राज्य फसल सहायता योजना केंद्र की योजना को नकारना नहीं हैः नीतीश

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पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि फसल सहायता योजना बिहार के किसानों के हित में बनायी गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पूरे देश के लिए है। यह योजना बिहार में भी दो वर्ष से लागू है। इसमें बीमा कंपनियां किसानों को मुआवजा देती है। बीमा कंपनियों को प्रीमियम के रूप में केंद्र एवं राज्य सरकार बराबर राशि उपलब्ध कराती है। थोड़ा सा अंश किसानों को भी प्रीमियम रूप में देना पड़ता है। इसमें ऋणधारक किसानों को ही मुआवजा राशि मिल पाती थी। किसानों को इस योजना से बहुत कम राशि मिल पाती थी। हमलोगों ने इस बात का अध्ययन करवाया कि किसानों को अधिक से अधिक कैसे सहायता उपलब्ध कराएं। किसानों से भी विचार-विमर्श किया गया।

विभागीय स्तर पर गहन विचार-विमर्श किया गया और यह निर्णय लिया गया कि फसल सहायता योजना लागू की जाएगी, जिसमें किसी को प्रीमियम नहीं देना पड़ेगा और राज्य सरकार अपने तरफ से किसानों को सहायता देगी। किसानों को फसल में होने वाली क्षति का उचित मुआवजा मिल सके। राज्य फसल सहायता योजना केंद्र की योजना को नकारना नहीं है। यह राज्य की स्थिति के अनुररूप राज्य के किसानों को अधिकतम सहायता के लिए बनायी गई है। इस फसल सहायता के साथ-साथ किसानों को मिलने वाली आपदा प्रबंधन के समय अगली फसल के लिए जो राशि मिलती है, वह जारी रहेगी। इसी वर्ष के खरीफ फसल के समय से ही यह प्रयोग के तौर पर लागू होगा। बाढ़ में क्षति के एवज में मांगी गयी राशि के बदले में केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध की गयी सहायता राशि के प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ग्रैच्युट्स रिलीफ के तहत यह राशि दी गई है। केंद्र सरकार यह प्रावधान किए हुए है कि अपने आपदा प्रबंधन के बजट के एक प्रतिशत की राशि उपलब्ध करा सकती है। हमलोगों ने 38 लाख लोगों को इस वर्ष आयी बाढ़ के बाद बाढ़ पीड़ितों को 6 हजार रुपये प्रति परिवारों की दर से सहायता राशि उपलब्ध अपने राज्य में करायी। साथ ही राशन का प्रबंध, फसल क्षति के लिए सहायता, पुल-पुलियों का निर्माण, सिंचाई तंत्र व्यवस्था दुरुस्त की गई है। सबका आकलन कर के वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री को जानकारी दे दी गई है। बाकी निर्णय केंद्र सरकार को करना है।

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