नेतरहाट में 10 से 15 फरवरी तक जनजातीय व लोक चित्रकला शिविर

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नेतरहाट में होने वाले कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते रणेंद्र और अन्य
नेतरहाट में होने वाले कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते रणेंद्र और अन्य

रांची। नेतरहाट में 10 से 15 फरवरी तक जनजातीय एवं लोक चित्रकला शिविर का आयोजन होगा। केरल से हिमाचल तक के आदिवासी चित्रकार जुटेंगे। डॉ रामदयाल मुण्डा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान की ओर से राष्ट्रीय जनजातीय एवं लोक चित्रकला शिविर का आयोजन किया जा रहा है। पूरे देश से आदिवासी एवं लोक चित्रकार 10 से 15 फरवरी तक नेतरहाट, लातेहार  में अपनी चित्रकला का प्रदर्शन करेंगे। केरल से हिमाचल तक के आदिवासी एवं लोक चित्रकार अपने रंगों के जादू को कैनवास पर उकेरेंगे। राज्य में पहली बार आदिवासी एवं लोक चित्रकारों का मिलना अपने आप में एक ऐतिहासिक एवं अपूर्व परिघटना है। उक्त बातें डॉ रामदयाल मुण्डा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के निदेशक रणेन्द्र कुमार ने संस्थान में आयोजित संवादादाता सम्मेलन में मीडिया के प्रतिनिधियों से कही।

पहली बार देश के आदिवासी एवं लोक चित्रकारों का हो रहा महामिलान

रणेन्द्र कुमार ने बताया कि राज्य में पहली बार पूरे देश के आदिवासी एवं लोक चित्रकारों का महामिलान होने जा रहा है। आदिवासी एवं लोक चित्रकारों को एक साथ एक मंच पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। जहां सभी कलाकार एक दूसरे से रू-ब-रू होगें और अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।

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राष्ट्रीय जनजातीय एवं लोक चित्रकला शिविर में झारखण्ड के सोहराई, कोहबर, जादोपटिया व पेटकर शैली के चित्रकारों के साथ-साथ महाराष्ट्र के वर्ली, मध्यप्रदेश के गोन्ड, केरल के मुरल, तमिलनाडू के तंजौर, कर्नाटक के चित्तारा, गुजरात के पिठोरा, राजस्थान के फाड़, उड़ीसा के शउरा, लद्दाख के टांका, हिमाचल के कांगड़ा व पहाड़ी, बगांल के पट्टचित्र, बिहार के मधुबनी शैली के चित्रकार अपनी चित्रकारी का जादू बिखेरेंगे।

श्री कुमार ने कहा कि 10 फरवरी को 12 बजे मध्याह्न राष्ट्रीय जनजातीय एवं लोक चित्रकला शिविर का उद्घाटन किया जायेगा। शिविर का उद्घाटन चित्रकला में भाग ले रहे सबसे बुजुर्ग चित्रकार से कराया जायेगा। वहीं उन्होंने बताया कि शिविर का समापन 15 फरवरी को होगा, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केन्द्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुण्डा एवं कल्याण मंत्री चंपई सोरेन के शामिल होने की उम्मीद है।

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रणेन्द्र ने कहा कि चित्रकला के साथ-साथ लोग नृत्यकला से भी परिचित्र हो सके इसके लिये 11 फरवरी को सराइकेला-खरसांवा का प्रसिद्ध छउ नृत्य का आयोजन किया जायेगा साथ ही 14 फरवरी को पदम्श्री मधु मंसूरी का गायन प्रस्तुत किया जायेगा। संवाददाता सम्मेलन में वरीय चित्रकार डा. भारती, सुमन टोप्पो, दिनेश सिंह एवं दिलीप टोप्पो, रुम्बूल संस्था की डा. मीनाक्षी मुण्डा, देवजानी बोस डेवलपमेन्ट कंसल्टेंट, जस्टिन इमाम सोहराई एवं कोहबर चित्रकला के विशेषज्ञ एवं रामप्रसाद बड़ाईक विशुनपुर प्रमुख गुमला सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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