कोलकाता। बंगाल बीजेपी के सभी 77 विधायकों को केंद्रीय सुरक्षा जारी रहेगी। हारे हुए प्रत्याशियों को भी केंद्र सरकार पूर्व प्रदत्त सुरक्षा मई तक बहाल रखेगी। बंगाल में हिंसा के हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने ये फैसले लिये हैं। हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निर्देश दिया है कि केंद्रीय सुरक्षा के साथ विधायक विधानसभा परिसर में प्रवेश नहीं करेेंगे।
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चुने गए हैं। उन्होंने कहा कि वह हक की लड़ाई जारी रखेंगे। बहैसियत नेता प्रतिपक्ष वह बंगाल की जनता के अधिकारों की लड़ाई जारी रखेंगे। राज्य में शांति उनकी पहली प्राथमिकता होगी। नेता प्रतिपक्ष चुने जाने पर शुभेंदु अधिकारी ने आश्वस्त किया कि राज्य में शांति कायम करने के लिए वह हरसंभव प्रयास करेंगे।
मनोज टिग्गा को भाजपा विधायक दल का चीफ व्हीप बनाया गया है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि बंगाल भाजपा के सभी 77 विधायकों को केंद्रीय गृह मंत्रालय एक साल तक सुरक्षा देगा। हारे हुए भाजपा प्रत्याशियों की सुरक्षा भी 31 मई तक बढ़ाने की घोषणा की गयी है। बंगाल में चुनाव बाद जारी राजनीतिक हिंसा के कारण यह फैसला लिया गया है।
इधर शीतलकूची गोलीकाण्ड में सीआईडी ने केंद्रीय सुरक्षा बल के 6 जवानों को तलब किया है। इस मामले पर शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी के इशारे पर यह कार्रवाई हो रही है। शीतलकूची में चुनाव के दौरान सुरक्षा बलों पर हमले के वक्त सुरक्षा बलों ने फायरिंग की थी, जिसमें 6 लोग मारे गये थे। चुनाव आयोग ने सुरक्षा बलों को आत्मरक्षार्थ गोली चलाने का पहले ही आदेश दे दिया था।
बंगाल की हिंसा पर पिछले तीन दिनों से मीडिया चुप है। ऐसा लग रहा है कि ममता बनर्जी की सख्ती के कारण राजनीतिक हिंसा की घटनाओं पर विराम लग गया है। सोशल मीडिया पर राज्य सरकार कड़ी नजर रखे हुए है। पिछले हीदिनों सोशल मीडिया पर हिंसाजनित पोस्ट डालने के आरोप में रामकृष्ण मिशन आश्रम के दो छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
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