कलकत्ता हाईकोर्ट ने TMC नेताओं को बेल दी, पर रहेंगे हाउस अरेस्ट

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कलकत्ता हाईकोर्ट की दो जजों वाली बेंच नारदा स्टिंग मामले में गिरफ्तार TMC नेताओं को बेल दे दी, पर हाउस अरेस्ट की शर्त पर। बेंच का मत बंटा है
कलकत्ता हाईकोर्ट की दो जजों वाली बेंच नारदा स्टिंग मामले में गिरफ्तार TMC नेताओं को बेल दे दी, पर हाउस अरेस्ट की शर्त पर। बेंच का मत बंटा है
  • डी. कृष्ण राव

कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने TMC के गिरफ्तार चारों नेताओं को बेल दे दी है, लेकिन उन्हें हाउस अरेस्ट रहना होगा। दो जजों वाली डिवीजन बेंच नारदा स्टिंग मामले में गिरफ्तार TMC के 4 नेताओं की बेल पर एकमत नहीं है। चीफ जस्टिस बेल के साथ नजरदारी के लिए हाउस अरेस्ट के पक्ष में हैं। दूसरे जज जज बेल के पक्ष में हैं। दोनों जजों ने कुछ देर तक विमर्श किया। फिर यह तय हुआ कि हाउस अरेस्ट की तर्हैज पर बेल दी जाये। चूंकि यह आम राय का फैसला नहीं है, इसलिए अब यह मामला दूसरी बेंच के पास जाएगा। यानी नेताओं को फिलहाल बेल के बावजूद हाउस अरेस्ट रहना होगा। वे घर से बाहर नहीं निकल सकेंगे।

कलकत्ता हाईकोर्ट में- आज सुनवाई हुई और अदालत ने हाउस अरेस्ट की शर्तों के साथ बेल दे दी। बेल पर बुधवार को ढाई घंटे तक हाईकोर्ट में पहली सुनवाई हुई थी, लेकिन कोई निर्णय नहीं हो पाया था। गुरुवार को सुनवाई स्थगित हो गयी थी। सीबीआई हिरासत में लिये जाने के बाद पहली रात इन नेताओं ने प्रेसिडेंसी जेल में गुजारी थी। अगले दिन सभी ने अलग-अलग तकलीफों की शिकायत की। उसके बाद एसएसकेएम अस्पाताल में उन्हें भर्ती कराया गया था। 18 मई को इनकी गिरफ्तारी हुई थी।

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इधर सीबीआई ने मामले की सुनवाई बंगाल से बाहर कराने की इजाजत अदालत से मांगी है। इस बारे में अदालत को दिये आवेदन में सीबीआई ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से खतरे की आशंका जताया है। सनद रहे कि जिस दिन इन नेताओं की गिरफ्तारी हुई, उस दिन सीबीआई हेडक्वार्टर का तृणमूल कांग्रेस (TMC) समर्थकों ने घेराव किया, रोड़ेबाजी की। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद 6 घंटे तक मुख्यालत में इस मांग को लेकर बैठी रहीं कि उन्हें भी गिरफ्तार किया जाये।

ममता बनर्जी नारदा स्टिंग मामले में गिरफ्तार फिरहाद हकीम बाबी के घर कल गयी थीं। उन्होंने परिवारी जनों को भरोसा दिलाया कि हर हाल में फिरहाद को छुड़ा कर रहूंगी। हालांकि ममता नवान्न (सचिवालय) से निकल जब फिरहाद के घर पहुंचीं, उस वक्त उनकी पत्नी फिरहाद से मिलने गयी थीं। घर पर बेटी से ही मुलाकात हुई। उन्होंने कहा कि घबरायें नहीं, फिरहाद को बाहर निकालना उनका दायित्व है।

सीबीआई के केस की सुनवाई बंगाल के बाहर कराने के आवेदन से बिहार के चारा घोटाले की याद ताजा हो गयी है, जब सीबीआई के तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर यूएन विश्वास पत्रकारों से अक्सर कहा करते थे कि कोलकाता से चलते वक्त वह अपनी पत्नी को बोल कर आते हैं कि क्या पता वह लौटें कि नहीं। बाद में यूएन विश्वास ममता बनर्जी की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन बाद में उन्होंने अपने को किनारे कर लिया।

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