दर पर कृषि यंत्र मिल सके।

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