हेमंत सरकार ने 4 माह में वह किया, जो 19 साल में नहीं हुआः तनुज

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ग्रामीण विकास विभाग (पंचायती राज प्रभाग) की हाई लेवल मॉनिटरिंग कमिटी की बैठक की कार्यवाही पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अनुमोदन दे दिया है।
ग्रामीण विकास विभाग (पंचायती राज प्रभाग) की हाई लेवल मॉनिटरिंग कमिटी की बैठक की कार्यवाही पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अनुमोदन दे दिया है।
पूर्ववर्ती सरकारें उद्योगपतियों का रेड कारपेट वेलकम करती थीं, जबकि हेमंत सरकार ने श्रमिक भाइयों का रेड कारपेट वेलकम किया। यह कहना है झारखंड मुक्ति मोरचा (जेएमएम) के प्रवक्ता डा. तनुज खत्री का।
पूर्ववर्ती सरकारें उद्योगपतियों का रेड कारपेट वेलकम करती थीं, जबकि हेमंत सरकार ने श्रमिक भाइयों का रेड कारपेट वेलकम किया। यह कहना है झारखंड मुक्ति मोरचा (जेएमएम) के प्रवक्ता डा. तनुज खत्री का।

रांची। हेमंत सोरेन की सरकार ने महज 4 माह में झारखंड में ऐसा बदलाव किया, जो पिछले 19 साल में भी नहीं हो पाया। सरकार ने शासन के प्रति जनता का विश्वास लौटाया है। शासन के प्रति खोया भरोसा लौटाना सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है। पूर्ववर्ती सरकारें उद्योगपतियों का रेड कारपेट वेलकम करती थीं, जबकि हेमंत सरकार ने श्रमिक भाइयों का रेड कारपेट वेलकम किया। यह कहना है झारखंड मुक्ति मोरचा (जेएमएम) के प्रवक्ता डा. तनुज खत्री का।

उन्होंने कहा कि  झारखंड में जो बदलाव बीते 19 सालों में नहीं आया, वह हेमंत सरकार ने चार महीने में ही कर दिखाया है। झारखंड की कमान अपने हाथों में लेने के बाद झारखंड सरकार का जो सबसे बड़ा बदलाव दिखा, वह यह कि सत्ता के प्रति जनता का भरोसा कायम हुआ। लोगों को लगने लगा कि सरकार उनके लिए काम कर रही है। उनके लिए बोल रही है, उनके लिए सोच रही है। यह बहुत बड़ा बदलाव था।

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कोरोना संकट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जिस तरह से काम किया, वह तो अभूतपूर्व था। यह सरकार के ही प्रयत्नों का फल था कि देश में पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन झारखंड के लिए चली। ट्रेन हटिया जब स्टेशन पहुंची तो श्रमिकों का जिस प्रकार स्वागत हुआ, उसने यह साबित कर दिया कि हेमंत सरकार झारखंड के जन-जन की आकांक्षाओं की सरकार है। अब तक की सरकारें उद्योगपतियों के लिए ही रेड कारपेट बिछाती थीं और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्रमिक भाइयों के लिए रेड कारपेट बिछा कर और फूल देकर उनका स्वागत कर दिखा दिया कि झारखंड में किसकी सरकार है।

केवल चार महीने में झारखंड में हर जिले में टीबी की जांच करने के लिए ट्रूनेट मशीन लगाने का काम चल रहा है। पहले लोगों को इसकी जांच के लिए रांची आना पड़ता था। यही नहीं, पहले गंभीर बीमारियों के सैंपल जांच के लिए पुणे और कोलकाता बेजे जाते थे, पर अब उसकी जांच के लिए झारखंड के पांच जिलों में अत्याधुनिक लैब की स्थापना कर दी गयी है। यानी पु णे और कोलकाता पर जांच के लिए निर्भरता झारखंड सरकार ने खत्म कर दी है।

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तनुज ने कहा कि झारखंड सरकार का पूरा फोकस काम पर है। इसका नतीजा भी दिखने लगा है। कोरोना संकट में गरीबों की चिंता करते हुए सरकार ने हर जरूरतमंद को पर्याप्त भोजन मिले, इसकी व्यवस्था की। मुख्यमंत्री दीदी किचन ने इस दिशा में सार्थक काम किया। जब पीडीएस के राशन डीलर गरीबों के अनाज की कालाबाजारी कर रहे थे, तब सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सैकड़ों डीलरों पर कार्रवाई की। सरकार ने जो तीन योजनाएं चलायी हैं, उनसे झारखंड में ग्रामीण स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा। ट्वीटर और सोशल मीडिया का जनता के हक में इस्तेमाल करते हुए सरकार ने प्रशासन की ढीली कार्रवाई को गति प्रदान की और इसका फायदा लोगों को हुआ। चाहे जनता के साथ संवाद करना हो या दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद ट्वीटर और सोशल मीडिया के जरिये सरकार ने यह काम बखूबी किया।

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गौर करनेवाली बात यह है कि केवल चार महीने पुरानी सरकार ने शासन और सत्ता के प्रति जनता का खोया भरोसा लौटा दिया। यही भरोसा हेमंत सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

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