बेगूसराय। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीयूष कमल दीक्षित ने खगड़िया जिले के कविता हत्याकांड के पांचों आरोपितों अरुण यादव, पान्डव यादव, विभूति यादव, अजय यादव, भरत यादव को दोहरे हत्या में दोषी पाकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आरोपित अरुण यादव, पांडव यादव, विभूति यादव, अजय यादव, भरत यादव को धारा 148 भारतीय दंड विधान में दोषी पाकर 2 साल सश्रम कारावास की सजा भी सुनाई। भरत यादव, अरुण यादव को भारतीय दंड विधान की धारा 302 (34) के तहत दोषी पाकर आजीवन कारावास एवं 10000 अर्थदंड की सजा सुनाई गयी। विभूति यादव, अजय यादव को धारा 302, 149 भारतीय दंड विधान में दोषी पाकर आजीवन कारावास एवं 10000 अर्थदंड की सजा सुनाई।
पाण्डव यादव को भारतीय दंड विधान की धारा 307 में दोषी पाकर 10 साल सश्रम कारावास एवं 5000 रुपये के अर्थ दंड की सजा सुनाई गयी। साथ ही अंतर्गत धारा 304 के तहत दोषी पाकर आजीवन कारावास एवं 10000 अर्थदंड की सजा सुनाई गयी।
भरत यादव, अरुण यादव, पांडव यादव को शस्त्र अधिनियम की धारा 27 में दोषी पाकर 5 साल सश्रम कारावास एवं 2000 अर्थदंड की सजा अदालत ने सुनाई। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इस मामले में अभियोजन की ओर से कुल 22 गवाहों की गवाही कराई गई है। सभी आरोपितों पर आरोप है कि 22 मई 1990 को सुबह 9 बजे रणवीर यादव खगड़िया जेल से चौथम ब्लॉक की मीटिंग में शामिल होने के लिए पुलिस बल के साथ चले। जब वे चैथम गांव के क्षत्रिय यादव के घर के पास पहुंचे, तभी सभी आरोपितों ने घात लगाकर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें रणवीर यादव के भाई की पत्नी कविता यादव की गोली लगने से मौत हो गई और एक ग्रामीण राज किशोर राय गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गये, जिनकी इलाज के क्रम में बेगूसराय सदर अस्पताल में मौत हो गई। घटना की प्राथमिकी रणवीर यादव के भाई सूचक उदय यादव ने मानसी थाना कांड संख्या 63/90 के तहत दर्ज कराई थी। पैसले के दौरान अदालत परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे।
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