दफन होने के पहले जिंदा हुआ नवजात, चल रहा है इलाज 

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अस्पताल में इलाजरत नवजात, जिसे मरा समझ परिजन दफना रहे थे
अस्पताल में इलाजरत नवजात, जिसे मरा समझ परिजन दफना रहे थे

बिहारशरीफ। दफन होने के पहले जिंदा हुआ नवजात। अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। झोला छाप एक डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया था। उसके बाद परिजन दफना रहे थे। नगर थाना क्षेत्र के खैराबाद मोहल्ले में झोला छाप प्रैक्टिशनर की गलती का खामियाजा भुगतने से एक परिवार बच गया। बीमार 6 माह के नवजात को प्रैक्टिशनर ने मृत घोषित कर दिया था।

मृत घोषित किये जाने के बाद परिजन सोमवार की शाम नवजात को दफन करने के लिए श्मशान पहुंच गए। गड्ढ़ा खोद बच्चे को उसमें रख दिया गया। मिट्टी डालने के पहले नवजात के चेहरे पर हरकत हुई। इसे देख मोहल्लेवासी हैरान रह गए। कुछ युवकों ने बच्चे को कब्र से निकाल उसके सीने में कान लगा कर उसकी धड़कन सुनी। धड़कन चल रही थी। कुछ ही पल में यह खबर इलाके में फैल गई। मौके पर दर्जनों की भीड़ जमा हो गई। इसके बाद पवन राम के पुत्र दीपक को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के उपरांत नवजात की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

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घटना की सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। नवजात लू से ग्रसित था। माता-पिता मोहल्ले के प्रैक्टिशनर से उसका इलाज करा रहे थे। शाम में बच्चे के शरीर में किसी तरह की हरकत नहीं देख उसे प्रैक्टिशनर के पास ले जाया गया। प्रैक्टिशनर ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद बच्चे के पिता व कुछ मोहल्लेवासी उसे दफन करने श्मशान पहुंचे। गड्ढ़ा खोद बच्चे को उसमें डाल दिया गया। उसके ऊपर कुछ मिट्टी भी डाल दी गई थी। उसी दौरान बच्चे के चेहरे पर कुछ हरकत हुई। उसे तुरंत कब्र से निकाला गया।

मृत बच्चे को जीवित पाकर उसके माता-पिता काफी खुश हैं। पिता ने बताया कि प्रैक्टिशनर की गलती के कारण वह जीवित पुत्र को दफन कर रहे थे। जिस प्रैक्टिशनर ने बच्चे को मृत घोषित किया था, उसे नवजात के जीवित होने की भनक मिली तो वह अपनी दुकान बंद कर फरार हो गया। मोहल्लेवासियों ने बताया कि झोला छाप प्रैक्टिशनर की गलती के कारण आज उन लोगों के हाथों जिंदा बच्चा दफन हो जाता। सही समय पर नवजात ने शरीर में हरकत कर अपने जिंदा होने का सबूत दिया। घटना को लोग ईश्वर की कृपा बता रहे हैं।

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