बिहार: राजनीतिज्ञों के सेक्स स्कैंडल के लिए याद रहेगा 2018

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बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग एक बार उठी है। नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार की खस्ताहाली उजागर होने के बाद नीतीश कुमार ने अपनी पुरानी मांग रिपीट कर दी है।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग एक बार उठी है। नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार की खस्ताहाली उजागर होने के बाद नीतीश कुमार ने अपनी पुरानी मांग रिपीट कर दी है।

बेगूसराय (नंदकिशोर सिंह)। बिहार में गुजरता साल 2018 राजनीतिक उथल-पुथलके लिए तो याद किया ही जाएगा, लेकिन देश-दुनिया में बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम सेक्स स्कैंडल के लिए भी शिद्दत से जाना जाएगा। रेप मामले में विधायक राजबल्लभ यादव को सजा मिलने की बात भी भूलने वाली घटना नहीं है, जिसने उनकी विधायकी और भविष्य में चुनाव लड़ने पर ब्रेक लगा दिया है। इसी साल जदयू राजग में तो जीतन राम मांझी ने राजग छोड़ महागठबंधन में शामिल होने का ऐलान किया। राजद के दो विधायकों को सजा मिली।

हां, वर्ष 2018 में कुछ अच्छी बातें भी हुईं, जो यादगार हैं। बिहार की बेटी श्रेयांशी सिंह ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीत कर जहां प्रदेश का नाम रोशन किया, वहीं प्रदेश की टीम ने लगभग दो दशक बाद रणजी ट्रॉफी खेल कर खेल प्रेमियों को खुशी का एहसास कराया।

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प्रदेश में यह साल राजनीतिक परिदृश्य में हुए उलट-फेर के लिए भी जाना जाएगा। जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस, राजद और जदयू के महागठबंधन से अलग होकर जिनके खिलाफ चुनाव लड़ा, उसी भाजपा के साथ सरकार बनायी। हालांकि जनता दल यूनाइटेड के राजग में जाने के इस कदम से नाखुश होकर बाद प्रदेश के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की अगुवाई वाली हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने राजग छोड़ दिया और महागठबंधन में शामिल होने की घोषणा की। केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने वर्ष के उत्तरार्ध में राजग छोड़ने का ऐलान कर दिया। उनकी पार्टी के विधायकों और सांसदों ने कुशवाहा के इस निर्णय के खिलाफ विद्रोह कर दिया और कहा कि वे राजग में ही बने रहेंगे।

रालोसपा के राजग से अलग होने का निर्णय ऐसे समय में आया, जब भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्ता गंवा चुकी थी और राफेल सौदे को लेकर पार्टी विपक्ष के चौतरफा हमले का सामना कर रही थी।

बिहार राजग में शामिल राजनीतिक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, सीएम नीतीश कुमार और लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान वर्ष के अंतिम हफ्ते में नई दिल्ली में मीडिया के सामने आए और मीडिया को बताया कि बिहार में भाजपा और जदयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि लोजपा को 6 सीटें मिली हैं। इधर कई और छोटे दलों के महागठबंधन में शामिल होने के बाद जीत हासिल करने के लिए अब वाम दलों को इसमें शामिल करने के लिए बातचीत चल रही है। इसका फलाफल 2019 में दिखेगा।

महागठबंधन के सबसे बड़े दल राजद के पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद के जेल में बंद  होने के कारण पार्टी संकट के दौर से गुजर रही है। लालू चारा घोटाले के विभिन्न मामलों में सजा काट रहे हैं। लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने पार्टी की अगुवाई करते हुए राज्य में कई उपचुनावों में जीत हासिल कर प्रदेश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और मुजफ्फरपुर सेक्स स्कैंडल मामले में तेजस्वी ने राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और सीताराम येचुरी जैसे नेताओं के साथ दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देकर अपने राजनीतिक कार्यशैली व कद का परिचय दिया।

इस बीच लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप की शादी इसी साल धूमधाम से तो हुई, लेकिन कुछ ही मनीनों बाद उन्होंने पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक लेने का फैसला कर लिया। इस घटना को लेकर इस साल सुर्खियों में रहे तेजप्रताप। तेज प्रताप ने यह फैसला शादी के महज 6 महीने बाद ही किया था। तेज प्रताप लगातार तीर्थ यात्राएं करते रहे और अपने घर लौटने से उन्हें मना कर दिया।

राजद के 2 विधायकों इलियास हुसैन और राजबल्लभ यादव को क्रमशः भ्रष्टाचार और बलात्कार मामले में दोषी करार दिए जाने से पार्टी पर असर पड़ा। बिहार के मुजफ्फरपुर में सरकारी बालिका गृह में 30 लड़कियों के साथ यौन दुर्व्यवहार का मामला सामने आने से पूरा बिहार और देश सकते में आ गया। इस भयावह कहानी की चर्चा देश-विदेश में हुई। इसमें एक गैर सरकारी संगठन का मालिक ब्रजेश ठाकुर मुख्य आरोपी था। मुजफ्फरपुर की घटना से हिली बिहार सरकार ने एहतियाती उपाय करते हुए इसमें शामिल ठाकुर सहित अन्य लोगों को गिरफ्तार करवाया। इस यौन दुर्व्यवहार के कारण प्रदेश की समाज कल्याण मंत्री कुमारी मंजू वर्मा को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी और  पति चंद्रशेखर वर्मा के साथ उन्हें भी जेल जाना पड़ा।

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नीतीश कुमार की सरकार द्वारा प्रदेश में की गई शराब बंदी के कारण राज्य में बड़े पैमाने पर अवैध शराब की जब्ती की गई। दूसरी ओर बोधगया धर्मगुरु दलाई लामा के कार्यक्रम स्थल के निकट एक पार्क से बम बरामद किया गया। प्रदेश के कई जिलों में सांप्रदायिक संघर्ष की घटनाएं भी हुई। हालांकि इन पर बेहतर तरीके से सरकार ने काबू पा लिया।

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बिहार में माब लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या) की घटनाओं के लिए भी इस साल को याद रखा जाएगा। हत्या की कई बड़ी वारदात भी इस साल रिकार्ड की गयीं, जिनमें साल के आखिरी महीने में उद्योगपति गुंजन खेमका की वैशाली जिले के हाजीपुर में हत्या शामिल है।

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