बिहार में कट सकता है भाजपा के आधे सांसदों का टिकट

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पटना। भाजपा के कई सांसदों पर तलवार लटकी हुई है। अगर सूचनाएं सही हैं तो लोकसभा के पिछले चुनाव में जीते आधे सांसदों का टिकट कट सकता है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उम्मीदवारों के चयन के लिए सर्वे कर रहे हैं। हाल ही में वह उत्तर प्रदेश के दौरे पर थे और वहां यह संकेत दे दिया कि 22 से 28 लोगों को पुनः टिकना मुश्किल है। इन लोगों में दो नाम उल्लेखनीय है- उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी। अगली बार इन्हें टिकट नहीं मिलेगा। बहुत हुआ तो इनके गुस्से को शांत करने के लिए भाजपा इन्हें संरक्षक मंडल का सदस्य बना सकती है।

बिहार भाजपा में पिछली बार 22 सांसद चुने गये थे। इनमें कुछ नाम उम्र के हिसाब से तो कुछ नाम अपनी दल विरोधी गतिविधियों के कारण टिकट से वंचित हो सकते हैं। ऐसे नामों में शत्रुघ्न सिन्हा और कीर्ति आजाद के नाम सर्वोपरि हैं। जिन लोगों के टिकट काटे जाने की संभावना भाजपा में बन रही है, उनमें शत्रुघ्न सिन्हा, कीर्ति आजाद, भोला सिंह, अश्विनी चौबे, हुकुमदेव नारायण यादव, छेदी पासवान, राधामोहन सिंह और गिरिराज के नाम शामिल हैं।

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शत्रुघ्न सिन्हा और कीर्ति आजाद ने पहले से ही भाजपा में रह कर पार्टी विरोधी आचरण के अनगिनत उदाहरण पेश कर दिये हैं। इसलिए भाजपा के लिए ये दूध की मक्खी के समान हैं। साथ ही जिन सांसदों का काम संतोषजनक नहीं है, उनके नाम भी भाजपा की अगली फेहरिश्त में नहीं होंगे। बहुत हुआ तो कुछ के चुनाव क्षेत्र बदले जा सकते हैं या उन्हें राज्यपाल या संरक्षक मंडल के सदस्य के रूप में जगह मिल सकती है।

यही वजह है कि अमित शाह के आगमन को केंद्र कर भाजपा की रोज बैठकें हो रही हैं। हर भाजपाई की सक्रियता इन दिनों बढ़ गयी है। बाहर से सभी उत्साहित तो दिखते हैं, लेकिन अंदर ही अंदर उनमें भारी भय व्याप्त है।

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