लोकतंत्र को बचाने का जिम्मा पत्रकारों का हैः वेद प्रताप वैदिक

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प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में व्याख्यान

कोलकाता। देश के जाने- माने पत्रकार व चिंतक डॉ.  वेद प्रताप वैदिक कहना है कि लोकतंत्र को बचाने का जिम्मा पत्रकारों का है। इसीलिए कार्यपालिका, विधानपालिका व न्यायपालिका के बाद खबरपालिका अर्थात मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है। डा. वैदिक सोमवार को प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के  हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित प्रेमचंद व्याख्यानमला की श्रृंखला-23 के अंतर्गत ‘आज की हिन्दी मीडियाःएक आत्मलोचन’ विषय पर बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि पत्रकार को निर्भीक होना चाहिए। बगैर निर्भीक हुए आप पत्रकारिता नहीं कर सकते हैं। पत्रकार समाज की डोर को पकड़ कर सामंजस्य बनाये रखता है। डॉ. वैदिक देश रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की 134 वीं जयंती पर हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों के साथ संवाद कर रहे थे। विद्यार्थियों ने उनसे  हिन्दी पत्रकारिता से जुड़े कई प्रश्न किये। कुछ समकालीन राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी उनकी राय जानी गई।

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हिन्दी पत्रकारिता के स्तर में गिरावट को लेकर अधिक चिंता व्यक्त की गई। विज्ञापन का दबाव लाचारी है बहाना, मालिक मजबूर कर रहे हैं या संपादक खुद ही लोटने को तैयार हैं, आपकी नजर में दशा किसकी ज्यादा बिगड़ी है, प्रिंट की या इलेक्ट्रॉनिक की, क्या मोदी जी से आपका मोहभंग हो गया है, जैसे प्रश्नों पर उन्होंने अपनी बेबाक राय रखी।

डा. वैदिक का परिचय विभाग के शोधार्थी व वरिष्ठ पत्रकार जयप्रकाश मिश्र ने कराया। प्रेसिडेंसी विवि की कला संकाय की अधिष्ठाता प्रोफेसर तनुजा मजुमदार ने कहा कि वैदिक जी की भाषा चिंतन व उनके कार्यों की सराहना की। साथ ही उन्होंने विभाग के प्रोफेसर ऋषिभूषण चौबे को इसका सारा श्रेय देते हुए कहा कि ऋषि जी प्रेसीडेंसी जैसी अंग्रेजी मूल के विश्वविद्यालय में प्रेमचंद व्याखानमाला के जरिये हिंदी की नयी चेतना को जागृत कर रहे हैं।

विभाग के अध्यक्ष डा. वेदरमन पांडेय ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि वैदिक जी का जीवन समदर्शी है। सत्ता के करीब रहे लोगों के बीच रह कर भी वैदिक जी अपनी पवित्रता व निष्ठा को बनाये रखे। वैदिक जी ने कबीर का जीवन जिया है, जो सच में अनुकरणीय है।

वैदिक जी ने विभाग के शोधार्थियों व छात्रों के प्रश्नों के जवाब दिये। कार्यक्रम में विभाग के प्रोफेसर अनिंद्य गांगुली, प्रोफेसर मैरी हंसदा, डा. मुन्नी गुप्ता समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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