टाटा मेन हास्पिटल में नन इंप्लाई मरीजों का इलाज सरकार कराएगी

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मुख्यमंत्री रघुवर दास ने टेल्को व टाटा मेन हास्पिटल में आयुष्मान भारत योजना को ले बैठक की

जमशेदपुर। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने आज  जमशेदपुर परिसदन में टाटा मोटर्स के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर टेल्को, टाटा मेन अस्पताल के आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत मरीजों को अस्पताल में इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हो सकें, इस दिशा में विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने अस्पताल प्रबंधन से जानकारी ली कि प्रतिदिन कितने ऐसे लोग इलाज के लिए आते हैं, जो टाटा अथवा उसकी अनुषंगी इकाइयों में नियोजित नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी फंडिंग सरकार द्वारा की जाएगी। 50% नॉन एम्पलाई अभी भी एडमिट हो रहे हैं, उनका पैसा सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी का दंश झेल रहे परिवारों के लिए बीमारी की पीड़ा असहनीय होती है। रोगों से निजात पाने के लिए गरीब को अपना घर, गहने, खेत-खलिहान तक बंधक रखने पड़ जाते हैं। देश के प्रधानमंत्री ने इस पीड़ा को समझते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र की इस बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना का सूत्रपात किया है, जिससे कोई भी बीमारी के समय अपने आप को असहाय ना समझें। इसमें सभी निजी अस्पतालों का सहयोग भी अपेक्षित है जिससे सरकार की इस सोच को अमलीजामा पहनाया जा सके कि अब गरीब से गरीब व्यक्ति को भी बेहतरीन इलाज की सुविधा प्राप्त होगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा की जन आरोग्य योजना के तहत् नामित हो जाने से गरीबों का पैसा बचेगा और सरकार द्वारा अस्पतालों का सभी भुगतान किए जाने से अस्पतालों में बेहतर आधारभूत संरचना विकसित होने में भी मदद प्राप्त होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन आरोग्य योजना के संबंध में निजी अस्पतालों की समस्याओं का निवारण करने हेतु राज्य स्तर पर स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की गई है। नामित हो जाने और इलाज प्रारंभ हो जाने पर यदि किसी तरह की समस्या आती है तो उसका समाधान निकाला जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा की किसी भी चीज का प्रारंभ होने पर विरोध और संशय की स्थिति पैदा होती है लेकिन दैनिक व्यवहार में शामिल होने के बाद धीरे-धीरे स्वतः यह सभी संशय निर्मूल होते जाते हैं। इसलिए प्रक्रिया के तहत् कार्य करते हुए आयुष्मान भारत के तहत नामित होने का आह्वान मुख्यमंत्री ने किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई समस्या ना हो इसके लिए राज्य स्तर पर भी प्रयास किए जा रहे हैं। प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वे एक प्रपोजल तैयार करेंगे और शीघ्र ही रांची जाकर मुख्यमंत्री से मिलकर नामित होने की दिशा में काम करेंगे।

अस्पताल प्रबंधन द्वारा कैपेसिटी की समस्या बताए जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से कई तरह के की समस्याएं आएंगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि आरोग्य मित्र एक मेडिकल कोऑर्डिनेटर के रूप में काम करेगा। बीमारी का इलाज संबंधित अस्पताल में उपलब्ध है अथवा नहीं तथा बेड इत्यादि की समुचित उपलब्धता को देखते हुए ही मरीज लिया जाएगा, अन्यथा उसको अन्यत्र के लिए रेफर किया जाएगा। आरोग्य मित्र को इसके लिए प्रशिक्षित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गंभीर बीमारी की दशा में ही लोग बड़े अस्पतालों में जाना चाहते हैं अन्यथा कोई अस्पताल नहीं जाना चाहता। समस्या से रूबरू होने पर ही उसका हल संभव है। विधि व्यवस्था जैसे मुद्दों पर पुलिस प्रशासन का पूरा सहयोग रहेगा। आयुष्मान भारत के तहत् नामित अस्पतालों में एक बोर्ड लगा दें ताकि लोग इस बात के लिए जागरूक रहें कि अस्पताल में किस तरह की सुविधाएं जन आरोग्य योजना के तहत उन्हें प्राप्त होंगी और किन-किन बीमारियों के इलाज की सुविधा उपलब्ध है। *मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्वास्थ्य के क्षेत्र की अब तक की सबसे बड़ी योजना है। स्वस्थ झारखंड ही समृद्ध झारखंड बनेगा। इसको व्यवसाय के दृष्टिकोण से ना देखें। मनुष्य की सेवा सर्वोपरि है।

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