बिहार के 10 हाफिजों को 12वीं तक की मुफ्त शिक्षा दिलायेगा फ्लेम

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  • एफमी के सम्मेलन में फ्लेम के अध्यक्ष डा. ए.ए. हई ने कहा कि कर्नाटक के शाहीन इंस्टीच्यूट में फ्लेम दिलायेगा शिक्षा, मुस्लिम छात्रों के लिए रिवाल्विंग फंड पर विचार
  • बिहार सरकार अल्पसंख्यकों के लिए कई योजनाएं चला रही है: हारून रशीद

पटना। फोरम फार लिटरेसी अवेयरनेस एंड मुस्लिम एडुकेशन (फ्लेम) के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध सर्जन डा. ए.ए. हई ने कहा है कि बिहार के मुस्लिम बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए कर्नाटक के बेदर, कर्नाटक के शाहीन इंस्टीच्यूट के संचालक अब्दुल कादिर खलील ने बिहार के 10 हाफिज बच्चों की मांग की है, जिन्हें 12वीं तक की शिक्षा मुफ्त में दी जायेगी। इस इंस्टीच्यूट से अभी तक 1200 डाक्टर बने हैं। इसके अलावा इंजीनियरिंग के लिए भी छात्र तैयार किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद छात्रों को उच्चतर या तकनीकी शिक्षा में काफी दिक्कत आती है, इसलिए हम लोग एक रिवाल्विंग फंड बनाना चाहते हैं, जिसके माध्यम से उन छात्रों को फंड उपलब्ध कराया जायेगा और जब वे नौकरी में आ जायेंगे तो उस फंड को उन्हें वापस करना होगा। ये बातें उन्होंने शनिवार को एफमी के 27वें सम्मेलन में आए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि फ्लेम साक्षरता की दर बढ़ाने पर काम करने के अलावा अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर भी जोर देगा। समारोह के मुख्य अतिथि और बिहार विधान परिषद् के कार्यकारी सभापति हारून रशीद ने एफमी तथा फ्लेम के नेक कामों की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार अल्पसंख्यकों के लिए अच्छी-अच्छी योजनाएं चला रही है। अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए सरकार की ओर से कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।

एफमी के फाउंडर ट्रस्टी डा. ए.एस. नाकादार ने फ्लेम के कार्यों की सराहना की और कहा कि मुस्लिम बच्चे-बच्चियों को अपनी रुचि के हिसाब से शिक्षा का पाठ्यक्रम चुनना चाहिए। उन्हें अपना लक्ष्य खुद तय करना चाहिए और तदनुरूप अपनी तैयारी करनी चाहिए। असफलता से कभी हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। अगर मेहनत और लगन बनी रहेगी तो सफलता अवश्य मिलेगी। अगर जब सफल होंगे तो लोग आपकी सफलता को लोग देखेंगे न कि आपकी असफलता को। आप अगर निडर होकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ेंगे, तभी आपका देश भारत भी आगे बढ़ेगा। आप अपने देश की आत्मा है, इसलिए आपके कर्तव्य से ही भारत महान देश बनेगा। इतिहास इस बात का गवाह है कि कई बार असफलता झेलने के बाद विश्व की कई हस्तियां आगे बढ़ी हैं।

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एफमी के अध्यक्ष मो. कुतुबद्दीन ने छात्र-छात्राओं के इस समागम में जुटे लोगों से कहा कि आप अपने भविष्य के बारे में सोचें और उसके लिए कड़ी मेहनत करें। आप भयमुक्त होकर अपने काम में लगे रहिये तभी भारत आगे बढ़ेगा। हिन्दू-मुसलमान साथ-साथ रहेंगे तभी भारत महान कहलायेगा। अपने लक्ष्य की प्राप्ति में आप अपनी ईमान को बनाये रखने के साथ सेहत को ठीक रखिए।

समारोह के मुख्य अतिथि और बिहार विधान परिषद् के कार्यकारी सभापति हारून रशीद ने एफमी तथा फ्लेम के नेक कामों की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार अल्पसंख्यकों के लिए अच्छी-अच्छी योजनाएं चला रही है। अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए सरकार की ओर से कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। कौशल विकास की टेªनिंग भी दी जा रही है। मदरसों को भी सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आज से 10 साल पहले के भारत की जनगणना के अनुसार देश के 28 जिलों में साक्षरता दर काफी कम थी जिसमें सिर्फ बिहार के 18 मुस्लिम बहुल जिले शामिल थे। यह हालत थी अल्पसंख्यकों की। एफमी, फ्लेम आदि जैसी संस्थाओं की मेहनत की बदौलत अब हालत थोड़े सुधरे हैं। उन्होंने कहा कि हमने भी तालिमी बेदारी आंदोलन शुरू किया है जिसमें मुस्लिम बच्चे-बच्चियों की शिक्षा पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब मुस्लिम छात्र-छात्राएं भी आगे आएंगे तो हमारा देश विकास की ओर और अग्रसर होगा।

सम्मान समारोह में डा. ए.ए. हई को सर सैयद अवार्ड तथा सुश्री कामना प्रसाद को मीर ताकी मीर अवार्ड दिया गया। कवयित्री फरहत हसन, बेदर के अब्दुल कादिर खलील, गूंजा सरोवर, अहमद असफाक करीम, नरगिस निशा, मो. हसन अली को एक्सेलेंस अवार्ड दिया गया। मो. हसन अली सातवीं का छात्र है, लेकिन इंजीनियरिंग के छात्रों को पढ़ाता है। इसके अलावा बिहार समेत देशभर के 150 टापर बच्चे-बच्चियों को मेडल देकर उत्साहवर्धन किया गया।

एकेडमिक सेशन में बैंक से सूद लेने के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गयी, जिसमें चेन्नई के डा. शादाकादुल्लाह ने बताया कि बैंकों में सूद की अरबों की राशि पड़ी है, जिसे कोई ले नहीं रहा है। इस मौके पर अपना विचार व्यक्त करते हुए मौलाना असद मदनी (नयी दिल्ली) ने कहा कि बैंक के सूद के पैसे को सिर्फ जरूरतमंदों को दिया जा सकता है।

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अमेरिका से आये डा. असलम अब्दुल्लाह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस मौके पर फ्लेम के उपाध्यक्ष सफी मसहदी, आयोजन समिति के सचिव खुर्शीद अहमद, एफमी के होनेवाले आगामी अध्यक्ष सिराजुद्दीन ठाकुर, मौलाना शमीम अहमद (मुम्बई) के अलावा कई गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।

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