लाक डाउन में दूसरे राज्यों में फंसे झारखंड के लोगों के लिए ऐप

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CM हेमंत सोरेन का संकल्प है कि राज्य सरकार श्रमिकों के अधिकार से समझौता नहीं करेगी। CM हेमंत सोरेन ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
CM हेमंत सोरेन का संकल्प है कि राज्य सरकार श्रमिकों के अधिकार से समझौता नहीं करेगी। CM हेमंत सोरेन ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

रांची। लाक डाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे झारखंड के लोगों की मदद के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विशेष सहायता योजना मोबाइल ऐप लांच किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आने वाले एक सप्ताह के अंदर राज्य के वैसे मजदूर, जो देश के विभिन्न राज्यों में फंसे हैं, उन्हें चिन्हित कर झारखंड सरकार आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराएगी। यह राशि प्रवासी मजदूरों को सीधे उनके बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर किया जाएगा। यह राशि कम से कम एक हजार रुपए होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड विशेष सहायता योजना मोबाइल ऐप से प्रवासी मजदूर भाइयों तक पहुंचने का प्रयास राज्य सरकार द्वारा किया गया है। इस ऐप के माध्यम से प्रवासी मजदूर भाइयों को आर्थिक सहायता पहुंचायी जाएगी।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि इस ऐप के माध्यम से आने वाले सप्ताह भर के अंदर लाक डाउन में फंसे राज्य के प्रवासी मजदूरों तक आर्थिक सहायता राशि पहुंचायी जाए। उन्होंने कहा कि वैसे तो झारखंड सरकार कोरोना वायरस (कोविड-19) के शुरुआती दिनों से ही अपने सीमित संसाधनों के साथ विभिन्न चरणों में एहतिहाती तैयारी एवं बचाव कार्य पर प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। लॉक डाउन के प्रथम चरण में भी अधिकारियों की टीम द्वारा राज्य के बाहर फंसे झारखंड के मजदूरों को सूखा राशन इत्यादि उपलब्ध कराने के लिए दूसरे राज्यों से लगातार समन्वय बनाया गया है। अधिकारियों की टीम द्वारा अधिक से अधिक लोगों को कैसे मदद की जाए, इस पर निरंतर कार्य किया जा रहा है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण की इस घड़ी में वर्तमान सरकार झारखंड के मजदूर, आदिवासी, दलित, गरीब, असहाय लोगों के प्रति अपनी पूरी संवेदना रखी है। इस संकट की घड़ी में सबसे ज्यादा दिक्कत मजदूर तबके एवं गरीब लोगों को ही है। सरकार को इन गरीबों की सबसे अधिक चिंता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में रोजगार के अभाव के कारण यहां के लोग दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए पलायन कर जाते हैं। अचानक लॉक डाउन होने के कारण मजदूर जहां थे, वहीं फंसे रह गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉक डाउन की समयावधि बढ़ायी गयी है, जिसके कारण परेशानियां और बढ़ी हैं। राज्य सरकार का पूरा तंत्र प्रयासरत है कि इस विपदा की घड़ी में कैसे लोगों को अधिक से अधिक सहायता मिल सके।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय पूरे देश का हालात गंभीर हैं।  वैसे परिवार के लोग जो रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जाकर फंसे पड़े हैं, उन्हें अपने परिवार की चिंता और परिवार को रोजगार के लिए गए उस व्यक्ति की चिंता सता रही है। इस दयनीय स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ऐसे गरीब परिवारों को जिला, प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर सामुदायिक किचन के माध्यम से प्रतिदिन नि:शुल्क गर्म खाने की व्यवस्था की है। राज्य सरकार सभी वर्ग के लोगों को प्राथमिकता के साथ खाद्यान्न भी उपलब्ध करा रही है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा की घड़ी में विभिन्न सामाजिक संगठन के लोगों ने भी गरीबों, असहाय और रोज कमाने खाने वाले लोगों को भोजन कराने और सूखा राशन बांटने का बीड़ा उठा रखा है। ऐसी सभी सामाजिक संस्थाएं जो समाज सेवा में लगी हैं, वे प्रशंसा की पात्र हैं। मैं उन्हें दिल से धन्यवाद देता हूं। जो लोग गरीबों की सेवा में लगे हैं, ईश्वर उनकी रक्षा करें, ऐसी मैं प्रार्थना करता हूं।

मोबाइल ऐप मील का पत्थर साबित होगा

मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि यह मोबाइल ऐप लाक डाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के सहायतार्थ मील का पत्थर साबित होगा। लॉक डाउन- 2 के समय देश के विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूर एवं अन्य राज्य वासी की सहायता के लिए विशेष तौर पर अधिकारियों की टीम द्वारा यह मोबाइल ऐप बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस मोबाइल एप का उपयोग वैसे मजदूर भी कर सकेंगे जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है। सिर्फ समूह में अगर एक स्मार्टफोन भी है तब भी समूह के सारे लोग रजिस्टर हो सकते हैं। यह एक बहुत ही सुगम और सरल है।

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