उपेंद्र कुशवाहा ने मंत्री पद छोड़ा, भेज दिया इस्तीफा, अलविदा NDA !

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेज दिया। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने इसका ऐलान कर दिया। इसके साथ ही वह एनडीए को अलविदा बोल देंगे। दोपहर दो बजे उन्होंने दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस की। इसी प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने इस्तीफे का एलान किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा भेजने की बात कही। पिछले काफी दिनों से एनडीए में रह कर वह अपमान और घुटन महसूस कर रहे थे। सनद रहे कि कुशवाहा 2014 से एनडीए में थे। उनके तीन सांसद जीते थे, जिनमें एक अरुण कुमार ने अलग गुट बना लिया था। कुशवाहा अपने इस्तीफे को अपने अपमान और उपेक्षा को इस्तीफे का आधार बनाने वाले हैं।

विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि कुशवाहा दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलेंगे। वह शरद यादव से पहले ही मिल चुके हैं। राजद ने कई बार उन्हें एनडीए छोड़ महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया है, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाबी प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी। ज्यादा संभावना है कि वह एनडीए छोड़ने के बाद महागठबंधन का हिस्सा बनेंगे।

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उपेंद्र कुशवाहा को आपत्ति इस बात पर थी कि एनडीए में रहते हुए उनसे बिहार की राजनीति पर कोई सलाह नहीं ली जा रही थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार एनडीए के विरोध में थे। अब बिहार एनडीए में उनकी पूछ ज्यादा हो गयी है। पूछ बढ़ने का आलम यह है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में महज दो सीटों पर जीत से संतोष करने वाले नीतीश कुमार के जदयू को भाजपा ने अपने बराबर सीटें देने का एलान कर दिया। इतना ही नहीं, ऐसा करने के पहले एनडीए का घटक होने के बावजूद रालोसपा से किसी ने बात तक नहीं की।

बिहार में शिक्षा सुधार का अभियान चलाने वाले उपेंद्र कुशवाहा को कोफ्त इस बात से भी है कि केंद्र में शिक्षा महकमा उनके पास था और उन्होंने बिहार में इसका लाभ देने के लिए काफी प्रयास किया, लेकिन नीतीश की सरकार ने उनका कोई सहयोग नहीं किया और केंद्रीय विद्यालय बिहार में खोलने का अवसर हाथ से निकल गया।

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