नीतीश ने कबूला, आज की राजनीति में गिरावट आ गयी है

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पटना। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज कबूल किया कि आज राजनीति में गिरावट आयी है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती के अवसर पर छात्र जदयू द्वारा आयोजित विराट छात्र संगम के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले मैं छात्र जदयू की पूरी टीम को इस बात के लिए बधाई देता हूं कि आज जिनके नेतृत्व में हम लोगों ने आंदोलन चलाया था, आज उनकी जयंती पर छात्र संगम का आयोजन किया है। बिहार के सभी जिलों से आए हुए युवा छात्र-छात्राओं का अभिनंदन करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक संपूर्णता के साथ छात्र-छात्राओं के संबंध में जो प्रस्ताव पारित किया गया है और उस पर सहमति जतायी गई है, यह प्रशंसनीय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1974 का छात्र आंदोलन लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में पूरे देश में फैला। आप लोगों को जानकर खुशी होगी कि प्रदेश जदयू अध्यक्ष श्री वशिष्ठ बाबू ने उस समय भी छात्र नेता के रूप में अपनी भूमिका का बेहतर निर्वहन किया था। उस दौरान छात्र अधिकार के लिए पटना विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर की कुर्सी पर छात्रों ने उन्हें बैठाया था। वी.सी. की कुर्सी पर बैठने वाले पहले छात्र नेता के रूप में स्टूडेंट वी.सी. के रूप में प्रसिद्ध हुए थे। आज उनकी उम्र बढ़ने के बाद भी छात्र का स्वभाव रखते हैं। यानी कर्मठता में विश्वास रखते हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग छात्र जीवन से ही समाजवादी विचारधारा से प्रभावित हुए थे और वर्ष 1969 में समाजवादी युवजन सभा के सदस्य बने थे। विद्यार्थी जीवन में अनेक पुस्तकों को पढ़े, नेताओं को सुने। एक बार राम मनोहर लोहिया जी का भाषण वर्ष 1967 में पहली बार सुनने का मौका मिला था। विभिन्न विचारों को पढ़ने और समझने के बाद यह महसूस हुआ कि इस देश के लिए गांधी जी, लोहिया जी एवं लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के अनुयायी बनकर सेवा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब हम इंजीनियरिंग कॉलेज में थे, उस दौरान छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने का मौका मिला था। 67 दिनों तक चलने वाले आंदोलन में सिर्फ दो दिनों तक कक्षाएं नहीं हुई थीं। वाइस चांसलर प्रभावित हुए और आकर कहा कि आपलोगों की मांगें जायज हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति पूरी प्रतिबद्धता एवं सिद्धांत पर आधारित होनी चाहिए, इसकी सीख हमें छात्र जीवन से ही मिली और आज तक हम उसका पालन कर रहे हैं। वर्ष 1977 और 1980 के विधानसभा चुनाव में हम हार गए। वर्ष 1985 के चुनाव के पूर्व अपने क्षेत्र के लोगों से कहा कि अगर इस बार चुनाव हार जाऊंगा तो अगली बार खड़ा नहीं होऊंगा। क्षेत्र की जनता हमसे भावुक लगाव रखती थी। उन्होंने मन बनाकर मुझे विजयी बनाया। विधायक बनने के बाद भी खराब सड़कों की हालत होते हुए भी काफी पैदल चलकर क्षेत्र की जनता के संपर्क में हमेशा रहता था। क्षेत्र की जनता ने मुझसे कहा कि आप क्षेत्र की चिंता छोड़िए यहां  सब  कुछ  ठीक  है, आपसे काफी  उम्मीदे हैं आप आगे  बढ़िए। उसके बाद जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के नेतृत्व में आगे बढ़े और जो भी आगे मौका मिला है, जनता की सेवा में लगे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बापू ने सात सामाजिक पाप बताए थे, उसमें से एक है सिद्धांत के बिना राजनीति। आज के युवा इस बात को समझें कि राजनीति एक महत्वपूर्ण विषय है, इसके प्रति दिलचस्पी जरुरी है। आप भविष्य हैं, समाज और देश की जिम्मेवारी संभालनी है। छात्र जीवन के दौरान पढ़ने, सीखने पर विशेष ध्यान देना है। आसपास एवं देश-विदेश में होने वाली घटनाओं के प्रति संवेदनशील बनें। ज्ञानार्जन करने के साथ-साथ वैचारिक प्रतिबद्धता के साथ राजनीति में प्रवेश करें। आपके मन में अगर लोगों के प्रति सेवा भाव का संकल्प है, समर्पण है तो कोई भी राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं रहते हुए भी आप आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज राजनीति में गिरावट आयी है। वाद-विवाद, वैचारिक विमर्श का स्तर गिरा है। पारिवारिक पृष्ठभूमि के आधार पर राजनीति में लोग आगे आ रहे हैं, इससे व्यक्ति को व्यक्तिगत लाभ हो सकता है, देश और समाज को नहीं। सत्ता सेवा के लिए मिलती है, मेवा के लिए नहीं। छात्र-छात्राएं कॉलेज में भी विमर्श के दौरान एक-दूसरे के विचारों का सम्मान करें और अपने ज्ञान का स्तर बढ़ाएं। सिद्धांत के प्रति समर्पण, लोगों से संपर्क और धैर्य धारण कर राजनीतिक जीवन में आप आगे बढ़ें। नई पीढ़ी के लोग राजनीति में आएं। लोकतंत्र के माध्यम से समाज, देश का संचालन किया जाता है। आपस में प्रेम का भाव, सद्भाव का भाव और लोगों की सेवा का भाव बनाए रखें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में सरकार में आने के बाद जब सर्वे कराया तो पता चला कि 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूल से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा की स्थिति को बेहतर करने के लिए कई कार्य किए गये हैं। 27 हजार स्कूलों का निर्माण कराया गया, स्कूलों को अपग्रेड किया गया, साथ ही 3 से 4 लाख शिक्षकों का भी नियोजन किया गया। अब स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों की संख्या 1 प्रतिशत से भी कम है।

मुख्यमंत्री  ने  कहा  कि  गरीबी  के  कारण  माता-पिता  अपनी  बच्चियों को  पोशाक के अभाव में 5वीं कक्षा के बाद स्कूल नहीं भेज पाते थे। हमलोगों ने मीडिल स्कूल की बच्चियों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की, जिससे लड़कियां स्कूल जाने लगीं एवं समाज का वातावरण बदला। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले एवं दूसरे क्लास में पढ़ने वाली लड़कियों के पोशाक राशि 400 रुपए से बढ़ाकर 600 रुपए कर दी गई है, तीसरी से पांचवीं क्लास की लड़कियों के पोशाक राशि 500 रुपए से बढ़ाकर 700 रुपए कर दी गई है, छठे से आठवें क्लास तक की लड़कियों के लिए पोशाक राशि 700 से 1000 रुपए कर दी गई है, नौवें से लेकर बारहवीं क्लास तक की लड़कियों के लिए पोशाक राशि 1000 से बढ़ाकर 1500 कर दी गई है। सातवीं से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों के सेनेटरी नैपकिन की राशि 150 से बढ़ाकर 300 रुपया कर दी गई है। बारहवीं पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को 10,000 रुपया दिया जाएगा एवं विवाहित हो या अविवाहित स्नातक पास करने वाली लड़कियों को 25,000 रुपए दिया जाएगा। लड़कियों के जन्म लेने पर खुश होने की जरुरत है, दुखी होने की नहीं। राज्य सरकार द्वारा लड़की के जन्म लेने पर तत्काल उसके माता-पिता को 2000 रुपये उपलब्ध कराया जाएगा और एक साल के बाद आधार कार्ड से जोड़ने पर 1000 रुपये और अगले साल पूर्ण टीकाकरण कराने पर 2000 रुपये उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य सरकार लड़कियों के जन्म लेने से लेकर ग्रेजुएशन करने तक कन्या उत्थान योजना के तहत एक बेटी पर कुल 54,100 रुपये अनुदान दे रही है। इसके अलावा अन्य छात्रवृति योजना का लाभ भी दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिल क्लास के बाद बच्चियां आगे पढ़ सकें इसके लिए नौवीं क्लास की बच्चियों के लिए साइकिल योजना की शुरुआत की। लड़कियां पोशाक पहनकर समूह में जब स्कूल जाने लगीं तो लोगों की मानसिकता बदली और सामाजिक वातावरण में बड़ा बदलाव आया। बाद में लड़कों के लिए भी साइकिल योजना की शुरुआत की गई। लड़कियों में आत्म विश्वास बढ़ा और जिंदगी में ऊंचाईयों को छूने के लिए एक सोच बनी। साइकिल योजना की शुरुआत के पूर्व नौवीं क्लास जाने वाली लड़कियों की संख्या जहां 1 लाख 70 हजार थी, अब इनकी संख्या 9 लाख पहुंच चुकी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की एवं 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के की शादी कानूनन अपराध है। आपलोग संकल्प लीजिए की न दहेज लेंगे, न दहेज देंगे। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पहले पुलिस एवं बाद में राज्य की सभी सरकारी सेवाओं में 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया। महिलाओं के विकास के लिए अनेक काम किए जा रहे हैं, स्कूलों में शिक्षकों के नियोजन में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। जब तक आधी आबादी सशक्त नहीं होगी, तब तक समाज मजबूत नहीं होगा। जब तक स्त्री-पुरुष एक समान नहीं होंगे तब तक समाज आगे नहीं बढ़ेगा। स्त्री-पुरुष दो पहिए के समान हैं जिनमें बराबरी आवश्यक है, यही सृष्टि का नियम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय के अंतर्गत स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत सभी वर्ग के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा  प्राप्ति के लिए 4  लाख  रुपए  तक शिक्षा ऋण दिया जाएगा।  लड़कों  को यह राशि 4 प्रतिशत दर पर  जबकि  लड़कियों,  दिव्यांगों  एवं ट्रांसजेंडरों को यह राशि 01 प्रतिशत दर पर उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम के माध्यम से सरल एवं सहज तरीके से अब विद्यार्थियों को ऋण उपलब्ध हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम के पूर्व हमलोगों ने बैंकों के माध्यम से विद्यार्थियों को ऋण देने का काफी प्रयास किया। राज्य सरकार अब अपने खजाने से विद्यार्थियों को बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम के माध्यम से शिक्षा ऋण उपलब्ध करा रही है ताकि वे आगे की पढ़ाई कर सकें। यह ऋण तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ सामान्य ग्रेजुएशन, पी0जी0 सहित अन्य उच्च शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के लिए भी उपलब्ध होगा। अगर विद्यार्थी शिक्षा ऋण को लौटाने में असमर्थ होंगे तो राज्य सरकार उसे माफ भी कर सकती है। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से अपील करते हुये कहा कि आप सब बिना किसी भ्रम के राज्य सरकार की इस योजना का लाभ उठायें। छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले छात्रों को भी इसका लाभ मिलता रहेगा।

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