बिहार में मजदूरों के कल्याण के लिए 13 योजनाएं कार्यान्वितः मोदी

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पटना। श्रम संसाधन विभाग की ओर से आयोजित ‘दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान’ के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि निर्माण व अन्य संनिर्माण मजदूरों के कल्याण के लिए राज्य सरकार की ओर से 13 योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। निर्माण मजदूरों की दुर्घटना में मौत पर 4 लाख व स्वाभाविक मृत्यु पर 1 लाख रुपये का अनुदान, साइकिल खरीदने के लिए 3500 रुपये, कौशल प्रशिक्षण के बाद औजार खरीदने के लिए 15 हजार रुपये दिए जाते हैं। राज्य के बाहर कमाने गए मजूदरों की भी दुर्घटना में मौत होने पर ‘दुर्घटना अनुदान योजना’ के तहत राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2017-18 में 155 तथा 2018-19 में अब तक 94 मजदूरों के परिजनों को 1-1 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है।

कृषि के बाद निर्माण उद्योग में ही सर्वाधिक रोजगार के अवसर है। पूरे देश में जहां 3.6 करोड़ निर्माण मजदूर रजिस्टर्ड हैं वहीं बिहार राज्य भवन निर्माण व अन्य संनिर्माण कल्याण् बोर्ड के अन्तर्गत 11 लाख मजदूर निबंधित है। निर्माण उद्योग से लिए गए उनके कुल टर्नओवर के 1 प्रतिशत सेस से बिहार राज्य निर्माण एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में 1439 करोड़ रुपये जमा है। इसी कोष से चिकित्सार्थ 1.80 लाख श्रमिकों को आज 3-3 हजार की दर से 54 करोड़ रुपये का अनुदान आन्तरित किया गया है।

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2005 में जब एनडीए की सरकार बनी तो एक मात्र ए एन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान मृत प्रायः था। जगजीवन राम संसदीय अध्ययन संस्थान का कोई नाम भी नहीं जानता था,जिन्हें बाद में सरकार ने इन्हें पुनजीर्वित किया। बिहार में काफी बड़ा वर्क फोर्स हैं। दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान कौशल विकास, रिसर्च, मजदूरों के क्षमतावर्द्धन आदि के लिए उपयोगी साबित होगा।

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