हम शुरू से ही न्याय के साथ विकास के रास्ते पर चल रहे हैंः नीतीश

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पूर्णिया प्रमंडल स्तरीय दलित-महादलित सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री

पूर्णिया। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज जदयू द्वारा आयोजित पूर्णिया प्रमंडल स्तरीय दलित-महादलित सम्मेलन में शामिल हुए। मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि मेरा विश्वास शुरू से ही न्याय के साथ विकास में है। सरकार में आने के बाद से ही हम न्याय के साथ विकास के कार्य में लगे हैं। समाज के हर तबके, हर इलाके के लिए काम कर रहे हैं। हाशिए पर रह रहे लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं। हर इलाके के विकास से तात्पर्य है, प्रत्येक शहर, गांव के साथ-साथ टोले का विकास। पक्की सड़कों से सिर्फ गांव एवं शहरों को ही नहीं जोड़ा जा रहा है बल्कि टोलों को भी जोड़ा जा रहा है, ताकि सभी  लोग  बेहतर आवागमन का लाभ  उठा  सकें।  अनूसूचित जाति/जनजाति टोलों में प्राथमिकता के तौर पर विकेंद्रीकृत तरीके से योजनाओं को लागू किया जा रहा है। महादलित टोलों में एक-एक सामुदायिक भवन का भी निर्माण कराया गया है। महादलित विकास मिशन की शुरुआत की गयी, जिसका लाभ एस0सी0/एस0टी0 के लोगों को भी मिल रहा है। बीच में कुछ लोगों के द्वारा भ्रम फैलाने की कोशिश की गयी। हमलोगों ने वर्ष 2006 में पंचायती राज एवं नगर निकाय चुनावों में अध्यादेश लाकर आरक्षण लागू किया। हर घर तक पक्की गली-नाली का निर्माण हर तबके और हर इलाके के लिए है। विकास का हमारा यही नजरिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 दिसम्बर तक हर घर तक बिजली पहुँचाने का लक्ष्य था, जिसे बिजली विभाग ने 31 अक्टूबर तक हासिल करने को लेकर मुझे आश्वस्त किया है। विकास का हमारा नजरिया सार्वभौमिक है, जिसका लाभ सभी को मिलता है, इसी दृष्टिकोण के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता संभालने के बाद जब ये सर्वे कराया तो पता चला कि 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं, इनमें ज्यादातर बच्चे महादलित एवं अल्पसंख्यक समुदाय से थे। इन सबके लिये टोला सेवक एवं तालिमी मरकज के लगभग 30 हजार लोगों का चयन किया गया और उनके माध्यम से उन्हें स्कूलों तक पहुंचाया गया। अब ऐसे बच्चों की संख्या एक प्रतिषत से भी कम है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति छात्रावास का बेहतर तरीके से निर्माण कराया गया और पुराने छात्रावासों को भी नए सिरे से बनवाया जा रहा है। सभी स्कूलों एवं छात्रावासों में शौचालय की बेहतर व्यवस्था की जा रही है। छात्र-छात्राओं को 15 किलो अनाज में से 9 किलो चावल एवं 6 किलो गेहूं छात्रावास में ही पहुंचाने की व्यवस्था की गयी है और उन्हें प्रतिमाह 1000 रुपए का अनुदान भी मिलेगा। अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए नए आवासीय विद्यालय का निर्माण भी कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना के तहत उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 10 लाख रुपए की राशि, जिसमें 5 लाख रुपये अनुदान के रुप में एवं बाकी के 5 लाख रुपए ब्याज मुक्त ऋण के रुप में उपलब्ध कराया जाएगा। उद्यमिता की ट्रेनिंग के लिए भी सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि बी.पी.एस.सी. की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अनुसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति एवं अतिपिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को 50 हजार रुपए की राशि एवं यू.पी.एस.सी. की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अनुसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति एवं अतिपिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को एक लाख रुपए की राशि मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए दी जा रही है। पहले से भी लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं की तैयारी के लिए दलित, पिछड़ों, अति पिछड़ों एवं अल्पसंख्यकों के लिये कोचिंग की व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 4 लाख रुपये के ऋण की व्यवस्था की गयी है। आपलोग चिंतामुक्त होकर पढ़िए, अगर पैसा लौटाने में अक्षम होंगे तो ऋण माफ भी किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों जिनके पास अपनी जमीन नहीं है, उन्हें राज्य सरकार वास भूमि खरीदने के लिए 60 हजार रुपए की सहायता कर रही है। पुराने इंदिरा आवास जो जर्जर हालत में है, उन्हें नई योजना मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत नए आवास बनाने के लिए एक लाख 20 हजार रुपए की भी सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण कानून के अंतर्गत जो भी मामले आते हैं, उसकी समय पर जांच कर अग्रेतर कार्रवाई की व्यवस्था हमने सुनिश्चित की है। दुनिया की कोई भी ताकत इस देश से आरक्षण खत्म नहीं कर सकती है। हमारे रहते आपके अधिकारों का कोई हनन नहीं कर सकता है। उन्होंने आह्वान किया कि आप अपने बच्चों को जरूर पढ़ाएं, पढेगा तभी आगे बढेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना” के तहत 4 से 10 लोगों की क्षमता वाली सवारी गाड़ी के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत से 5 लोगों को आर्थिक मदद दी जा रही है। इसमें से अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 3 लोगों एवं अतिपिछड़ा वर्ग के 2 लोगों को वाहन खरीदने के लिए राज्य सरकार एक लाख रुपए तक की सहायता राशि उपलब्ध कराएगी। इससे लोगों में रोजगार पैदा होगा और आवागमन में भी सुविधा होगी। यह योजना समस्तीपुर जिले के एक पंचायत से शुरू हो गयी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी कई कारगर कदम उठाए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे कितना भी विकास कर लें लेकिन विकास का वास्तविक लाभ तभी प्राप्त होगा, जब सामाजिक कुरीतियां दूर होंगी। शराबबंदी के निर्णय के बाद लोगों को इसका लाभ मिल रहा है। 9 जुलाई 2015 को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में महिला विकास निगम के द्वारा आयोजित महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रम में महिलाओं की मांग पर पूर्ण शराबबंदी  को  सरकार  बनने  के  बाद  हमने  लागू  किया। लोग  अपनी  गाढ़ी  कमाई  का  बड़ा हिस्सा शराब पीने में खर्च कर देते थे और पीकर झगड़ा करते थे, पारिवारिक वातावरण बहुत ही खराब रहता था। इसका दुष्प्रभाव महिलाओं और बच्चों पर ज्यादा पड़ता था। शराबबंदी के बाद इसमें बड़ा बदलाव आया है और अब हो रही बचत से उनकी जीवनशैली में सुधार देखने को  मिल  रहा  है।  शराबबंदी  से गरीब-गुरबा  लोगों को काफी फायदा  हुआ  है।  मुख्यमंत्री  ने कहा  कि  बिहार  के  बाहर  भी  शराबबंदी  की  मांग  उठने लगी है।  आपलोग  मजबूती  से  खड़े रहिएगा तो यह पूरे देश में लागू हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से शराब चुलाई के कार्य में जो लगे थे, वैसे परिवारों को चिन्हित कर जीविकोपार्जन के लिए सरकार योजनायें चला रही है। हाशिये पर के लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार विशेष योजनायें चला रही है। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक रोजगार शुरू करने में अगर 6 माह का वक्त लगेगा तो इसके लिये सरकार 1000 रूपये प्रतिमाह के हिसाब से आर्थिक सहायता मुहैया कराएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के एवं 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की की शादी कानूनन अपराध है। कम उम्र में लड़कियों के विवाह से जान का खतरा बना रहता है साथ ही पैदा होने वाले बच्चे बौनेपन एवं अन्य बीमारियों के शिकार होते हैं। दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए हम सबको मिल कर काम करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब ने बौद्ध धर्म अपनाया था। बुद्ध का संदेश शांति और अहिंसा का था, वे कटुता के हिमायती नहीं थे। बाबा साहेब अम्बेडकर ने ही संविधान का निर्माण किया था और वह हमारे यहाँ लागू है। चुनाव को ध्यान में रखते हुए कुछ लोग टकराव पैदा करने की कोशिश करेंगे, उनके बहकावे में नहीं आईयेगा। इससे विकास कार्य बाधित होता है। जब तक कटुता का वातावरण रहेगा, विकास का उचित लाभ नहीं मिल सकेगा। हम लोगों की सेवा के प्रति समर्पित हैं और आगे उनके लिए काम करते रहेंगे। यह ज्ञान की भूमि है, हमारा इतिहास गौरवशाली रहा है। समाज में प्रेम, सद्भाव एवं भाईचारे का वातावरण रखते हुए हम सब फिर से उस गौरवशाली अतीत को प्राप्त कर सकते हैं।

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दलित-महादलित सम्मेलन को भवन निर्माण मंत्री श्री महेश्वर हजारी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री रमेश ऋषिदेव, सांसद श्री संतोष कुशवाहा, विधायक श्री श्याम रजक, विधान पार्षद श्री अशोक चैधरी, विधायक श्री नौशाद आलम, विधायक श्रीमती बीमा भारती, विधायक श्रीमती लेसी सिंह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर पूर्णिया के प्रभारी मन्त्री श्री दिनेश चंद्र यादव, शिक्षा मंत्री श्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, परिवहन मंत्री श्री संतोष निराला, सांसद श्री आरसीपी सिंह, विधायक श्री रत्नेश सदा, विधायक श्री रवि ज्योति, विधायक श्री मुजाहिद आलम, विधान पार्षद श्री संजीव कुमार सिंह, विधान पार्षद श्री ललन सर्राफ, पूर्व मंत्री श्री दुलाल चंद गोस्वामी, पूर्व विधान पार्षद श्री ललन तांती, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में जदयू कार्यकर्ता एवं आमलोग उपस्थित थे।

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