बिहार के 5 शहरों में वायु गुणवत्ता जांच केंद्र खोले जायेंगेः सुमो

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पिछले दिनों विधान पार्षद श्री संतोष सिंह की पत्नी का असामयिक निधन हो गया था, उनके घर बघिनि जिला कैमूर जाकर उपख्यमंत्री ने श्री संतोष सिंह एवं उनके परिजनो से मुलाकात की
पिछले दिनों विधान पार्षद श्री संतोष सिंह की पत्नी का असामयिक निधन हो गया था, उनके घर बघिनि जिला कैमूर जाकर उपख्यमंत्री ने श्री संतोष सिंह एवं उनके परिजनो से मुलाकात की

पटना। बिहार के 5 शहरों में वायु गुणवत्ता जांच केंद्र खोले जायेंगे। दुनिया के सबसे प्रदूषित 20 शहरों में बिहार के 3 शहर हैं। इनमें पटना, गया, मुजफ्फरपुर शामिल हैं। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के सबसे प्रदूषित 20 शहरों में बिहार के भी तीन शहर पटना, गया और मुजफ्फरपुर शामिल हैं, जिसे सरकार ने चुनौती के रूप में लिया है।

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राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को इस साल नवंबर तक 16.96 करोड़ की लागत से पटना में अतरिक्त चार, मुजफ्फरपुर और गया में एक-एक तथा भागलपुर, दरभंगा में एक-एक वायु गुणवत्ता जांच के नए केन्द्र स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। ज्ञातव्य है कि वर्तमान में पटना के तारामंडल के पास तथा गया एवं मुजफ्फरपुर में मात्र एक-एक वायु गुणवत्ता जांच केन्द्र कार्यरत हैं।

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उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्ययोजना (National Clean Air Programme) के अन्तर्गत देश के 103 शहरों में बिहार के भी 3 शहरों पटना, गया और मुजफ्फरपुर को शामिल कर केन्द्र सरकार बिहार को 10 करोड़ की राशि उपलब्ध करा रही है, जिसे वायु गुणवत्ता अनुश्रवण प्रणाली, तीन मेकेनिकल डस्ट स्वीपिंग मशीन, पानी के छिडकाव के लिए वाहन व उपकरण, हरित कार्यक्रम, कम्पोस्टिंग इकाई, चार चलित प्रवर्तन इकाई (Mobile Enforcement Unit) एवं जन जागरूकता संबंधी कार्यों पर खर्च किया जायेगा।

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राजद के लोग मुंह चुरा रहे हैः श्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि बिहार में राजद नेतृत्व वाले महागठबंधन की करारी हार के बाद जो लोग जनता से मुंह चुरा रहे हैं या जनता के फैसले को साजिश बता रहे हैं, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीखना चाहिए। दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के  बाद वे केरल गए, जहां संसदीय चुनाव में अजेय बहुमत पाने वाली भाजपा एक भी सीट नहीं जीत पायी। उन्होंने विरोध में मत देने वालों को भी अपना बताया, जबकि बिहार में चुनाव हारने वाले लोग ईवीएम के खिलाफ आंदोलन करने की धमकी दे रहे हैं।

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उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि लगातार दो संसदीय चुनाव में हार के बावजूद कांग्रेस वंशवादी ब्रांड गांधी से अलग कुछ सोचने को तैयार नहीं है। वीरप्पा मोइली जैसे नेता राहुल गांधी में अब भी लीडरशिप क्वालिटी खोज लेते हैं और मानते हैं कि अगर उन्हें एक हाथ से पद छोड़ना पड़े, तो वे अपने दूसरे हाथ को सौंप दें। चाटुकारों-घोटालेबाजों और भारत विरोधी ताकतों के बोझ तले दबी कांग्रेस ने  अपने विनाश का रास्ता खुद चुना है।

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