भाजपा को अब ज्ञान की घुट्टी पिलाने लगे सहयोगी दल जदयू-लोजपा

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नयी दिल्ली। कहते हैं कि संकट आने पर साथी भी मुंह फेरने लगते हैं। तीन भाजपाशासित राज्यों में भाजपा की हार क्या हुई, अब उसके सहयोगी दल उसे नसीहत देने लगे हैं। कभी ज्ञान की घुट्टी कुल जमा छह सांसदों वाली पार्टी लोजपा के राजकुमार चिराग पासवान पिलाने लगते हैं तो जदयू में किनारे लगा दिये गये केसी त्यागी की भी जुबान अब खुल गयी है। जब तक भाजपा की दुर्गति नहीं हुई थी, तब तक सबके मुंह पर ताला जड़ा हुआ था।

जदयू के केसी त्यागी के पास वैसे भी पार्टी में बयान देने के सिवा कोई काम है नहीं। बयान लेने वालों को भी जदयू में दजब कोई कद्दावर नेता नहीं दिखता तभी त्यागी जी की पूछ होती है। उन्होंने ताजा बयान दिया है कि राहुल गांधी पर निजी हमले की वजह की वजह से ऐसे दिन आये हैं। वह नसीहत भी दे रहे हैं कि भाजपा को राहुल खानदान पर निजी हमले करने से परहेज करना चाहिए। उनका विश्लेषण है कि तीन भाजपाशासित राज्यों में उसकी दुर्गति के कारण राहुल गांधी पर भाजपा का निजी हमला कारण रहा है।

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दूसरी ओर राजनीति में कुल जमा दशक से कम का अनुभव रखने वाले लोजपा के नेता रामविलास पासवान के बेटे ofचिराग पासवान का विश्लेषण है कि राम मंदिर और हनुमान पर भाजपा नेताओं की बयानबाजी से लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हुई। ऐसी भ्रामक स्थिति से भाजपा को बचने की सलाह उन्होंने भी दे डाली।

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इन दोनों नेताओं को अपने राष्ट्रीय अध्यक्षों की जुबान पर लगे तालों की कोई परवाह नहीं है। न तो नीतीश कुमार ने चुनाव नतीजों पर अभी तक कुछ कहा और न रामविलास पासवान ने। उल्टे में चिराग जिस हनुमान वाले बयान का जिक्र कर रहे हैं, वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया था। परसों ही नीतीश कुमार अपने बिहार में योगी का सत्कार करते नजर आये। यानी उन्हें ऐसे बयानों पर कोई आपत्ति नहीं है। वह चुपचाप अपने सूबे के कामों में लगे हैं। समीक्षाएं कर रहे हैं, दौरे कर रहे हैं और राज्य की योजनाओं को कैसे कारगर ढंग से लागू किया जाये, वह इसकी चिंता में डूबे हुए हैं।

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