मलिकाइन के पाती- कोउ नृप होई हमें का हानी, चेरी छोड़ ना होखब रानी

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पांव लागीं ए मलिकार। कबहूं रउरा के पाती टाइम पर नइखीं पठा पावत। कई बेर त लिखनीहार खोजे के परत बा आ कबो कवनो ना कवनो काम जहुआ देता। बूझ जाईं मलिकार कि आज पांच दिन हो गइल, मिजाज अइसन सर्दिया गइल रहल हा कि ओकर असर आजो बा। पांडे बाबा सुननीं त दस गो गोटी कीन के भेजववनी। कहनी कि तीन टाइम एकहे गो गोली खाइल करिह। दू दिन ले त कवनो फायदा ना भइल मलिकार। एने कुछऊ खाये के मन ना करे। मन हरदम बोखरइयाइले रहे। काल्ह कनिया काकी के कहला पर काढ़ा बना के दिनभर में तीन बेर पियनी। खरबिरवा दवाई के फायदा बुझाइल। आज सबेरे से तनी मन टनमनाइल बा।

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ए मलिकार, लोग कहेला कि अंगरेजी दवाई जादू अइसन फायदा करेला। हमरा काहे ना कइलस। ई बात पांड़े बाबा सुननी त कहे लगनी कि नकली दवाई दे दिहले बा। उहां के त ओही बेरा दोकनदारवा से फरियावे खातिर साइकिल निकाल लिहले रहनी। बाकिर हमरा मनवला से मान गइनी। हमरा बुझाइल मलिकार कि तनिका सा बात खातिर बुढ़ऊ कतहीं मार-पीट क लिहले त बड़हन गुनाह हो जाई। ई त केहूं गतिया टर गइल आ हमरा कमजोरी छोड़ के अब कवनो बेमारी आज नइखे बुझात। एके बात हमरा अबही ले समझ में नइखे आवत कि जवना डाक्टर के लोग भगवान बूझ के इलाज करावे ला, ओकनी के ओइसन दोकान वाला कीहां काहें दवाई खातिर भेजे ले सन, जवन रोग नीमन करे के जगहा जान लेबे खातिर दवाई बेचे ले सन। एकनी पर कवनो करवाई ना होखे ला मलिकार।

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सुनी ले कि पटना में हरदम नकली दवाई पकड़ात रहेला। काल्ह पांड़े बाबा एही नकली दवाई के बतकही में बतावत रहवीं कि बूंट के सतुआ आ अस्पताल में सपलाई होखे वाला विटामिन के मिला के नकली विटामिन के केपसुल बनावत बाड़े सन। ई बात उहां के पंचदेउरी वाला पाहुन बतवले रहनी कबो। रउरा त जानते होखब कि उहां के बलौक के सरकारी डागदर हईं। उहां के बतवले रहनी कि अस्पतलवा में जवन पीयर-पीयर विटामिन के गोली आवेला, ओइमें से डागदर लोग चोरा के बेच देला आ नकली दवाई बनावे वाला कीन के ले जाले सन। ओही में बूंट के सतुआ मिला के विटामिन के केपसुल बना देले सन। लोगवो सरकारी अस्पताल में ना जाव, प्राइवेट  में लोग के मजा मिलेला। तीन के जगहा तेरह खरच करेला लोग। रोग नतिया त छूटबे ना करे। किसिम-किसिम के जांच होला ओइजा। खरचा-पर खरचा। होटल अइसन ओह अस्पताल में आराम मिलेला। ओकर खरच ऊपर से। हमरा त आज ले ई समझे में ना आइल कि अस्पाताल में लोग आराम करे जाला कि नीरोग होखे खातिर। थोरहीं दिन पहिले सुने में आइल रहे कि अपना ओर के एगो गवइया लड़की के बोखार के इलाज करे में अइसन दवाई दिहले सन कि दवइये से ओकर जान चल गइल। केहू कहत रहे कि पटना के कवनो नामी अस्पताल में ओकर इलाज चलत रहे। भगवान अइसन लोग के कबो भला ना करिहें मलिकार। रउरा तनी संभर के रहेब। सीजन सर्दी-बोखार के चलल बा।

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गांव-जवार के हाल ठीक बा। वोट के हल्ला एही घरी से मच गइल बा। पांड़े बाबा के दुअरा रोज इहे बतकही होता कि केतनो केहू कुछ क लेव, मोदी जीउवा के कुरसी अबकियो पक्का बा। पपुआ केकरा के कहत रहुवे लो मलिकार। हमरा ना बुझउवे। कहत रहुवे लोग कि पपुओ उपाय नीमन कइले बा, बाकिर मोदी जी के कुछ बिगाड़ ना पाई। जाये दीं, हमहूं का लेके बइठ गइनी। केहू जीते-हारे, हमनी के ऊपर त काल्हो नौ मन महंगाई लदाइल रहे, अब बारह मन हो जाई। हमनी के कवनो फरक नइखे परे के। बाकिर एगो बात बा मलिकार। लालू के लाल लोग पर अहीर-मियां देयाल बा लोग। तीजवा के पहिले चूड़ीहारी टोला के चुड़ामन मियां सवाखन के सामान बेचे आइल रहले। हमहू चूड़ी कीननी। बाते बात में पूछ दीहनी कि अबकी केकरा के दियाई मोलबी साहेब। त ऊ कहले- ए मलकिनी, हमरा टोला त सबहर लालू जी के वोट बा। अहिरौली के लोग अहीर लोग टूट के लालू जी के दी। एह से हमरा बुझाता मलिकार, अबकी वोट मोदी जी के नाम पर ओंह गंतिया ना मिली, जइसन पहिलका बेर मिलल रहे। कुछऊ होखे, हमनी पर कवन फरक लपरे के बा। रामायन में कहल बा नू- कोऊ नृप होई हमें का हानी, चेरि छोड़ ना होखब रानी।

राउरे, मलिकाइन

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