चाईनीज बीमारी कोरोनावायरस की रोकथाम में होम्योपैथ कारगर

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कोरोना वायरस से मची तबाही में होम्योपैथी दवा कारगर
कोरोना वायरस से मची तबाही में होम्योपैथी दवा कारगर

RANCHI : चाईनीज बीमारी कोरोनावायरस चीन में कोहराम मचाते हुए दूसरे देशों तक अपनी पहुंच बना चुका है। इसकी रोकथाम के लिए होम्योपैथिक दवा सामने आयी है। दुनियाभर के डाक्टर जहां एलोपैथ में इसे लाइलाज बीमारी मान चुके हैं, वहीं होम्योपैथ तारणहार बन कर सामने आया है। इस खतरनाक वायरस को लेकर देशभर में जारी अलर्ट के बीच केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय ने भारत में कोरोना वायरस से बचाव के लिए एक एडवायजरी जारी की है।

आयुष मंत्रालय के मुताबिक समय रहते कोरोना वायरस से का बचाव कर लेने पर इसके खतरनाक नतीजों से बचा जा सकता है। सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए होम्योपैथी की ‘आर्सेनिक एल्बम-30’ को 3 दिन तक खाली पेट लेने की सलाह दी है। बोर्ड ने इसे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए कारगर उपाय बताया है।

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आयुष मंत्रालय की एडवाइजरी में बताया गया है कि अगर किसी मरीज में कोरोना का संक्रमण कायम रहता है तो महीने भर बाद आर्सेनिक एल्बम की खुराक को दोबारा ले सकता है। एन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी की रोकथाम के लिए भी आर्सेनिक कारगर दवा मानी जाती है। आयुष मंत्रालय के मुताबिक, तुलसी, काली मिर्च और पिप्पली जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां भी लोगों को कोरोना वायरस से बचा सकती हैं।

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रांची के होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. राजीव कुमार का कहना है कि यदि किसी मरीज में कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई पड़ते हैं तो मरीज को ‘आर्सेनिक एल्बम-30’ (ARSENIC ALB 30) चार बूंद 3 दिन तक खाली पेट और ‘इन्फ्लुएन्जीनुम 200’ (INFLUENZINUM 200) को चार बूंद रात में लेने से फायदा होगा। यदि मरीज में कोई अन्य लक्षण दिखाई पड़ता है तो इसके लिए नजदीकी होम्योपैथी डाक्टर से मिलना चाहिए।

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कोरोना से होने वाले संक्रमण को बचाने वाली यूनानी दवाओं में शरबत उन्नाब, तिर्यकअर्बा, तिर्यक नजला, खमीरा मार्वारिद जैसी दवा ली जा सकती है। आयुष मंत्रालय की एडवाइजरी में आम लोगों को साफ-सफाई से रहने की सलाह दी गयी है। आयुर्वेद में भी इसका उपचार बताया गया है। पिप्पली, काली मिर्च और सोंठ का 5 ग्राम पाउडर और तुलसी की 3-5 पत्तियों को 1 लीटर पानी में तब तक उबालें, जब तक पानी घटकर आधा लीटर न रह जाए। इसके बाद काढ़े को बोतल में भरकर रख लें। इसे धीरे-धीरे पीते रहें। शेषमणि वटी 500 मिलीग्राम रोजाना दिन में 2 बार लें। सुबह के समय तिल के तेल की दो बूंद नाक में डालें। यह सब करते समय डॉक्टर की सलाह जरूर लें। केंद्र सरकार की इस एडवाइजरी को पढ़ने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं: https://pib.gov.in/PressReleseDetailm.aspx?PRID=1600940

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