पीने वालों को पकड़े तो शराब की बुराई बताये पुलिसः नीतीश

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पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस को सलाह दी है कि पीने वालों के साथ अपराधी जैसा सलूक न करें, बल्कि उन्हें शराब की बुराई बता कर समझाएं। अगर किसी शराब पीने वाले को पुलिस वाले पकड़ें तो उसे समझाएं कि यह बुरी आदत है। शराब बुरी चीज है, इस बात को समझाने के लिए पुलिस भी कोशिश करे। वह लोगों को शराब नहीं पीने के लिए प्रोत्साहित करे। शराबबंदी कानून में होने वाले संशोधनों के बाद पुलिस की जिम्मेवारी और बढ़ जाएगी।

उन्होंने डीजीपी को भी सलाह दी कि वे अपने अधिकारियों से सामाजिक सुधार पर लगातार विमर्श करें। पुलिस के जो अफसर सामाजिक सुधार का काम कर सकते हैं, उन्हें इस काम में लगाएं। इस काम में जो बेहतर करेगा, उसे गृह विभाग सम्मानित करेगा।

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शुक्रवार को बिहार पुलिस स्वभिमान वाहिनी के स्थापना दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। बिहार पुलिस स्वभिमान वाहिनी देश की महिला पुलिस बटालियन है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस प्रसासनिक सुधार के लिए किये गये कामों पर अपनी राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पुलिस बल में महिलाओं को आरक्षण देने का महत्वपूर्ण फैसला लिया था। 2013 में फैसला लिया गया था कि पुलिस की बहाली में 37 फीसदी आरक्षण महिलाओं को दिया जाएगा। इसका बेहतर नतीजा आज सबके सामने है।

नीतीश ने पुलिस की कार्यशैली में आये बदलाव की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि पहले पुलिस की पोशाक ठीक नहीं हुआ करती थी। पुलिस वाले गले में गमछा लपेट कर घूमते थे। पुलिस की गाड़ी को धक्का देकर चलाना पड़ता था।

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पुलिस के पास आधुनिक हथियार नहीं थे। पुलिस के पास थ्री नॉट थ्री होता था तो अपराधियों के पास एके- 47 जैसे हथियार। थानों में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कागज तक नहीं होते थे। हमारी सरकार ने इन खामियों को दूर करने की कोशिश की। आधुनिक हथियार और नये वाहन खरीदे गये। एक लाख की आबादी पर कितना पुलिस बल होना चाहिए, इसके लिए बहाली शुरू करायी गयी। पहले के अफसर इस डर से बहाली नहीं करते थे कि कहीं कोई विवाद न हो जाए।

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