बिहार में पांच और नए मेडिकल कॉलेज खोल रही सरकारः सीएम

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नीतीश ने गोपालगंज के बैकिंठपुर में ब्रजकिशोर नारायण सिंह राजकीय पॉलिटेक्निक का लोकार्पण किया

गोपालगंज। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज गोपालगंज जिला के बैकुंठपुर प्रखंड स्थित मानटेंगराही में ब्रजकिशोर नारायण सिंह राजकीय पॉलिटेक्निक का लोकार्पण फीता काटकर एवं शिलापट्ट का अनावरण कर किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भवन के लिए प्राक्कलित राशि 44 करोड़ 92 लाख रूपये थी। काम 34 करोड़ रुपये में ही पूर्ण कर लिया गया। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जो पैसा बचा हुआ है, उसका उपयोग इसी परिसर में लड़के एवं लड़कियों के लिए एक-एक छात्रावास के निर्माण एवं वर्कशॉप के निर्माण में कराया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पॉलिटेक्निक का क्रेज बढ़ रहा है, इसको ध्यान में रखते हुए अब सीटों की संख्या बढ़ा दी गई है, ताकि छात्र-छात्राएं ज्यादा से ज्यादा पढ़ सकें। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज एवं अन्य संस्थाओं का निर्माण कराने का निर्णय लिया है, ताकि हमारे छात्र को पढ़ने के लिए बाहर जाना न पड़े। सात निश्चय कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज, पालिटेक्निक कॉलेज, जी.एन.एम. संस्थान, पारा मेडिकल संस्थान एवं महिला आई.टी.आई. की स्थापना की जानी है। साथ ही प्रत्येक अनुमंडल में ए.एन.एम. संस्थान एवं आई.टी.आई. की स्थपाना की जा रही है। राज्य में पांच और नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना करायी जा रही है।  प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज की भी स्थापना की जाएगी। इन सभी संस्थानों के निर्माण के लिए कुछ जगहों को छोड़कर बाकी जगहों पर जमीन उपलब्ध हो गया है और शेष के लिए प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि ए.एन.एम., जी.एन.एम. एवं नर्सिंग कॉलेज की स्थापना से यहां की छात्राएं उच्च गुणवत्ता की नर्सिंग शिक्षा प्राप्त कर बिहार में रोजगार हासिल करने के साथ ही देश के अन्य हिस्सों में भी रोजगार प्राप्त कर सकेंगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए प्राथमिक विद्यालय, मध्य विद्यालय, उच्च विद्यालय, प्लस टू विद्यालय का निर्माण भी कराया गया। वर्ष 2005 में सत्ता में आने के बाद जब हमने सर्वे कराया तो पता चला कि साढ़े बारह प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं। सरकार ने कोशिश करके बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाने का काम किया और अब उनकी संख्या एक प्रतिशत से भी कम हो गई है।

उन्होंने कहा कि राज्य का जी.ई.आर. (ग्रॉस इनरॉलमेंट रेट) 13.9 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 24 प्रतिशत है। उच्च शिक्षा में राज्य के छात्र बेहतर पढ़ाई कर सकें, इसके लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना चलाई गई, जो बच्चे गरीबी के कारण 12वीं के बाद पढ़ाई नहीं कर पाते थे, वे इसका लाभ उठा पाएंगे और अब 10वीं पास पॉलिटेक्निक की पढ़ाई करने वाले भी इसका लाभ उठा पाएंगे। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत 4 प्रतिशत के साधारण ब्याज की दर पर राज्य शिक्षा वित्त निगम के द्वारा 4 लाख रुपए तक की राशि शिक्षा ऋण के रुप में दी जाएगी। लड़कियों, दिव्यांगों, ट्रांसजेंडरों को यह शिक्षा ऋण एक प्रतिशत ब्याज की दर पर मिलेगा। उन्होंने कहा कि अभिभावक लोग इसकी चिंता नहीं करें कि यह पैसा कैसे लौटेगा और विद्यार्थियों से भी मैं कहना चाहता हूं कि आप लोग मन लगाकर पढ़ें। अगर आप लौटाने में अक्षम होंगे तो इसे माफ भी किया जा सकता है।

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