14 साल बाद इस साल 5 ग्रहण, पहला आंशिक सूर्य ग्रहण 6 को

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5 की आधी रात से 6 जनवरी को दोपहर 12 बजे तक ग्रहण, भारत में नहीं दिखेगा 

पटना। ज्योतिष शास्त्र और खगोलीय नजरिए से साल 2019 में कुल मिला कर 5 ग्रहण होंगे। साल का पहला सूर्य ग्रहण 6 जनवरी यानी शनि अमावस्या के दिन पड़ रहा है। ग्रहण 5 जनवरी की मध्य रात्रि से शुरू होकर 6 जनवरी तक रहेगा। लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा और भारत में न तो इसकी कोई धार्मिक मान्यता होगी और न इसका असर ही अलग-अलग राशियों पर पड़ेगा। यानी कोई फल घटित नहीं होगा।कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित श्री शास्त्री के मुताबिक सूर्यग्रहण में गंगा स्नान से सौ अश्वमेघ यज्ञ व चंद्रग्रहण में गंगा स्नान से एक हजार वाजस्नेय यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है।

ज्योतिष विद्वान पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि शनि अमावस्या होने से इस दिन जाप, दान और हवन करना बेहद शुभ रहेगा। पंडित झा ने कहा कि ग्रहण जहां दिखाई देता है सूतक भी वहीं लगता है तथा उसका फलाफल भी वही लागु होता है I यह ग्रहण चीन, जापान, कोरिया, रूस,  मंगोलिया, चीन के पूर्वी छोर के साथ अमेरिका के पश्चिमी हिस्से में दिखाई देगा।

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कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित श्री शास्त्री के मुताबिक सूर्यग्रहण में गंगा स्नान से सौ अश्वमेघ यज्ञ व चंद्रग्रहण में गंगा स्नान से एक हजार वाजस्नेय यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है।  सूर्य ग्रहण के बाद स्नान और दान करना भी बहुत अच्छा रहता है। उन्होंने बताया कि इस शनिवार को जातक जिनकी कुंडली में शनि कि साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है वो इस दिन शनि को प्रसन्न करने के लिए शनैश्चरी अमावस्या को शनि की पूजा-अर्चना, साधना के लिए महत्वपूर्ण, मनवांक्षित फलदायक माना जाता है। इसके साथ इस दिन सुंदरकांड का पाठ करना शुभ फलदायी होगा।

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नए वर्ष में 3 शनैश्चरी अमावस्या का विशेष योग बन रहा है। पौष कृष्ण पक्ष की अमावस्या 5 जनवरी दिन शनिवार को है। इस शनैश्चरी अमावस्या के दिन 3:07 बजे तक मूल नक्षत्र है। मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के बाद गेहूं, धान, चना, मसूर दाल, गुड़, चावल, सफेद-गुलाबी वस्त्र, चूड़ा, चीनी का दान करना  शुभ माना गया है।

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इस वर्ष के पंच ग्रहण का ज्योतिष महत्व

ज्योतिषी झा ने कहा कि वर्ष 2019 का आगमन इस बार कन्या लग्न, तुला राशि व स्वाति नक्षत्र में हुआ है, जो कई मामलों में बेहद लाभप्रद रहने वाला है। देखा जाए तो लग्नेश बुध देव गुरु बृहस्पति के साथ पराक्रम भाव में विराजमान होकर भाग्य भाव को देख रहा है। वहीं धन भाव पर शुक्र-चंद्रमा की युति आर्थिक संपन्नता का योग बना रही है।

इस साल के सूर्य ग्रहण

  • 6 जनवरी: सुबह 4.05 बजे से 9.18 बजे
  • 2 जुलाई: रात्रि 11.31 बजे से 2.17 बजे
  • 26 दिसंबर: सुबह 8.17 से 10.57 बजे

इस वर्ष के चंद्रग्रहण

  • 21 जनवरी: सुबह 9.03 बजे से 12.20 बजे
  • 16 जुलाई: दोपहर 1.31 बजे से शाम 4.40 बजे
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