बिहार के नियमित कर्मियों को लाक डाउन की अवधि का मिलेगा वेतन

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बिहार को आपदा प्रबंधन के लिए केंद्र से अगले पांच साल में 7,824 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। यह कहना है पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का।
बिहार को आपदा प्रबंधन के लिए केंद्र से अगले पांच साल में 7,824 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। यह कहना है पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का।

पटना। बिहार के नियमित सरकारी कर्मियों को लाक डाउन की अवधि का वेतन मिलेगा। यह घोषणा बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने की है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए 24 मार्च, 2020 से लागू लाक डाउन की अवधि में किन्हीं कारणों से अनुपस्थित रहने वाले नियमित सरकारी कर्मियों को बड़ी राहत देते हुए मार्च-अप्रैल के उनके वेतन भुगतान का निर्णय लिया गया है। संविदा व आउटसोर्स के तहत काम करने वाले कर्मियों को भी लाक डाउन की अवधि का उनकी नियुक्ति की शर्तों के अधीन वेतन भुगतान का पहले ही निर्णय लिया जा चुका है।

मोदी ने कहा कि वैसे कर्मी जो प्रतिदिन लोकल ट्रेन से यात्रा कर सचिवालय आते थे, को 03 मई तक उपस्थिति से छूट दी गई है। अतः ऐसे कर्मी लाक डाउन की अवधि में उपस्थित माने जायेंगे। इसके अलावा सरकारी कार्य से भ्रमण पर गए और 24 मार्च से लाक डाउन लागू होने की वजह से मुख्यालय से बाहर रहे कर्मियों को भी उपस्थित माना जायेगा। उनके वेतन में कोई कटौती नहीं होगी।

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वैसे कर्मी, जो विधिवत मुख्यालय छोड़ने की अनुमति लेकर अथवा अवकाश स्वीकृत करा कर लाॅकडाउन से पहले बाहर गए और अचानक लाॅकडाउन की घोषणा के कारण सामान्य परिवहन का साधन नहीं मिलने से अगर मुख्यालय में उपस्थित नहीं हो सके, तो उन्हें भी कत्र्तव्य पर उपस्थित माना जायेगा। मगर बिना अवकाश स्वीकृत कराए और अनुमति लिए मुख्यालय से बाहर रहने वाले कर्मियों को मुख्यालय वापस आने और नियमानुसार अनुमान्य अवकाश स्वीकृत कराने के बाद ही लाक डाउन अवधि का वेतन भुगतान किया जायेगा। वही, लाक डाउन अवधि में अपने निर्घारित मुख्यालय में उपस्थित रहने वाले वैसे सभी कर्मियों को जो भले ही प्रत्येक कार्यदिवस को निर्धारित अवधि में कार्यालय में उपस्थित नहीं रहे हो, को वेतन का भुगतान किया जायेगा।

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उन्होंने कहा कि लाक डाउन में फंसे छात्रों-मजदूरों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने को लेकर बसें भेजने के बड़बोले दावे धरे रह गए, जबकि स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए संयम और सूझ-बूझ के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किया गया बिहार का व्यावहारिक आग्रह ही बड़ी राहत लेकर आया। मजदूर दिवस पर चली पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बिहार के 1200 श्रमिक राजस्थान से दानापुर पहुंचे। घर लौटे बिहार के सभी लोगों का उन्होंने हार्दिक स्वागत किया। इस भावपूर्ण पल के लिए हमें कठिन प्रतीक्षा करनी पड़ी।

उन्होंने कहा कि रेलवे ने विभिन्न स्थानों से एक दर्जन स्पेशल ट्रेनें चलायी हैं। लंबे सफर में जिस तरह से छात्रों-मजदूरों की सुविधा, सुरक्षा और लाक डाउन के नियमों का पालन किया गया, वह बसें भेजने की बोली लगाने वाले कभी न कर पाते। कोटा सहित अन्य राज्यों से भी छात्रों-मजदूरों को लाने की व्यवस्था की जा रही है। कोरोना काल में सरकार कल्याणकारी काम कर रही है, जबकि विपक्ष वक्त से पहले चुनावी मोड में दिख रहा है।

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