बिहार तेजी से बढ़ रहा राज रोग, बच्चे हो रहे बीपी-सुगर के शिकार

0
408
बीपी, शुगर और दिल के मरीजों की बढ़ रही तादाद बचपन में ही लग रही बड़ी उम्र के लोगों की बीमारी

पटना। अपने श्रम के लिए देश-दुनिया में मशहूर बिहार के लोगों में बड़ी तेजी से राज रोग फैल रहा है। राज रोग यानी डाक्टरों की भाषा में ब्लड प्रेशर, शुगर और हृदय रोग जैसी बीमारियां। डाक्टरों की मानें तो ये बीमारियां अनुवांशिक भी होती हैं, लेकिन ज्यादातर मौजूदा दौर की लाइफ स्टाइल की वजह से हो रही हैं। लोग शारीरिक श्रम कम कर रहे और खानपान पर उनका नियंत्रण नहीं रह गया है। इसमें सबसे दुखद और चौंकाने वाला पहलू यह है कि बड़े-बूढ़े इन बीमारियों के शिकार हो जायें तो आश्चर्य की बात नहीं, अब तो बच्चे भी इसके शिकार बन रहे हैं। हालत यह है कि 20 से 40 वर्ष के युवा भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं।

नेशनल न्यूट्रिशन बोर्ड द्वारा कराये गये एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण में यह तथ्य उजागर हुआ है कि अकेले बिहार में 16 से 22 फीसद लोग उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेसर) से पीड़ित हैं। राष्ट्रीय स्तर पर तैयार इस रिपोर्ट के मुताबिक शहरी इलाकों में उच्च रक्तचाप से पीड़ितों की तादाद पुरुषों में 31 प्रतिशत, जबकि महिलाओं में 26 फीसद है। नेशनल न्यूट्रिशन मानिटरिंग ब्यूरो (एनएनएमबी) भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के तहत आता है। केरल में हाई बीपी मरीजों की संख्या सर्वाधिक 31 से 39 फीसद है। ये आंकड़े 2016-17 के हैं।

- Advertisement -

रिपोर्ट का सबसे खतरनाक संकेत बिहार के लिए यह है कि यहां डायबिटिज के शिकार बच्चों की संख्या 8 फीसदी है। दिल के मरीजों की संख्या 5 से 6 प्रतिशत है। बिहार में इस स्थिति को खतरनाक मानते हैं डाक्टर। बच्चों में जंक फूड और पैकेट बंद खाने की बच्चों में बढ़ती आदत और अभिभावकों द्वारा इसके लिए प्रोत्साहन जिम्मेवार है।

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) के हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष डा. बीपी सिंह के मुताबिक खान-पान और लाइफ स्टाइल से पैदा होने और बढ़ने वाली इन बीमारियों की गिरफ्त में पूरा देश आ गया है। भारत की हालत तो यह है कि यहां इन वजहों से लोग 10 साल पहले इन बीमारियों का शिकार बन रहे हैं। हालांकि विदेशों में इतनी खराब स्थिति नहीं है। उन्होंने बताया कि हर साल अकेले बिहार में 70 हजार लोग हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। देश में यह आंकड़ा 30 लाख का है। उन्होंने बताया कि इस साल अकेले आईजीआईएमएस में अप्रैल-मई के दो महीनों में 9 लोगों की जान हार्ट अटैक से चली गयी। स्थिति इतनी भयावह है कि अब तो 20 से 40 वर्ष की उम्र के लोग भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं।

यह भी पढ़ेंः बिहार में भाजपा को पलटीमार नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं

डायबिटीज कंट्रोल के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक निजी एजेंसी से सर्वे कराया, जिसके आंकड़े बताते हैं कि बिहार के सहरों में रहने वाला हर पांचवा युवक डायबिटीज का शिकार है। पटना तो डायबिटिक हम बनने की राह पर अग्रसर है। बिहार के 18 जिलों में 18 हजार परिवारों में कराये गये सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि 20-25 प्रतिशत युवाओं में डायबिटिक सिम्टम दिख रहे हैं। इनमें अकेले पटना में ऐसे लोगों की तादाद 15 फीसद है।

क्या है इन बीमारियों की वजह

  • नशे का सेवन (शराब, तंबाकू, गुटखा, सिगरेट)
  • तनाव और पैकेट बंद फास्ट फुड का सेवन
  • शारीरिक श्रम से लगातार कटते जाना
  • देर रात जगना, सूबह देर से उठना

कैसे बचें इन बीमारियों से

  • खाने में हर दिन 300-400 ग्राम हरी सब्जी खायें
  • फास्ट फूड व जंक फूट का सेवन कतई न करें
  • हफ्ते में पांच दिन रोज 30 मिनट पैदल चलें
  • समय पर सोयें, सुबह उठें, टहलें और योग करें
  • समय पर अच्छा खाना खाना खाने की आदत डालें
- Advertisement -